स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम तय,निर्धारित दस्तावेजों के साथ आवेदन करे।। सहायक निर्वाचन अधिकारी
लोक प्रनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 27 यह विनिर्दिष्ट करती है कि अर्हक तारीख उस वर्ष जिस वर्ष निर्वाचक नामावली के पुनरीक्षण की तैयारी शुरू हुई है

राजनीतिक दल बूथ लेवल एजेन्ट या आवासी कल्याण एसोशिएशन द्वारा बड़ी संख्या में भेजे गए आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा
उरई । भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार अर्हता तिथि 01.11.2025 के आधार पर इलाहाबाद-झांसी खण्ड स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की निर्वाचक नामावलियों का De-novo पुनरीक्षण कार्यक्रम के सम्बंध में सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण/जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी इलाहाबाद-झांसी खण्ड स्नातक निर्वाचन क्षेत्र एवं आयुक्त झांसी मण्डल झांसी के पत्र दिनांक 16 सितम्बर 2025 के साथ मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तर प्रदेश लखनऊ के पत्र दिनांक 12 सितम्बर 2025 के क्रम अर्हता तिथि 01.11.2025 के आधार पर विधान परिषद के खण्ड स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावलियों के De-novo पुनरीक्षण के सम्बंध में निम्न कार्यक्रम उपलब्ध कराए गए है। उन्होंने कहा कि दिनांक 30.09.2025 को निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम 1960 के नियम 31(3) के अंतर्गत सार्वजनिक नोटिस जारी किया जाना, दिनांक 15.10.2025 को निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम 1960 के नियम 31(4) के अंतर्गत समाचार पत्रों में नोटिस का प्रथम पुर्नप्रकाशन, दिनांक 25.10.2025 को निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम1960 के नियम 31(4) के अंतर्गत समाचार पत्रों में नोटिस का द्वितीय पुर्नप्रकाशन, दिनांक 06.11.2025 को फार्म 18 में आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि जैसी स्थिति हो, दिनांक 20.11.2025 को वह तिथि जिस तक पांडुलिपियों की तैयारी और आलेख्य निर्वाचक नामावलियों का मुद्रण किया जाना है, दिनांक 25.11.2025 को निर्वाचक नामावलियों का आलेख्य प्रकाशन, दिनांक 25.11.2025 से दिनांक 10.12.2025 तक दावे और आपत्तियां दाखिल करने की अवधि (निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम 1960 के नियम 12 के अंतर्गत), दिनांक 25.12.2025 को वह तिथि जिस तक दावे और आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा और अनुपूरक सूची तैयार और मुद्रित की जाएगी, दिनांक 30.12.2025 को निर्वाचक नामावलियों का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद-झांसी खण्ड स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के संदर्भ में भारत निर्वाचन आयोग के पत्र दिनांक 05.09.2016 पैरा-1.2 अर्हता/पात्रता स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में पंजीकरण के लिए व्यक्ति की पात्रता संविधान के अनुच्छेद 171(3) और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 27(3)(क), 27(5)(क) और 27(6) के उपबंधों के सम्बन्ध में निर्धारित की जाएगी। तद्नुसार कोई व्यक्ति जो अर्हक तारीख से कम से कम तीन वर्ष पहले से भारत के किसी प्रदेश में किसी विश्वविद्यालय का स्नातक है या यथा निर्धारित समतुल्य अर्हता रखता है और सम्बन्धित निर्वाचन क्षेत्र का सामान्य निवासी है, स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में निर्वाचक के रूप रजिस्ट्रीकृत होने का हकदार है। उन्होंने कहा कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 27(5) के अनुसार स्नातक निर्वाचक क्षेत्र की निर्वाचक नामावली में रजिस्ट्रीकृत होने के लिए किसी व्यक्ति को निम्न शर्ते पूरी करनी होगी। उन्होंने कहा कि स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में सामान्य निवासी होना चाहिए। अर्हक तारीख से कम से कम तीन वर्ष पहले या तो भारत के क्षेत्र में किसी विश्वविद्यालय से स्नातक होना चाहिए या लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 27 की उपधारा (3) के खंड (क) के अधीन निर्वाचन आयोग की सहमति से संबंधित राज्य सरकार द्वारा ऐसी अर्हता जो कि भारत के क्षेत्र में किसी विश्वविद्यालय के स्नातक के समतुल्य मानी जाती है को धारित करता हो। लोक प्रनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 27 यह विनिर्दिष्ट करती है कि अर्हक तारीख उस वर्ष जिस वर्ष निर्वाचक नामावली के पुनरीक्षण की तैयारी शुरू हुई है की पहली नवंबर होगी। स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की नामावली में नाम शामिल करने के लिए दावा आवेदन फार्म 18 में किए जाएगें। जैसा कि किसी व्यक्ति को आवेदक की साधारण निवासी अवस्था के सत्यापन के अतिरिक्त स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में नामांकन के लिए फार्म 18 में आवेदन करना होता है, इसलिए यह सत्यापित करना भी जरूरी है कि आवेदक अर्हक तारीख से कम से कम तीन वर्ष पूर्व के लिए अपेक्षित शैक्षिक योग्यताएं रखता हो। पात्र व्यक्ति को अपने नामों के नामांकन के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों में से किसी एक के साथ निर्धारित फार्म-18 में आवेदन करना चाहिए- संबंधित विश्वविद्यालय या संस्थान द्वारा जारी डिग्री/डिप्लोमा प्रमाण पत्र मूल रूप में या इसकी एक प्रति जिसे संबंधित जिले के पदनामित अधिकारी/अपर पदनामित अधिकारी / राजपत्रित अधिकारी द्वारा मूल डिग्री / डिप्लोमा प्रमाण पत्र के साथ विधिवत रूप से सत्यापित करने के पश्चात् अनुप्रमाणित किया गया हो या किसी कार्यालय / संस्थान के राजपत्रित प्रमुख द्वारा अपनी अभिरक्षा में रखे हुए सरकारी रिकार्ड में की गई प्रविष्टियों के आधार पर किसी स्नातक को जारी की गयी सरकारी रिकार्ड की प्रविष्टि या प्रमाण पत्र की एक प्रति या सावंविधिक निकायों, निगमों, या सार्वजनिक उपक्रमों के रिकार्ड में की गई प्रविष्टि की एक प्रति जिसमें दावेदार द्वारा अधिकृत डिग्री, डिप्लोमा या प्रमाण पत्र का विनिर्देशन दिया गया हो और जिसे संबंधित कार्यालय के प्रमुख द्वारा विधिवत रूप से अनुप्रमाणित किया गया हो या विश्वविद्यालय द्वारा जारी रजिस्ट्रीकृत स्नातक के रूप में रजिस्ट्रेशन कार्ड की एक अनुप्रमाणित प्रति रजिस्ट्रकृत स्नातक की सूची में संगत प्रविष्टि की एक प्रमाणित प्रति, अधिवक्ताओं की नामावली मेडिकल प्रैक्टिसनर का रजिस्टर, चार्टर्ड एकाउंटेंट्स का रजिस्टर, इंजीनियर्स संस्थान द्वारा अनुरक्षित इंजीनियर्स का रजिस्टर आदि या दावेदान द्वारा एक शपथ पत्र जिसे विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार या विश्वविद्यालय से संबंद्ध कालेज के प्रिंसिपल या ऐसे कालेज के विभागाध्यक्ष जिसके अंतर्गत उसने अध्ययन किया हो से एक प्रमाण पत्र द्वारा प्रमाणित किया गया हो या विश्वविद्यालय या संबंधित संस्थान द्वारा जारी की गयी मार्कशीट की मूल प्रति जिसका संबंधित जिले के पदानामित अधिकारी/अपर पदनामित अधिकारी / राजपत्रित अधिकारी / नोटरी पब्लिक द्वारा मूल मार्कशीट के साथ उचित सत्यापन के बाद अनुप्रमाणित किया गया हो वशर्ते कि यह स्पष्ट निर्देश हो कि दावेदान ने संबंद्ध परीक्षा उत्तीर्ण की है।
उन्होंने कहा कि आवेदन डाक द्वारा भी निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी / सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी / पदनामित अधिकारी को भेजे जा सकते है। इन आवेदनों के साथ आवेदक की डिग्री/डिप्लोमा प्रमाण पत्र/मार्कशीट या अन्य अपेक्षित दस्तावेज की प्रति संलग्न होनी चाहिए जिसे पदनामित अधिकारी/अपर पदनामित अधिकारी/संबंधित जिले के राजपत्रित अधिकारी / नोटरी पब्लिक द्वारा मूल डिग्री/डिप्लोमा प्रमाणपत्र / मार्कशीट या अन्य अपेक्षित दस्तावेज से विधिवत रूप से मिलान करके सत्यापित किया गया हो, संलग्न होनी चाहिए। यदि आवेदक अपने आवेदन को व्यक्तिगत तौर से, इस प्रयोजन के लिए विधिवत रूप से नियुक्त ईआरओ / सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी या पदनामित अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करता है तो वह उसके समक्ष मूल डिग्री/डिप्लोमा प्रमाणपत्र मार्कशीट प्रस्तुत करेगा। अधिकारी आवेदन के साथ प्रस्तुत किए गए डिग्री/डिप्लोमा प्रमाण पत्र/मार्कशीट प्रस्तुत करेगा। अधिकारी आवेदन के साथ प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों की जांच करेगा और स्वयं संतुष्ट होने के पश्चात् " मूल से सत्यापित किया और सही पाया गया " या " मूल से सत्यापित किया और सही नही पाया गया निरस्त किया गया" लिखेगा। वह संक्षिप्त जांच के चिन्ह के रूप में आवेदन पर आपने हस्ताक्षर, पूरा नाम और पिन संख्या (पदनामित अधिकारी के मामले में) लिखेगा और आवेदन को निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को अग्रेषित करेगा, जहां इसे एईआरओ/पदनामित अधिकारी को प्रस्तुत कर दिया जाता है।जिस किसी आवेदन पर उपर्युक्त प्रक्रिया नही अपनाई जाती है, उसे निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वार अपूर्ण करते हुए निरस्त कर दिया जाएगा। जैसा कि द्विवार्षिक / उप निर्वाचन से पहले प्रत्येक बार स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के लिए निर्वाचक नामावलियां नई तैयार की जानी होती है इसलिए ऐसे सभी व्यक्तियों, जिनके नाम मौजूदा नामावलियों में शामिल किए गए है, को भी निर्धारित प्ररूप में नए आवेदन जमा करवाना चाहिए।स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में नामांकन चाहने वाले व्यक्ति द्वारा निर्धारित प्ररूप 18 में प्रत्येक आवेदन के साथ अपेक्षित दस्तावेज / प्रमाणपत्र साथ में लगे होंगे। यह भी नोट किया जाए कि निर्वाचक नामावली में नामांकन के लिए किसी व्यक्ति की पात्रता का निर्धारण करने के लिए मौजूदा निर्वाचक नामावली में किसी प्रविष्टि का संदर्भ मात्र संज्ञान में कदापि नहीं लिया जाएगा। व्यक्तिगत रूप से या डाक द्वारा बडी संख्या में भेजे गए आवेदन पत्रों को शामिल करने पर निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा विचार नहीं किया जाएगा। उन्होने एपिक नम्बरो का संग्रहरण हेतु विशेष दिशा- निर्देश देते हुए कहा कि चूंकि स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों के लिए निर्वाचक नामावलियां प्रारूप 18 में नए आवेदन पत्र आमंत्रित करने के पश्चात प्रत्येक निर्वाचन से पहले नए सिरे से तैयार की जानी होती है वर्तमान निर्वाचक नामावली का कोई संदर्भ नहीं होना चाहिए।
आयोग ने स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों के लिए फोटो निर्वाचक नामावलियां तैयार करने का निर्णय लिया था। अतः स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों में नामांकित सभी निर्वाचकों के फोटो प्राप्त किए जाएगें। चूंकि विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में एपिक कवरेज बहुत अधिक है, अतः नामांकित सभी व्यक्तियों के एपिक नम्बर प्राप्त किए जाये। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 17 और 18 के उपबन्ध लागू होंगे, किसी भी व्यक्ति को किसी एक निर्वाचन क्षेत्र में एक समान श्रेणी में मतदाता के रूप में एक से अधिक बार पंजीकृत नही किया जा जायेगा। विधि एवं न्याय मंत्रालय की अधिसूचना दिनांक 17 जून 2022 द्वारा स्नातक निर्वाचन क्षेत्र हेतु निर्धारित प्रारूप 18 में आंशिक संशोधन किया गया है। नया संशोधित फार्म दिनांक 01 अगस्त 2022 से लागू है। प्रारूप 18 में आधार नम्बर हेतु जो क्षेत्र दिया गया है, वह स्वैच्छिक है। आवेदक को आधार नम्बर हेतु विवश नही किया जायेगा और नही आवेदन अस्वीकार करने का कारण होगा। आवेदकों के आधार नम्बर का रख-रखाव करते समय आधार (वित्तीय और अन्य प्रसुविधाओं, लाभों और सेवाओं का लक्षित परिदान) अधिनियम 2016 की धारा 37 के प्राविधानों का पालन किया जाना चाहिए। किसी भी परिस्थिति में यह सार्वजनिक नही होना चाहिए। यदि निर्वाचकों की सूचना सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए रख जानी हो तो आधार विवरण को हटा या छिपा देना चाहिए। आधार नम्बर के अंकन वाले प्ररूप 18 की हार्ड कापी को सुरक्षित रखने के संबंध में आधार के नियम 14 (1) (mb) के प्राविधानों का कड़ाई से पालन किया जायेगा जो कहता है कि आधार कार्ड या पत्र की छायाप्रतियां अथवा भौतिक प्रतियों के माध्यम से एकत्र किये गये आधार नम्बर के प्रथम 08 अंकों को प्राधिकारी द्वारा भौतिक प्रतियों के भण्डारण से पूर्व छुपा (Masked) या सम्पादित (Redact) कर देना चाहिए। इस प्रकार एकत्र प्रारूप 18 संलग्नों सहित डिजीटाइजेशन के पश्चात् निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा डबल लॉक की सुरक्षित कस्टडी में रखे जायेंगे। भौतिक प्रपत्रों के पब्लिक डोमेन में लीक होने या सार्वजनिक होने पर संबंधित अतिरिक्त सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी एवं पदाभिहित अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारम्भ की जायेगी। व्यक्तिगत रूप से या डाक द्वारा बडी संख्या में भेजे गए आवेदन पत्रों को शामिल करने पर निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा विचार नही किया जाएगा। संस्थानों के प्रमुख अपने सभी पात्र कर्मचारियों के आवेदन एक साथ अग्रेषित कर सकते है। इसी तरह से कोई व्यक्ति अपने परिवार के अन्य पात्र सदस्यों जो एक ही पते पर रह रहे हो के संबंध में फार्म 18 प्रस्तुत कर सकता है और प्रत्येक ऐसे सदस्य के सबंध में मूल प्रमाण पत्र प्रस्तुत करते हुए प्रमाण पत्र को सत्यापित करवा सकता है। किसी राजनीतिक दल बूथ लेवल एजेन्ट या आवासी कल्याण एसोशिएशन द्वारा बड़ी संख्या में भेजे गए आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पदनामित अधिकारी सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा दावे और आपत्तियां प्राप्त करने की अवधि के दौरान स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्येक मतदान केन्द्र के लिए एक पदनामित अधिकारी नियुक्त किया गया है। पदानामित अधिकारी दावे और आपत्तियां प्राप्त करने के लिए सभी कार्य दिवसों में कार्यालय समय के दौरान मतदान केन्द्रों पर उपलब्ध रहेंगे।