नेपाली प्रधानमंत्री के घर पत्थरबाजी, कई शहरों में फैली हिंसा, देखते ही गोली मारने के आदेश
काठमांडू में स्थिति को नियंत्रित करन के लिए सेना को तैनात किया गया है. प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू से 400 किलोमीटर दूर केपी ओली के दमक स्थित पैतृक घर पर पथराव किया.

नेपाल में काठमांडू, पोखरा समेत कई शहरों में हिंसा फैली, युवाओं ने केपी शर्मा ओली के इस्तीफे की मांग की. गृह मंत्री रमेश लेखक ने इस्तीफा दिया, विरोध थमने के आसार नहीं.
नेपाल सरकार की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाए जाने के विरोध में सोमवार (8 सितंबर 2025) को देश के कई हिस्सों में युवाओं ने हिंसक प्रदर्शन किया. काठमांडू में संसद भवन के सामने Gen-Z के बैनर तले स्कूली छात्रों समेत हजारों युवाओं की पुलिस के साथ झड़प हुई. कुछ आंदोलनकारी संसद परिसर में घुस गए, इसके बाद पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठियां चलानी पड़ी, आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियों का सहारा लेना पड़ा.
पीएम केपी ओली के पृतक आवास पर पथराव
इस हिंसक प्रदर्शन की आंच नेपाल के पीएम केपी ओली के पृतक आवास तक पहुंची. काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने केपी ओली के दमक स्थित पैतृक आवास पर पथराव किया. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए चेतावनी के रूप गोलियां चलाई. प्रदर्शनकारियों ने कैंपस गेट और चिया डोकन के बीच तीन जगहों पर टायरों में आग लगाकर ईस्ट-वेस्ट हाईवे को भी जाम कर दिया, जिससे लगभग आधे घंटे तक यातायात बाधित रहा.
भीड़ को हटाने के लिए पुलिस ने की गेलीबारी
इससे पहले दमक में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़पों में लगभग 10 लोग घायल हो गए थे. बताया जा रहा है कि पुलिस ने बिरतामोड़ में भी गोलीबारी की. प्रदर्शनकारियों ने पहले दमक नगर पालिका कार्यालय के सामने प्रदर्शन और आगजनी की. इसके बाद वे प्रधानमंत्री के आवास की ओर बढ़े. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में अब तक 21 लोगों के मारे जाने की खबर सामने आई है तो वहीं 200 से ज्यादा लोग घायल हैं.
काठमांडू में स्थिति को नियंत्रित करन के लिए सेना को तैनात किया गया है. काठमांडू जिला प्रशासन ने संसद भवन के आसपास के क्षेत्रों में अशांति को रोकने के लिए सोमवार रात 10 बजे तक कर्फ्यू लागू किया है. मुख्य जिला अधिकारी छवि लाल रिजाल ने एक नोटिस में कहा, ‘‘प्रतिबंधित क्षेत्र में लोगों के आवागमन, प्रदर्शन, बैठक, सभा या धरना-प्रदर्शन की अनुमति नहीं होगी." स्थानीय प्रशासन ने बाद में ये आदेश राष्ट्रपति भवन, उपराष्ट्रपति आवास और प्रधानमंत्री कार्यालय के आसपास के विभिन्न क्षेत्रों में भी लागू कर दिए.
कई इलाकों में लगा कर्फ्यू
शुरुआत में बाणेश्वर के कुछ हिस्सों में लगाया गया कर्फ्यू अब एक बड़े क्षेत्र में लागू है. इसमें राष्ट्रपति आवास, शीतल निवास क्षेत्र, महाराजगंज, लैंचौर में उपराष्ट्रपति आवास, सिंह दरबार के चारों ओर, बलुवाटार में प्रधानमंत्री आवास और आसपास के इलाके शामिल हैं. इसके अलावा काठमांडौ, पोखरा, बुटवल और भैरहवा में स्थानीय प्रशासन की ओर कर्फ्यू लगाया गया है.