CM मोहन यादव कलेक्टरों पर भड़के: रीवा लाठीचार्ज और खाद अव्यवस्था के लिए कलेक्टर जिम्मेदार, कुर्सी खतरे में
मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिलों में खाद वितरण के संबंध में जिला प्रशासन आवश्यक व्यवस्था बनाए। उपलब्ध खाद की उचित वितरण व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से निरंतर संवाद और संपर्क में रहे। खाद वितरण की व्यवस्था में किसान संगठन के प्रतिनिधियों को भी जोड़ा जाए। जिलों में यदि खाद वितरण को लेकर अव्यवस्था होती है तो उसके लिए जिला कलेक्टर उत्तरदायी होंगे। राज्य सरकार हर स्थिति में किसानों के साथ है

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जिन-जिन क्षेत्रों में भी अतिवृष्टि और बाढ़ से फसलों को क्षति हुई है, वहां राहत के लिए तत्काल कार्रवाई आरंभ की जाए। साथ ही जनहानि और पशु हानि की स्थिति में 24 घंटे में राहत उपलबध कराई जाए।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उन कलेक्टरों की प्रशासनिक व्यवस्था पर नाराजगी जताई है, जो खाद वितरण के मामले में किसानों का गुस्सा कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं। खाद की कमी के नाम पर सरकार की किरकिरी हो रही है। ऐसे जिलों के कलेक्टरों को हटाने पर भी विचार किया जा सकता है।
सीएम ने कलेक्टरों से कहा कि, खाद वितरण सही नहीं हुआ, मतलब जिला नहीं चला पा रहे, हटाना होगा। मुख्यमंत्री ने यह नाराजगी रीवा में मंगलवार को खाद वितरण को लेकर उपजे असंतोष और वहां हुए लाठीचार्ज के चलते जताई है।
सीएम डॉ. यादव ने प्रदेश के अतिवृष्टि और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों और जिलों में खाद वितरण की स्थिति की सीएम हाउस से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा की।
खाद की उचित वितरण व्यवस्था सुनिश्चित की जाए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जिलों में खाद वितरण के संबंध में जिला प्रशासन जरूरी व्यवस्था बनाए। जिलों में उपलब्ध खाद की उचित वितरण व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। खाद वितरण के संबंध में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से जिला प्रशासन लगातार संवाद और संपर्क में रहे।
धार, दमोह, जबलपुर, रीवा जिले के कलेक्टरों से चर्चा
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने खाद वितरण व्यवस्था के संबंध में धार, दमोह, जबलपुर और रीवा जिले के कलेक्टरों से चर्चा की। दमोह कलेक्टर ने बताया कि किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से सतत् सम्पर्क और संवाद सुनिश्चित करते हुए वितरण व्यवस्था में उनका सहयोग लिया जा रहा है। साथ ही टोकन वितरण और उर्वरक वितरण को अलग-अलग किया गया है। टोकन तहसील कार्यालय से बांटे जा रहे हैं और वितरण विक्रय केन्द्रों से किया जा रहा है। जबलपुर कलेक्टर ने बताया कि किसानों के लिए टोकन वितरण की व्यवस्था फोन कॉल द्वारा सुनिश्चित की जा रही है। उर्वरक वितरण केन्द्रों पर डिस्पले बोर्ड लगाए गए हैं। बोर्ड न पर टोकन नंबर प्रदर्शित कर उर्वरक वितरण किया जा रहा है। डिस्पले बोर्ड पर जिले में उपलब्ध उर्वरकों की मात्रा भी प्रदर्शित की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अन्य जिलों को भी इस प्रकार के नवाचार अपनाने के निर्देश दिए।
रीवा, सीधी में खाद वितरण व्यवस्था सबसे खराब
बैठक में यह बात सामने आई कि खाद वितरण को लेकर सबसे अच्छी व्यवस्था शाजापुर, जबलपुर, दमोह और धार जिले की है। शाजापुर और जबलपुर में किसानों को ऑनलाइन टोकन देने की व्यवस्था है। जब खाद मिलनी होती है तो वे टोकन ले लेते हैं और जब उनका नंबर आता है तो पैसे जमा कर खाद उठा लेते हैं। ऐसे में किसानों के बीच मारामारी की स्थिति नहीं बनती है।
इसी तरह दमोह और धार में भी कलेक्टरों के इंतजाम की तारीफ हुई है। रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल और सीधी कलेक्टर स्वरोचित सोमवंशी के जिलों में खाद वितरण को लेकर कुछ दिन पहले विवाद और लाठीचार्ज की स्थिति बनी थी। इसके चलते ही सीएम ने बुधवार को अचानक बैठक बुलाई।
रीवा में लाइन में लगे किसानों पर लाठीचार्ज हुआ था दरअसल, रीवा जिले में खाद की किल्लत से परेशान किसानों का गुस्सा मंगलवार (2 अगस्त) देर रात फूट पड़ा था। करहिया मंडी में जब किसान खाद की अपनी मांग पर अड़े रहे और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी, तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। किसानों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा और भीड़ को तितर-बितर किया। लाठीचार्ज में कई किसान घायल हो गए।
पुलिस ने कहा- कंट्रोल के लिए हल्का बल प्रयोग किया जानकारी के मुताबिक रीवा समेत आसपास के क्षेत्रों में किसान खाद के लिए 24 से 48 घंटे तक लाइन में खड़े रहे। करहिया मंडी में सैकड़ों किसान रातभर लाइन में जमे रहे। लेकिन मंगलवार शाम को काउंटर बंद कर दिया गया। नाराज किसानों ने विरोध जताया तो हालात बिगड़ गए।