भ्रष्टाचार का जल जीवन मिशन, केंद्र ने बंद की मदद फिर भी नहीं हो रहा सुधार, सीआरडीएस संस्था ने मांगी जानकारी तो कार्यपालन यंत्री ने दी अनुशासनात्मक कार्रवाई की धमकी

ताजा मामला देवास जिले का सामने आया है। संस्था सीआरडीएस भोपाल की अध्यक्ष एवं आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ नीता सिंह ने 3 मई 2025 को कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग देवास में जल जीवन मिशन अंतर्गत देवास जिले में विभिन्न विकासखंडों देवास, सोनकक्ष, बागली एवं कन्नौज में संस्था सीआरडीएस को आवंटित 200 ग्रामों में पूर्ण निर्मित पानी की टंकी एवं पाइपलाइन बिछाने की 31 मार्च 2024 तक की स्थिति की जानकारी मांगी थी

भ्रष्टाचार का जल जीवन मिशन, केंद्र ने बंद की मदद फिर भी नहीं हो रहा सुधार,  सीआरडीएस संस्था ने मांगी जानकारी तो कार्यपालन यंत्री ने दी अनुशासनात्मक कार्रवाई की धमकी

निर्मित टंकियों की जानकारी देने की जगह थमाया भारी भरकम राशि जमा करने का नोटिस

आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ नीता सिंह ने कहा, जानकारी देने की जगह धमकाते हैं पीएचई के अफसर

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट जल जीवन मिशन को मध्यप्रदेश में अफसरों ने ऐसा पलीता लगाया है कि वह जल जीवन मिशन की जगह भ्रष्टाचार का मिशन बन गया है। मध्यप्रदेश में जल जीवन मिशन में हुए भ्रष्टाचार से तंग आकर केंद्र की मोदी सरकार ने अब अपने इस ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए आर्थिक सहायता देना बंद कर दिया है। मध्यप्रदेश में जल जीवन मिशन को लेकर हालत इस कदर खराब हैं कि अधिकारी अब जानकारी देने में आनाकानी कर रहे हैं।

ताजा मामला देवास जिले का सामने आया है। संस्था सीआरडीएस भोपाल की अध्यक्ष एवं आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ नीता सिंह ने 3 मई 2025 को कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग देवास में जल जीवन मिशन अंतर्गत देवास जिले में विभिन्न विकासखंडों देवास, सोनकक्ष, बागली एवं कन्नौज में संस्था सीआरडीएस को आवंटित 200 ग्रामों में पूर्ण निर्मित पानी की टंकी एवं पाइपलाइन बिछाने की 31 मार्च 2024 तक की स्थिति की जानकारी मांगी थी । कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग देवास ने पत्र क्रमांक 1325/सू.का. अ.धि/लो.स्वा.या. खण्ड/2025 दिनांक 14/05/2025 के माध्यम से यह बताया कि आवेदन में उल्लेखित बिंदु की जानकारी उपखंड कार्यालय से संबंधित होने के कारण संबंधित कार्यालय को निर्देशित कर दिया गया है। मामले में बड़ी बात यह है कि आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ नीता सिंह द्वारा चाही गई जानकारी खुद अपने कार्यालय से देने की बजाय प्रभारी कार्यपालन यंत्री अमित सिंह ने उक्त जानकारी उपखंड देवास, बागली, कन्नौज से होने के कारण उनके आवेदन को इन उपखंडों को अंतरित कर दिया गया है । तथा भविष्य के लिए उनसे ही संपर्क करने के लिए लेख किया।

छोटी सी जानकारी के लिए मांगी 22 हजार की राशि :

कार्यपालन यंत्री अमित सिंह के निर्देश पर सहायक यंत्री देवास ने पत्र क्र. 513 दिनांक 16 मई 2025 को सीआरडीएस की अध्यक्ष एवं आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ नीता सिंह को सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की धारा (6) (1) के तहत चाही गई जानकारी प्राप्त करने के लिए 9150 पृष्ठों के लिए 18 हजार 300 की राशि 7 दिन में जमा करने के निर्देश दिए।

7 दिन में राशि जमा न करने पर प्रकरण नस्तीबद्ध कर देने की धमकी दी। कुछ इसी तरह का पत्र 26 मई 2025 को पत्र क्र. 365 के जरिए सहायक यंत्री बागली ने भी डॉ नीता सिंह को भेजा। सहायक यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग बागली ने चाही गई जानकारी के लिए 4 हजार 04 रुपए 7 दिन में जमा करने के निर्देश दिए। इन्होंने भी प्रकरण नस्तीबद्ध का उल्लेख किया। उपखण्ड कन्नौद के सहायक यंत्री ने एक ग्राम शामिल होने के कारण संबंधित जानकारी देवास के माध्यम से प्रस्तुत होना बताया। 

जानकारी देने की जगह कहा, बर्बाद हो रहा शासन का समय :

सीआरडीएस की अध्यक्ष एवं आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ नीता सिंह ने एक बार फिर लोक सूचना अधिकारी एवं कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग देवास को पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि हमने जल जीवन मिशन में देवास जिले में 200 ग्राम में पूर्ण निर्मित पानी की टंकी एवं पाइपलाइन बिछाने की जानकारी सिर्फ जानकारी मांगी है। फिर मेरे से 22 हजार से अधिक की राशि किस दस्तावेज के लिए मांगे जा रहे हैं। इस पत्र के बाद भी जानकारी देने की जगह लोक सूचना अधिकारी एवं कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग देवास अमित सिंह ने लिखा कि आपके द्वारा राशि जमा नहीं करने की जगह अनावश्यक पत्राचार किया जा रहा है। इससे शासन का समय बर्बाद हो रहा है। अमित सिंह ने आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ नीता सिंह को धमकी भरे लहजे में लिखा कि आपके पत्राचार के संबंध में राज्य सूचना आयोग को भी अवगत कराते हुए आपके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हेतु भी लिखा गया है। इसके साथ ही श्री सिंह ने सूचना के अधिकार का आवेदन ही निरस्त कर दिया।

प्रथम अपीली अधिकारी ने भी की एक पक्षीय कार्रवाई:

आरटीआई एक्टिविस्ट एवं सीआरडीएस संस्था भोपाल की अध्यक्ष डॉ नीता सिंह ने लोक सूचना अधिकारी एवं कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग देवास की मनमानी निर्णय के खिलाफ प्रथम अपीलीय अधिकारी एवं अधीक्षण यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग उज्जैन में प्रथम अपील दायर कर चाही गई जानकारी दिलाने का आवेदन दिया। यहां भी अधीक्षण यंत्री राजीव खुराना ने डॉ नीता सिंह को सुनवाई का अवसर दिए बिना ही पत्र क्र. 2717 दिनांक 22 अगस्त 2025 को आरटीआई ऑर्डर में लिखा कि 21 अगस्त को प्रथम अपील की सुनवाई के दौरान डॉ नीता सिंह उपस्थित नहीं हुई। जबकि डॉ नीता सिंह का कहना है कि उन्हें प्रथम अपील की किसी भी माध्यम से कोई लिखित सूचना नहीं दी गई। यहां भी डॉ नीता सिंह को सुने बिना कार्यपालन यंत्री अमित सिंह के पक्ष में फैसला लेते हुए सीआरडीएस संस्था के अध्यक्ष का आवेदन खारिज करते हुए राज्य सूचना आयोग में अपील की सलाह दे डाली। I प्रथम अपीलीय अधिकारी एवं अधीक्षण यंत्री राजीव खुराना ने भी सहायक यात्रियों द्वारा राशि की मांग का समर्थन करते हुए 7 दिवस में राशि जमा करने के निर्देश डॉ सिंह को दिए।

राज्य सूचना आयोग पहुंचा मामला :

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अफसरों की मनमानी के खिलाफ सीआरडीएस संस्था की अध्यक्ष एवं आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ नीता सिंह ने अब अपनी चाही गई जानकारी प्राप्त करने के लिए राज्य सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया है। जहां आवेदन विचारार्थ है।