भ्रामक रिपोर्टिंग से मंत्री गोविंद राजपूत की छवि धूमिल करने पर हाईकोर्ट सख्त, 9 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई

भ्रामक रिपोर्टिंग से सियासी छवि को नुकसान पहुंचाने पर खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने हाईकोर्ट में आपत्ति दर्ज कराई है। मंत्री ने कहा कि अदालत की कार्यवाही को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत कर विपरीत समाचार प्रकाशित-प्रसारित किए गए। मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सर्राफ की खंडपीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अगली सुनवाई 9 अक्टूबर 2025 तय की है

भ्रामक रिपोर्टिंग से मंत्री गोविंद राजपूत की छवि धूमिल करने पर हाईकोर्ट सख्त, 9 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई

गलत खबरों से मंत्री की छवि धूमिल, मामला पहुँचा हाईकोर्ट"

. "मंत्री गोविंद राजपूत की अर्जी पर हाईकोर्ट गंभीर, मीडिया रिपोर्टिंग पर सवाल"

सागर/जबलपुर।खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने माननीय उच्च न्यायालय में एक आवेदन प्रस्तुत कर  उच्च न्यायालय की कार्यवाही को कुछ समाचार पत्रों एवं एक यूट्यूब चैनल द्वारा गलत ढंग से प्रकाशित और प्रसारित करते हुए उनकी सियासी छवि को नुकसान पहुंचाने वाले भ्रामक समाचारों के विरुद्ध अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए उचित निर्देश जारी किये जाने का अनुरोध किया है।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सर्राफ की खंडपीठ ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के आवेदन पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए मामले में अगली सुनवाई की तारीख 9 अक्टूबर 2025 निर्धारित की है।

दरअसल, मंत्री राजपूत के विरुद्ध विधानसभा चुनाव के दौरान दाखिल किए गए शपथ पत्र को लेकर एक याचिका दायर की गई थी। इस मामले में 25 सितंबर एक सामान्य सुनवाई हुई। मंत्री ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अदालत के संज्ञान में यह बात रखी कि सुनवाई की कार्यवाही को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया तथा पारित आदेश से विपरीत समाचार प्रकाशित-प्रसारित किए गए, जिससे उनकी छवि को धक्का लगा है।

गौरतलब है कि सागर निवासी एक याचिकाकर्ता ने मंत्री श्री राजपूत के परिवार से जुड़ी शैक्षणिक संस्था की संपत्तियों का उल्लेख शपथ पत्र में निजी संपत्ति के रूप में नहीं करने एवं विक्रय पत्रों से पृथक राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज खसरा नंबरों के आधार पर इन संपत्तियों को छिपाने और आशिक परिवर्तनों को नहीं दर्शित करने को लेकर मंत्री राजपूत सहित भारत निर्वाचन आयोग एवं मुख्य निर्वाचन आयुक्त के विरुद्ध याचिका प्रस्तुत की है। हालांकि, न्यायालय द्वारा अब तक इस संबंध में किसी भी पक्ष को कोई नोटिस जारी नहीं किया गया है।

मंत्री राजपूत ने भ्रामक रिपोर्टिंग पर कड़ा एतराज जताते हुए अदालत से उचित निर्देश जारी करने की मांग की है। अब पूरे मामले की सुनवाई 9 अक्टूबर को होगी।