उर्वरक की कालाबाजारी पर प्रशासन सख्त, दो प्रतिष्ठानों पर एफआईआर दर्ज,जिला कृषि अधिकारी ने किया आकस्मिक निरीक्षण

उरई में जिला प्रशासन ने उर्वरक कालाबाजारी रोकने के लिए आकस्मिक निरीक्षण किया। मै० किसान समृद्धि केन्द्र, कोंच और मै० श्रीराम इंटरप्राइजेज, जालौन में अनियमितताएँ पाई गईं। जांच में पता चला कि विक्रेताओं ने किसानों को उनकी जोत से अधिक उर्वरक बेचा और अन्य जिलों के किसानों को भी आपूर्ति की। स्टॉक पॉश मशीन में दर्ज होने के बावजूद प्रतिष्ठानों पर भौतिक रूप से उपलब्ध नहीं था। प्रशासन ने दोनों प्रतिष्ठानों के खिलाफ उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 और उर्वरक परिसंचलन नियंत्रण आदेश 1973 के उल्लंघन में एफआईआर दर्ज की। जिला कृषि अधिकारी ने चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसी अनियमितता करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

उर्वरक की कालाबाजारी पर प्रशासन सख्त, दो प्रतिष्ठानों पर एफआईआर दर्ज,जिला कृषि अधिकारी ने किया आकस्मिक निरीक्षण

उर्वरक नियंत्रण आदेश का उल्लंघन, प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई कर दो प्रतिष्ठानों पर एफआईआर दर्ज की

उरई । जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय के निर्देश पर जिला कृषि अधिकारी गौरव यादव ने उर्वरकों की नियमित आपूर्ति, वितरण और कालाबाजारी रोकने के लिए जनपद के विभिन्न प्रतिष्ठानों का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मै० किसान समृद्धि केन्द्र, कोंच और मै० श्रीराम इंटरप्राइजेज, जालौन में गंभीर अनियमितताएँ पाई गईं।जांच में पाया गया कि संबंधित विक्रेताओं द्वारा कृषकों को उनकी जोत से अधिक उर्वरक बेचा जा रहा था। साथ ही अन्य जनपदों के कृषकों को भी उर्वरक की आपूर्ति की गई। पॉश मशीन में दर्ज स्टॉक भौतिक रूप से प्रतिष्ठान पर उपलब्ध नहीं पाया गया, जिससे उर्वरक नियंत्रण आदेश का स्पष्ट उल्लंघन सिद्ध हुआ। इन गड़बड़ियों पर जिला प्रशासन ने कठोर रुख अपनाते हुए दोनों प्रतिष्ठानों के विरुद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 और उर्वरक परिसंचलन नियंत्रण आदेश 1973 का उल्लंघन मानते हुए एफआईआर दर्ज कराई है। मामला आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के अंतर्गत दर्ज किया गया है।

जिला कृषि अधिकारी ने कहा कि किसानों को किसी भी दशा में उर्वरक की कालाबाजारी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि भविष्य में भी यदि कोई विक्रेता इस तरह की अनियमितता करता पाया गया तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।