दशहरा के दौरान तहसीलदार की पिटाई, कॉलर से पकड़कर खदेड़ते हुए ले गई भीड़,अधिकारी ने नाक रगड़कर मांगी माफी : जूते पहने शिविर में घुसे

कुल्लू दशहरा में तहसीलदार हरि सिंह यादव की भीड़ ने पिटाई की, कपड़े फटे, देवता भृगु ऋषि के शिविर में विवाद हुआ, पुलिस और प्रशासन पर सवाल उठे, केस दर्ज नहीं हुआ.

दशहरा के दौरान तहसीलदार की पिटाई, कॉलर से पकड़कर खदेड़ते हुए ले गई भीड़,अधिकारी ने नाक रगड़कर मांगी माफी : जूते पहने शिविर में घुसे

देवता के शिविर में गए तहसीलदार की भीड़ ने पिटाई कर दी. इस दौरान तहसीलदार को खदेड़ते हुए भीड़ ले गई और उनके कपड़े तक फट गए.

कुल्लू अंतर्राष्ट्रीय दशहरा महोत्सव आज से शुरू हो गया है। जो 7 अक्टूबर तक चलेगा। शाम को रथ यात्रा निकाली जा रही है। इस दौरान राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला महोत्सव का उद्घाटन किया। जहां स्थानीय विधायक और जिला प्रशासन ने उनका स्वागत किया। वहीं कुल्लू दशहरा के पहले दिन हंगामा देखने को मिला। दरअसल भगवान भृंग ऋषि के शिविर में तहसीलदार जूते पहनकर पहुंच गया। जिसे देख देवता के साथ चलने वाले देवलू भड़क गए

देवताओं के अस्थायी शिविरों में परंपराओं का उल्लंघन हुआ तो देवता भृगु ऋषि और देवलुओं का गुस्सा तहसीलदार कुल्लू पर फूट पड़ा। बिना जूते उतारे और नियमों की अनदेखी कर शिविर में प्रवेश करने पर न सिर्फ देवताओं ने नाराजगी जताई, बल्कि तहसीलदार को पकड़कर अस्थायी शिविर तक ले जाया गया। माफी मांगने के बाद स्थिति शांत हुई। इस घटना ने प्रशासन और स्थानीय संस्कृति के बीच की संवेदनशीलता को फिर से उभार दिया।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो इस विवाद की जीवंत गवाही बन गया है। देवता भृगु ऋषि ने गूर के माध्यम से इस पर नाराजगी जताई थी। इसके बाद देवलू मेला कमेटी ऑॅफिस से तहसीलदार को देवता भृगु ऋषि के अस्थायी शिविर के पास ले गए। देवता से माफी मांगने के बाद देवलू और देवता शांत हुए। नीणू के देवता नारद मुनि और आशणी के देवता भृगु ऋषि भी आ गए थे। तीनों देवताओं के समक्ष तहसीलदार ने माफी मांगी। काफी देर तक माहौल हंगामेदार बना रहा।

बुधवार को अधिकतर देवता अस्थायी शिविरों में पहुंच गए थे। देवता के अस्थायी शिविर में तहसीलदार पहुंचे थे। देवलुओं के अनुसार तहसीलदार बिना जूते उतारे देवता भृगु ऋषि के शिविर में गए। इससे देवता नाराज हो गए। देवलुओं का गुस्सा भी तहसीलदार पर फूट पड़ा। स्थिति को बिगड़ता देख मौके पर पुलिस की टीम भी पहुंची। माफी के बाद ही देवता शांत हुए।

देवताओं के हैं अपने नियम

कुल्लू घाटी में देवी-देवताओं के अपने नियम हैं। देवता के अस्थायी शिविरों में नंगे सिर प्रवेश करने पर मनाही रहती है। जूते, चमड़े और नशे वाली चीजें देवता के अस्थायी शिविरों में ले जाना वर्जित होता है। प्रशासन और अधिकारियों को भी यह नियम मानने पड़ते हैं।

सुरेंद्र शौरी ने भी तहसीलदार को खूब सुनाया

कुल्लू के बंजार से भाजपा विधायक सुरेंद्र शौरी ने इस पुरे विवाद को लेकर तहसीलदार को घेरा और कहा कि 2023 में इन्हीं तहसीलदार ने 18 देवी देवताओं के तंबूओं को उखाड़ा था. ये लगातार बीते 2 साल से देवी देवी और लोगों का अपमान कर रहे हैं. उन्होंने कांग्रेस सरकार से सवाल किया कि ऐसे तहसीलदार को क्यों कुल्लू में तैनात किया था. शौरी ने बताया कि उन्होंने विधानसभा में भी तहसीलदार के खिलाफ प्रिवलेज मोशन दिया है और उसकी कार्रवाई की जा रही है. आज तहसीलदार को देवता के सामने माफी मांगनी पड़ी है. फिलहाल, इस मामले में पुलिस की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है. इस मामले पर पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं कि दशहरा में 1200 से अधिक पुलिस कर्मचारी तैनात हैं और ऐसे में घटना के दौरान एक भी नजर नहीं आय़ा.

अधिकारी से इस तरह की मारपीट पर सवाल

अहम बात है कि लोगों की तरफ से कानून को भी अपने हाथों में लिया गया और अधिकारी के साथ मारपीट और धक्कामुक्की की गई और ऐसे में लोगों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है.