आयुष्मान आरोग्य मेला में व्यवस्थाओं पर जोर, 20 नोडल अधिकारी तैनात किए गए स्वास्थ्य योजनाओं की निरंतर निगरानी के निर्देश,ढिलाई बर्दाश्त नहीं - जिलाधिकारी
उरई में जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में वित्तीय प्रगति, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य योजनाओं और विभिन्न स्वास्थ्य पोर्टलों की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने सीएचसी कालपी, कदौरा और जिला पुरुष चिकित्सालय की न्यूनतम प्रगति पर चिंता जताई और लंबित भुगतानों को तुरंत पूर्ण कराने के निर्देश दिए। ब्लॉकों छिरिया और रामपुरा के खराब सूचकांकों पर सुधार के लिए प्रभारी अधिकारियों को नियमित अनुश्रवण करने और राज्य औसत से अधिक उपलब्धि हासिल करने के निर्देश दिए। बैठक में आरसीएच, एचएमआईएस, मंत्रा, ई-रूपी वाउचर और एफबीएनसी पोर्टल की समीक्षा की गई

आरसीएच, एचएमआईएस, मंत्रा, ई-रूपी वाउचर और एफबीएनसी पोर्टल की समीक्षा
जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक में बजट, पोर्टल और मातृ-शिशु योजनाओं की प्रगति पर दिए निर्देश
उरई । जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने विकास भवन स्थित रानी लक्ष्मीबाई सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति शासी निकाय की स्वास्थ्य विभाग की वित्तीय प्रगति, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य योजनाओं और विभिन्न पोर्टलों की स्थिति पर विस्तृत समीक्षा कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
समीक्षा में वर्ष 2025-26 की वित्तीय प्रगति पर बात करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि सीएचसी कालपी, कदौरा तथा जिला पुरुष चिकित्सालय की प्रगति न्यूनतम पाई गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य स्तर से बजट उपलब्ध होते ही सभी लंबित भुगतान तत्काल पूर्ण कराए जाएं। इसके साथ ही आकांक्षी ब्लॉक छिरिया और रामपुरा के खराब सूचकांकों पर चिंता जताते हुए प्रभारी चिकित्साधिकारियों को नियमित अनुश्रवण करने और राज्य औसत से अधिक उपलब्धि दर्ज करने के निर्देश दिए।जिलाधिकारी ने यूनिसेफ एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधियों द्वारा संयुक्त भ्रमण न किए जाने पर असंतोष जताया और कहा कि विभागीय तथा मॉनीटरिंग रिपोर्ट में भिन्नता को तत्काल दूर किया जाए। बैठक में आरसीएच, एचएमआईएस, मंत्रा, ई-रूपी वाउचर तथा एफबीएनसी पोर्टल की समीक्षा की गई। कई ब्लॉकों में अपेक्षित सुधार न होने पर जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी संबंधित अधिकारी समयबद्ध कार्ययोजना बनाकर शत-प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि डेटा फीडिंग और रिपोर्टिंग में लापरवाही अस्वीकार्य है। सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से निभाएं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि मातृ पंजीकरण 84 प्रतिशत से बढ़कर 138.9 प्रतिशत तक पहुंचा है, जबकि प्रथम तिमाही पंजीकरण भी 40 प्रतिशत से बढ़कर 60.1 प्रतिशत तक दर्ज किया गया है। हालांकि, जननी सुरक्षा योजना में कुछ ब्लॉकों की प्रगति औसत से कम रही है। इस पर जिलाधिकारी ने अधिक से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को प्रसव इकाई के रूप में विकसित करने और प्रत्येक संदर्भन का प्रतिदिन ऑडिट करने के निर्देश दिए। गर्भवती महिलाओं में उच्च जोखिम वाली श्रेणी (एचआरपी) की पहचान और प्रबंधन को जिलाधिकारी ने विशेष महत्व दिया। उन्होंने उपकेंद्र स्तर पर एएनएम की क्षमता संवर्धन करने और पीएमएसएमए दिवस पर कम से कम 15 से 20 प्रतिशत महिलाओं की पहचान कर उनका उचित प्रबंधन सुनिश्चित करने को कहा। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत स्कूल व आंगनबाड़ी स्क्रीनिंग की धीमी प्रगति वाले ब्लॉकों को सुधार लाने की हिदायत दी गई। ई-कवच पोर्टल पर आभा आईडी बनाने की सुस्त प्रगति पर भी जिलाधिकारी ने कहा कि संबंधित अधिकारी तत्काल सुधार लाएं।
जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद की स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण तरीके से जनता तक पहुँचना चाहिए। लक्ष्यों की पूर्ति हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस दिशा में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी केके सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नरेंद्र देव शर्मा, सीएमएस आनंद उपाध्याय, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी चंद्र प्रकाश सहित संबंधित अधिकारी व चिकित्सक मौजूद रहे।