बच्चों की मौत के बाद डॉक्टर गिरफ्तार, जहरीले सिरप में DEG की पुष्टि, दवा कंपनी पर FIR ,मृतक बच्चों की संख्या 16 पहुंची, 11 की पुष्टि
छिंदवाड़ा में जहरीले कफ सिरप से 11 बच्चों की मौत के बाद प्रशासन ने डॉक्टर प्रवीण सोनी को गिरफ्तार किया। तमिलनाडु लैब रिपोर्ट में कोल्ड्रिफ सिरप में 46.2% डायएथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया। कंपनी और डॉक्टर पर मामला दर्ज कर सरकार ने सिरप व श्रेसन फार्मा की सभी दवाओं पर प्रतिबंध लगाया।
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के परासिया में 11 बच्चों की मौत के बाद आखिरकार प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। शनिवार रात जिले के परासिया थाना में डॉ. प्रवीण सोनी और श्रेसन फार्मास्युटिकल कंपनी (कांचीपुरम, तमिलनाडु) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इसके बाद छिंदवाड़ा के कोतवाली थाना क्षेत्र के राजपाल चौक से डॉक्टर प्रवीण सोनी को देर रात एसपी द्वारा बनाई गई स्पेशल पुलिस टीम ने गिरफ्तार भी कर लिया है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से बीएमओ डॉ. अंकित सल्लाम की शिकायत पर ये कार्रवाई की गई है। जिन धाराओं में केस दर्ज हुआ है, उनके तहत 10 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है।
इधर, शनिवार रात में ही किडनी फेल होने से 11 बच्चों की मौत के मामले में मध्यप्रदेश की सरकारी रिपोर्ट भी आ गई। इसमें सिरप कोल्ड्रिफ (Coldrif) में 46.2% डायएथिलिन ग्लायकॉल (DEG) का पुष्टि हुई है। वहीं, दो अन्य सिरप नेक्स्ट्रो-डीएस (Nextro-DS) और मेफटॉल पी सिरप की रिपोर्ट 'ओके' आई है।
बैतूल के दो बच्चों को भी लिखी यही दवा, इलाज के दौरान मौत परासिया के अलावा बैतूल में भी कोल्ड्रिफ की वजह से दो बच्चों की मौत होने की आशंका है। इनके नाम आमला विकास खंड के कलमेश्वरा निवासी कबीर पिता कमलेश (4) और जामुन बिछुवा गांव के गर्वित पिता निखलेश (ढाई साल) बताए गए हैं।
परिजन ने बताया कि 24 अगस्त को कबीर को बुखार आने पर परासिया के डॉ. प्रवीण सोनी को दिखाया। इलाज के बाद उसे घर ले आए। जब हालत में सुधार नहीं हुआ, तो परासिया के दो अन्य डॉक्टरों से भी सलाह ली गई। यहां बताया गया कि बच्चे की किडनी प्रभावित हो रही है।
इसके बाद उसे 7 सितंबर को नागपुर ले गए, जहां एक दिन अस्पताल में भर्ती रखने के बाद डॉक्टर ने घर ले जाने की सलाह दी। परिजन संतुष्ट नहीं थे, इसलिए वे उसे सीधे भोपाल ले गए। वहां पहुंचते ही 8 दिसंबर की रात करीब साढ़े चार बजे कबीर की मौत हो गई।
गर्वित ने भी इलाज के दौरान 1 अक्टूबर को दम तोड़ दिया था।
समाचार एजेंसियों के मुताबिक, छिंदवाड़ा शहर से दो और चौरई तहसील से एक बच्चे की मौत भी किडनी फेल होने की वजह से होने की बात सामने आई है। हालांकि, इन बच्चों की डिटेल अभी सामने नहीं आई है।
मिलावटी और खतरनाक तत्वों वाली थी दवाएं बता दें कि श्रेसन फार्मास्युटिकल कंपनी के सिरप बच्चों को उपचार के दौरान दिए गए थे। जिसके बाद बच्चों की हालत बिगड़ने लगी थी। अब तक 11 बच्चों की मौत किडनी फेल होने के कारण हो चुकी है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने इस पूरे मामले की जांच शुरू की थी। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि बच्चों को जो दवा दी गई थी, वह मिलावटी और हानिकारक तत्वों से युक्त थी। इसी आधार पर अब दवा लिखने वाले डॉक्टर और दवा कंपनी दोनों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
Nextro-DS की रिपोर्ट आनी अभी बाकी
एसडीएम सौरभ कुमार यादव ने बताया कि स्थानीय प्रशासन ने एहतियातन सोमवार को ही Coldrif और एक अन्य कफ सिरप Nextro-DS की बिक्री पर रोक लगा दी थी। Coldrif की जांच रिपोर्ट शनिवार को आई, जबकि Nextro-DS की रिपोर्ट अभी आना बाकी है।
कैसे बनी मौत की वजह?
सितंबर में छिंदवाड़ा के परासिया और आसपास के इलाकों में बच्चे सर्दी-खांसी के इलाज के बाद गंभीर हालत में पहुंचने लगे। बुखार, उल्टी और पेशाब रुकने जैसे लक्षण दिखे। शुरुआत में 6 बच्चों की मौत हुई, जो बढ़कर 11 तक पहुंच गई। जांच में खुलासा हुआ कि डॉ. प्रवीण सोनी ने इन बच्चों को कोल्ड्रिफ सिरप प्रिस्क्राइब किया था। बायोप्सी और लैब टेस्ट में DEG की मौजूदगी ने सनसनी फैला दी। राजस्थान में भी इस सिरप से 1-2 बच्चों की मौत की खबरें सामने आई हैं।
प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस