बड़ामलहरा बीएमओ को कलेक्टर ने दिए हटाने के निर्देश, डीएचएस की बैठक में न आने पर बीएमओ की एक दिन की वेतन काटी।
स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित, डॉ. राकेश शुक्ला को सौंपा गया था कार्यभार जल्द ही बड़ामलहरा को मिलेगा नया बीएमओ

डीएचएस बैठक में अनुपस्थिति पर वेतन कटौती का आदेश
???? एक माह से बीना सूचना के ड्यूटी से गायब थे बीएमओ डॉ. केपी सिंह
???? कलेक्टर ने सीएमएचओ को दी कार्रवाई की सख्त हिदायत
???? डीपीएम ने उठाया हर बार नए डॉक्टर के आने का मुद्दा
बड़ामलहरा बीएमओ डॉक्टर केपी सिंह को एक हफ्ते में बदलने की निर्देश कलेक्टर पार्थ जायसवाल ने जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक के दौरान दिए और बीएमओ डॉ केपी सिंह के जिला स्वास्थ समिति की बैठक में बगैर सूचना के अनुपस्थित रहने पर कलेक्टर ने नाराजगी व्यक्त करते हुए सीएमएचओ को एक दिन की वेतन काटने की भी निर्देश दिए।
शुक्रवार को जिला पंचायत सभागार में कोई जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में कलेक्टर पार्थ जयसवाल ने सबसे ज्यादा नाराजगी बड़ा मलहरा बीएमओ पर जताई बड़ा मलहरा बीएमओ जो बगैर छुट्टी के पिछले एक माह से बीमारी का बहाना बनाकर ड्यूटी से गायब थे जिस पर कलेक्टर ने बगैर छुट्टी के गायब रहने पर सीएमएचओ डॉक्टर आरती गुप्ता को एक दिन की वेतन काटने की निर्देश दिए साथ
डीपीएम ने कहा हर बैठक में नया डॉक्टर
जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक के दौरान जिला कार्यक्रम प्रबंधक राजेंद्र खरे ने कहा कि बड़ा मलहरा में स्थाई बीएमओ ना होने तथा हर बैठक में अलग-अलग डॉक्टर के आने से कलेक्टर महोदय के निर्देश का पालन नहीं हो पाता है
जिसे तत्काल संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर ने कहा कि यदि एक हफ्ते के अंदर बीएमओ नहीं बदला तो मैं एसडीएम को बाद मिलेगा प्रभार दे दूंगा तो वहीं डॉ केपी सिंह का पक्ष लेते हुए सीएमएचओ ने कहा कि बीएमओ हाईकोर्ट से स्टे पर है जिस पर तत्काल कलेक्टर पार्थ जायसवाल द्वारा नाराजगी व्यक्त की और कहा कि स्टे काम करने का मिला है घर पर बैठने का नही।
हाईकोर्ट से झूठ बोल के लिया था केपी सिंह ने स्टे
हाईकोर्ट मे जवाब हुआ दाखिल
बीएमओ डॉ केपी सिंह द्वारा हाईकोर्ट मे झूठ बोल के स्थगन आदेश लेने के मामले में सीएमएचओ डॉ आरपी गुप्ता हाईकोर्ट में जवाब लगा दिया है जिसकी सुनवाई शीघ्र हाईकोर्ट में होगी
दरअसल बड़ामलहरा के बीएमओ के पद से बीएमओ डॉ केपी सिंह को सीएमएचओ ने हटा दिया था जिस पर केपी सिंह ने अपने वकील के द्वारा हाईकोर्ट में झूठे तथ्य रख के स्थगन आदेश ले लिया था जिसमें डॉ केपी सिंह ने अपनी नियुक्ति लोकसेवा आयोग (पीएससी) से बीएमओ के पद पर होना बताई थी इस स्थगन आदेश का हाई कोर्ट में बहस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। वायरल हुए वीडियो में डॉ केपी सिंह के वकील जज से कहते हुए दिखाई पड़ रहे है कि केपी सिंह की नियुक्ति एमपीपीएससी द्वारा बीएमओ बड़ा मलहरा के पद पर हुई थी और इनको हटाकर डॉक्टर हरगोविंद राजपूत को बीएमओ का प्रभार दे दिया जिसकी वजह से डॉक्टर केपी सिंह कहीं काम नहीं कर पा रहे हैं इस बहस के बाद हाई कोर्ट जज ने केपी सिंह को स्टे आदेश दे दिया था जिसके बाद डॉ केपी सिंह को सीएमएचओ बीएमओ के पद पर ज्वाइन करा लिया। लेकिन अब सीएमएचओ ने हाईकोर्ट में जवाब सही तथ्यों के साथ लगा दिया जिसमें केपी सिंह की प्रथम नियुक्ति पीएससी से रामटोरिया होना बताई गई है।
एक माह से बीमारी का बहाना बना के गायब थे बीएमओ
बीएमओ केपी सिंह बगैर सूचना ओर छुट्टी के एक माह से अपने कर्तव्य स्थल से गायब थे और बीएमओ का चालू कार्यभार डॉ राकेश शुक्ला को दे दिया था जिससे स्वास्थ सेवाएं प्रभावित हो रही थी लेकिन कलेक्टर पार्थ जयसवाल के निर्देश के बाद संघी अब जल्दी ही बड़ामलहरा ब्लॉक को नया बीएमओ दे देंगे जिससे बिगड़ी हुई स्वास्थ सेवाओं में सुधार हो सके।