मुख्यमंत्री के विशेष प्रयास से सागर और बुंदेलखंड को पर्यटन के क्षेत्र में मिलेगी वैश्विक पहचान : गोविंद सिंह राजपूत
मध्यप्रदेश के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की दूरदर्शी सोच से प्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पहचान बना रहा है। 29-30 अगस्त 2025 को ग्वालियर में संभागीय टूरिज्म कॉन्क्लेव में निवेशकों से चर्चा होगी, जिसमें सागर संभाग और बुंदेलखंड के पर्यटन स्थलों पर विशेष फोकस रहेगा। दिल्ली-झांसी-जयपुर गोल्डन ट्रायंगल को ग्वालियर, खजुराहो और सागर से जोड़ने की योजना से पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। बुंदेलखंड के धार्मिक, सांस्कृतिक व प्राकृतिक स्थलों को वैश्विक पहचान दिलाने और निवेश से स्थानीय अर्थव्यवस्था व रोजगार में बढ़ोतरी होगी।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल से ग्वालियर, इंदौर और भोपाल में बड़े पर्यटन आयोजन; सागर संभाग और बुंदेलखंड के पर्यटन विकास को मिलेगा वैश्विक मंच, निवेश व रोजगार की नई संभावनाएं
भोपाल। मध्यप्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की दूरदर्शी सोच और नवाचारी दृष्टिकोण की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में मध्यप्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान स्थापित करने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल से अगले कुछ महीनों में ग्वालियर, इंदौर और भोपाल में होने वाले तीन बड़े आयोजनों से पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में निवेश की नई संभावनाएं सृजित होंगी, जो विशेष रूप से सागर संभाग और बुंदेलखंड के विकास में मील का पत्थर साबित होगी। राजपूत ने बताया कि 29-30 अगस्त 2025 को ग्वालियर में आयोजित होने वाले संभागीय टूरिज्म कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के निवेशकों से वन-टू-वन चर्चा करेंगे। इस आयोजन में ग्वालियर, चंबल और सागर संभाग में निवेश की संभावनाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके साथ ही, कला-संस्कृति से जुड़ी प्रदर्शनी और स्थानीय सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की भागीदारी इस आयोजन को और प्रभावी बनाएगी। मंत्री राजपूत ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव का यह नवाचारी कदम मध्यप्रदेश को पर्यटन के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय नक्शे पर एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करेगा। दिल्ली-झांसी-जयपुर के प्रसिद्ध गोल्डन ट्रायंगल को ग्वालियर, खजुराहो और सागर के पर्यटन स्थलों से जोड़ने की उनकी योजना न केवल पर्यटकों की संख्या में वृद्धि करेगी, बल्कि सागर संभाग और बुंदेलखंड की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को वैश्विक मंच पर ले जाएगी। बुंदेलखंड के ओरछा में रामराजा सरकार का मंदिर, झांसी, दतिया, चंदेरी, मैहर, खजुराहो, पन्ना टाइगर रिजर्व, वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व, आबचंद गुफाएं और राहतगढ़ वॉटरफॉल जैसे विश्व प्रसिद्ध धार्मिक सांस्कृतिक और पर्यटन स्थल है। बुंदेलखंड क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक स्थलों और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की यह पहल इसे पर्यटन का एक प्रमुख केन्द्र बनाएगी। श्री राजपूत ने जोर देकर कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव की निवेशक-अनुकूल नीतियां और पर्यटन को बढ़ावा देने की उनकी प्रतिबद्धता मध्यप्रदेश की आर्थिक समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रही है। ग्वालियर में होने वाले इस कॉन्क्लेव के साथ-साथ इंदौर और भोपाल में प्रस्तावित आयोजनों से पर्यटन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित होगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा और हजारों युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश के पर्यटन विकास को एक नई दिशा देने वाली पहल को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि सागर संभाग और बुंदेलखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने से न केवल आर्थिक समृद्धि आएगी, बल्कि यह क्षेत्र वैश्विक पर्यटन के नक्शे पर भी प्रदेश का नाम होगा। यह सब मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की दूरदर्शिता और नवाचारों का परिणाम है, जो मध्यप्रदेश को विकास की गति प्रदान कर रहे हैं।