सिंधिया ने तोड़ी दिग्विजय सिंह की कसम – ‘महाराज’ के अंदाज पर ‘राजा साहब’ की पत्नी भी रह गईं हैरान, लोग करते रहे चर्चा

भोपाल में शुक्रवार को एक निजी स्कूल के शुभारंभ के मौके पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की मुलाकात राजनीतिक गलियारे में चर्चा में रही। इस स्कूल के शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सिंधिया थे।

सिंधिया ने तोड़ी दिग्विजय सिंह की कसम – ‘महाराज’ के अंदाज पर ‘राजा साहब’ की पत्नी भी रह गईं हैरान, लोग करते रहे चर्चा

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, भीड़ के बीच से रास्ता बनाते हुए, दिग्विजय सिंह का हाथ थामकर उन्हें मंच पर ले जाते दिखाई दिए. इससे प्रदेश की सियासत में फुसफुसाहटें फिर से तेज हो गईं- क्या रिश्तों की बर्फ पिघल रही है? लेकिन इस एक पल के पीछे सदियों की तलवारबाज़ी, राजसी गर्व और राजनीतिक शतरंज की बिसात बिछी है.

भोपाल: मध्य प्रदेश की राजनीति, जो अक्सर तीखी बयानबाजी और राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के लिए जानी जाती है, में एक ऐसा क्षण देखने को मिला जिसने सभी को हैरान कर दिया. राजधानी भोपाल में एक निजी स्कूल के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम के दौरान, एक ही मंच पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का एक साथ आना, राजनीतिक पंडितों को सोचने पर मजबूर कर गया. यह दृश्य सिर्फ राजनीतिक शिष्टाचार नहीं, बल्कि व्यक्तिगत सम्मान और मर्यादा का भी प्रतीक बन गया, जिसने यह साबित कर दिया कि भारतीय राजनीति में विरोध के बावजूद आपसी रिश्तों की अहमियत खत्म नहीं हुई है.

यह घटना उस समय हुई जब कार्यक्रम अपने चरम पर था. दर्शकदीर्घा में बैठे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और उनकी पत्नी अमृता राय पर जब सिंधिया की नज़र पड़ी, तो उन्होंने तुरंत मंच से नीचे उतरने का फैसला किया. सिंधिया ने आगे बढ़कर दिग्विजय सिंह का हाथ थामा और उन्हें पूरे सम्मान के साथ मंच पर लेकर गए. यह दृश्य देखकर सभागार में मौजूद हर कोई स्तब्ध रह गया. कुछ ही पलों में पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. दोनों नेताओं ने एक साथ बैठकर बातचीत भी की, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि उनके बीच राजनीतिक दूरियाँ भले ही हों, लेकिन आपसी सम्मान अभी भी बरकरार है.

दिग्विजय सिंह की कसम – अब कभी मंच पर नहीं बैठूंगा 

28 अप्रैल 2025 को ग्वालियर में कांग्रेस की एक रैली के दौरान मंच पर बैठने को लेकर पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के बीच विवाद हो गया। उस समय दिग्विजय सिंह भी मौजूद थे। नेताओं का यह आपसी झगड़ा उन्हें नागवार गुज़रा, जिसके बाद उन्होंने मंच से ऐलान किया—“मैं कसम खाता हूं कि आज के बाद कभी मंच पर नहीं बैठूंगा।” तब से अब तक वे किसी भी कार्यक्रम में मंच पर नहीं बैठे थे।

राजनीतिक पृष्ठभूमि और नए समीकरणों की अटकलें

सिंधिया और दिग्विजय सिंह के बीच राजनीतिक मतभेद जगजाहिर हैं. दोनों ही ग्वालियर राजघराने और कांग्रेस की पृष्ठभूमि से जुड़े रहे हैं, लेकिन 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने के बाद उनके रिश्ते में खटास आ गई थी. सिंधिया ने कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को गिराने में अहम भूमिका निभाई थी, जिसके बाद दोनों के बीच अक्सर तीखी बयानबाजी होती रहती थी. ऐसे में, इन दोनों नेताओं का एक ही मंच पर इस तरह गर्मजोशी से मिलना कई राजनीतिक विश्लेषकों को नए समीकरणों की तरफ इशारा कर रहा है.

दोनों नेताओं की तरफ से कोई राजनीतिक बयान नहीं

हालाँकि, दोनों नेताओं की तरफ से कोई राजनीतिक बयान नहीं आया है. कार्यक्रम के बाद जब मीडिया ने सिंधिया से इस मुलाकात के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा, “दिग्विजय जी वरिष्ठ नेता हैं और मैं उनका व्यक्तिगत रूप से सम्मान करता हूँ.” वहीं, दिग्विजय सिंह ने इस पर कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन उनके करीबी सूत्रों ने इसे “राजनीतिक सभ्यता और परंपरा” का हिस्सा बताया.