शासन के करोड़ों डकारे! सरगुजा में मशीन खरीदी घोटाले का पर्दाफाश,नूतन कंवर और पंचायत सीईओ पर फर्जीवाड़े का आरोप, अदालत में सुनवाई 9 सितंबर को

सरगुजा पंचायत घोटाला उजागर स्वच्छ भारत मिशन के तहत खरीदी गई बेलिंग, फटका, श्रेडिंग और वजन मशीनों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई है। मशीनें बाजार दर (3.60 लाख) से कई गुना ज्यादा (16 लाख रुपये) में खरीदी गईं और अब कबाड़ बनी पड़ी हैं। आरोप है कि तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ नूतन कंवर ने जनपद सीईओ और सप्लायर से मिलीभगत कर करोड़ों रुपये का गबन किया। पुलिस से शिकायत के बाद भी कार्रवाई न होने पर अधिवक्ता डॉ. डी.के. सोनी ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अंबिकापुर की अदालत में परिवाद दायर किया है। मामले की सुनवाई 9 सितंबर को होगी।

शासन के करोड़ों डकारे! सरगुजा में मशीन खरीदी घोटाले का पर्दाफाश,नूतन कंवर और पंचायत सीईओ पर फर्जीवाड़े का आरोप, अदालत में सुनवाई 9 सितंबर को

3.60 लाख की मशीन 16 लाख में खरीदी – पंचायत घोटाले पर अदालत में केस

सरगुजा पंचायत घोटाला: करोड़ों की मशीनें कबाड़ में, सीईओ पर परिवाद

अंबिकापुर। सरगुजा जिले में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ग्राम पंचायतों के लिए खरीदी गई बेलिंग मशीन, फटका मशीन, श्रेडिंग मशीन और वजन मशीनों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का मामला सामने आया है। इन मशीनों को बाजार दर से कई गुना अधिक कीमत पर खरीदा गया और आज यह कबाड़ के रूप में पंचायत भवनों में पड़ी हुई हैं।

इस मामले में तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ श्री नूतन कंवर सहित सभी जनपद पंचायतों के सीईओ पर फर्जी दस्तावेज़ तैयार कर शासकीय राशि का गबन करने का आरोप लगा है।

अधिवक्ता ने दाखिल किया परिवाद

अधिवक्ता एवं आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ. डी.के. सोनी ने इस मामले की शिकायत पहले थाना सिटी कोतवाली अंबिकापुर व पुलिस अधीक्षक को दी थी, लेकिन कार्रवाई न होने पर उन्होंने 6 सितंबर 2025 को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अंबिकापुर की अदालत में धारा 175 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के तहत परिवाद पेश किया है।

करोड़ों का भुगतान, मशीनें कबाड़ में

जानकारी के अनुसार वर्ष 2022-23 और 2024-25 के लिए रायपुर स्थित राज्य स्वच्छ भारत मिशन कार्यालय से सरगुजा जिले को करोड़ों रुपये आवंटित किए गए थे।

जनवरी 2024 को नूतन कंवर द्वारा लगभग 89.60 लाख रुपये का भुगतान ग्राम पंचायतों के खातों में ट्रांसफर किया गया।

बाजार में इन मशीनों की कीमत करीब 3.60 लाख रुपये प्रति सेट है, जबकि इन्हें लगभग 16 लाख रुपये प्रति सेट की दर से खरीदा गया।

आज स्थिति यह है कि खरीदी गई सभी मशीनें उपयोग में न आकर कबाड़ हो गई हैं।

जेम पोर्टल का दुरुपयोग

परिवाद में आरोप है कि मशीनों की खरीदी जेम पोर्टल से कराई गई, जबकि उस अवधि में शासन ने जेम पोर्टल से खरीदी पर प्रतिबंध लगा रखा था। इसके बावजूद आदेश रात में 12 बजे एक ही आईडी से किए गए। अनुबंधों में भुगतान प्राधिकारी और खरीददार के नाम अलग-अलग अंकित किए गए हैं, जो कूटरचना की ओर इशारा करते हैं।

अगली सुनवाई 9 सितम्बर को

डॉ. सोनी द्वारा पेश परिवाद पर अदालत ने 9 सितंबर 2025 को सुनवाई की तारीख तय की है।