जिन बंदियों की जमानत हो चुकी उन्हें रिहा नहीं किया गया,उनकी सूची तत्काल उपलब्ध कराए जेल प्रशासन । एडीजे

राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती पारुल पँवार ने 21 अगस्त को जिला कारागार उरई का साप्ताहिक निरीक्षण व विधिक शिविर आयोजित किया। उन्होंने जमानत होने के बावजूद रिहा न हुए बंदियों की सूची तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए और विधिक सहायता, महिला बंदियों व बच्चों की देखभाल सहित अन्य व्यवस्थाओं की समीक्षा की।

जिन बंदियों की जमानत हो चुकी उन्हें रिहा नहीं किया गया,उनकी सूची तत्काल उपलब्ध कराए जेल प्रशासन । एडीजे

जमानतशुदा बंदियों की सूची मांगी – सक्षम न्यायालय से जमानत मिलने के बावजूद गारंटर न होने पर रिहाई न होने वाले बंदियों की सूची तुरन्त उपलब्ध कराने के निर्देश

गरीब बंदियों की जमानत राज्य स्तर से – आर्थिक रूप से कमजोर बंदियों की जमानत जिला अधिकार प्राप्त समिति के माध्यम से कराने पर जोर

विधिक सहायता पर फोकस – जिन बंदियों का कोई निजी अधिवक्ता नहीं, उन्हें मुफ्त विधिक सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश

महिला बंदियों व बच्चों की व्यवस्था – चिकित्सा, खान-पान और सुरक्षा को लेकर निरीक्षण

विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन – स्थायी लोक अदालत, लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल सिस्टम व प्ली बार्गेनिंग स्कीम पर दी गई जानकारी

जेल प्रशासन व अधिकारी मौजूद – निरीक्षण व शिविर में जेल अधीक्षक, कारापाल, चिकित्साधिकारी और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिकारी उपस्थित

उरई । राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती पारुल पँवार ने दिनांक 21.08.2025 को जिला कारागार उरई का साप्ताहिक भ्रमण एवं विधिक शिविर का आयोजन किया। उन्होंने विभिन्न बैरकों का भ्रमण किया और वहां निरूद्ध बन्दियों से पूछ-तांछ करते हुये उनकी समस्यों को जाना समझा तथा जेल प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। इस मौके पर जेल प्रशासन के अधिकारीगण मौजूद थे।

                   निरीक्षण में सचिव/अपर जिला जज, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती पारुल पँवार ने जिन बन्दियों की जमानत सक्षम न्यायालय से हो चुकी हैं किन्तु जमानतगीर न होने के कारण रिहा नहीं हो पा रहे हैं, उनकी सूची अविलम्ब जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जालौन के कार्यालय में प्रेषित किये जाने हेतु जेल प्रशासन को निर्देशित किया, जिससे कि उन बन्दियों के सम्बन्ध में प्रभावी पैरवी कर उन्हे शीघ्रता से कारागार से रिहा करवाया जा सकें एवं जिन बन्दियों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं हैं उनकी जमानत राज्य की ओर से जिला अधिकार प्राप्त समिति जालौन के माध्यम से करवायी जा सकें। बन्दियों के मुकदमों की पैरवी, उनको दी जाने वाली विधिक सहायता/सलाह और महिला बन्दी व उनके साथ रह रहे बच्चों की चिकित्सा व खान-पान इत्यादि के बारे में जाना-परखा। उन्होंने कई बन्दियों से अलग-अलग जानकारी ली एवं जेल प्रशासन को निर्देशित किया कि कोई भी ऐसा बन्दी जिसका निजी अधिवक्ता न हो अथवा विधिवत् ढंग से न्यायालयों में पैरवी न हो पा रही हो, को विधिक सहायता दिलाये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें। 

         इसके उपरान्त स्थायी लोक अदालत एवं लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल सिस्टम के लाभ विषय पर विधिक साक्षरता शिविर की अध्यक्षता करते हुये सचिव/अपर जिला जज श्रीमती पारुल पँवार ने शिविर का शुभारम्भ किया। उक्त शिविर में डिप्टी चीफ एलएडीसी श्री उमेश कुमार मिश्रा एवं असिस्टेंट-प्रथम एलएडीसी श्री अभिषेक पाठक ने लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल सिस्टम के लाभ एवं प्ली बार्गेनिंग स्कीम के लाभ के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी। 

                  इस अवसर पर जेल अधीक्षक श्री नीरज देव, कारापाल  प्रदीप कुमार, चिकित्साधिकारी डॉ० राहुल बर्मन, उपकारापाल  अमर सिंह व  रामलखन तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जालौन के लिपिक  शुभम् शुक्ला उपस्थित रहे।