शिक्षक एमएलसी चुनाव: सुप्रीम कोर्ट के आदेश से विस्तारित दायरा और बढ़ी राजनीतिक सक्रियता* – श्रीचंद शर्मा
शिक्षक एमएलसी चुनाव 2025 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश और चुनाव आयोग की नई गाइडलाइन के चलते मतदाता दायरा व्यापक हुआ है। अब 10वीं से उच्च शिक्षा तक के मान्यता प्राप्त और 3 वर्ष अनुभव वाले शिक्षक मतदान का अधिकार पाएंगे। भाजपा सहित अन्य राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं। मेरठ और सहारनपुर मंडल की शिक्षक और स्थानक (ग्रेजुएट) एमएलसी सीटों पर चुनाव होने हैं। यह बदलाव न केवल लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करेगा बल्कि शिक्षा जगत को राजनीतिक पहचान भी देगा। भाजपा शिक्षक प्रकोष्ठ ने विद्यालयों में फॉर्म वितरण और शिक्षकों से संपर्क अभियान तेज कर दिया है।

रिपोर्ट:सुनील त्रिपाठी
शिक्षक एमएलसी चुनाव: सुप्रीम कोर्ट के आदेश से विस्तारित दायरा और बढ़ी राजनीतिक सक्रियता
– श्रीचंद शर्मा
10वीं से उच्च शिक्षा तक के मान्यता प्राप्त शिक्षक (3 वर्ष अनुभव सहित) होंगे मतदाता, राजनीतिक दलों की बढ़ी सक्रियता
लखनऊ/गाज़ियाबाद।शिक्षक एमएलसी (विधान परिषद सदस्य) चुनाव इस बार नए बदलाव और राजनीतिक रंगत के चलते सुर्खियों में है। अब तक यह चुनाव मुख्यतः सरकारी विद्यालयों तक सीमित माना जाता था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश और चुनाव आयोग की नई गाइडलाइन ने इसके दायरे को और व्यापक बना दिया है।
अब 10वीं कक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक के सभी मान्यता प्राप्त विद्यालयों के वे शिक्षक, जिन्हें कम से कम 3 वर्ष का अनुभव है, मतदाता बनने के पात्र होंगे। इसके लिए चुनाव आयोग ने शिक्षक एमएलसी हेतु फॉर्म-19 जारी किया है, जबकि स्थानक (ग्रेजुएट) एमएलसी के लिए पहले से फॉर्म-18 लागू है। प्रत्येक शिक्षक को पहचान पत्र, अनुभव प्रमाण-पत्र और प्रधानाचार्य द्वारा प्रमाणित मान्यता-पत्र के साथ आवेदन करना अनिवार्य होगा।
भाजपा की पहल, मैदान में उतरे प्रत्याशी
बीजेपी के वर्तमान शिक्षक सीट एमएलसी श्रीचंद शर्मा ने चुनाव आयोग के समक्ष इस व्यवस्था को सुदृढ़ करने की पहल की है। उनकी सक्रियता पर विद्यालयों की सूची तैयार की जा रही है, ताकि प्रत्येक मान्यता प्राप्त शिक्षक का नाम मतदाता सूची में सम्मिलित हो सके।
मेरठ और सहारनपुर मंडल की दो सीटों पर चुनाव होना है—
शिक्षक एमएलसी सीट से भाजपा के वर्तमान एमएलसी श्रीचंद शर्मा,
स्थानक (ग्रेजुएट) एमएलसी सीट से भाजपा के वर्तमान एमएलसी दिनेश गोयल मैदान में हैं।
श्रीचंद शर्मा वर्तमान में मेरठ-सहारनपुर मंडल की शिक्षक सीट से एमएलसी हैं और पूर्व में विधान परिषद, उत्तर प्रदेश की आवासीय परिवाद जांच समिति के सभापति भी रह चुके हैं।
राजनीतिक दलों की बढ़ी सक्रियता
अब तक अपेक्षाकृत शांत रहने वाला यह चुनाव इस बार पूरी तरह राजनीतिक रंग ले चुका है। भाजपा सहित अन्य प्रमुख दल भी शिक्षकों से संपर्क अभियान चला रहे हैं। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि इस बार मतदाता सूची में शामिल नए शिक्षकों की संख्या और उनका रुझान चुनावी नतीजों पर निर्णायक प्रभाव डालेगा।
लोकतंत्र और शिक्षा जगत का सेतु
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि 10वीं से उच्च शिक्षा तक के सभी मान्यता प्राप्त और 3 वर्ष का अनुभव रखने वाले शिक्षक अब अपने प्रतिनिधि चुनने के अधिकार से वंचित नहीं रहेंगे।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह बदलाव न केवल लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सशक्त करेगा बल्कि शिक्षा जगत को भी नई राजनीतिक पहचान देगा। आने वाले समय में यह चुनाव शिक्षा और राजनीति के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु साबित हो सकता है।
भाजपा की तैयारी, शिक्षक प्रकोष्ठ का अभियान
शिक्षक एमएलसी चुनाव को लेकर भाजपा ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। शिक्षक प्रकोष्ठ के महानगर संयोजक ब्रज भूषण शर्मा ने बताया कि जिले में एक बड़ी टीम पहले से विद्यालयों में सक्रिय है। इस टीम ने अब तक लगभग 125 विद्यालयों में फॉर्म-18 और फॉर्म-19 वितरित किए हैं तथा अब इन फॉर्मों को एकत्रित करने का कार्य शुरू हो गया है।
शर्मा ने कहा—
“मैं स्वयं चुनाव नहीं लड़ रहा हूँ, लेकिन जैसे कोई प्रत्याशी मैदान में कार्य करता है, उसी तरह मैं भी विद्यालयों और शिक्षकों से सीधे जुड़ रहा हूँ। यही मेरा संकल्प है।”
भाजपा महानगर अध्यक्ष मयंक गोयल के नेतृत्व में पार्टी का मानना है कि यह दोनों एमएलसी चुनाव ऐतिहासिक सिद्ध होंगे और भाजपा शिक्षकों तथा विद्यालयों के सम्मान में कोई कमी नहीं छोड़ेगी।