अवध ओझा ने किया राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान, अखिलेश यादव से 3 घंटे की मुलाकात,

UPSC की तैयारी कराने वाले शिक्षक और आम आदमी पार्टी के नेता अवध ओझा ने राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है। आइए जानते हैं कि अवध ओझा ने इस बारे में क्या कुछ कहा है।

अवध ओझा ने किया राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान, अखिलेश यादव से 3 घंटे की मुलाकात,

मशहूर कोचिंग टीचर अवध ओझा ने राजनीति से तौबा कर लिया है। कुछ ही महीनों की पारी के बाद उन्होंने संन्यास की घोषणा कर दी है। अब उन्होंने आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को महान नेता बताते हुए उन्हें धन्यवाद दिया है।

Avadh Ojha: जाने-माने कोचिंग टीचर अवध ओझा एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने आम आदमी पार्टी और राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा कर दी है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को महान नेता बताते हुए उन्होंने अपना फैसला सुनाया है। इसके बाद आम आदमी पार्टी के नेता सोमनाथ भारती ने अवध ओझा को खूब खरी-खोटी सुनाई है। AAP के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सोमनाथ भारती ने अवध ओझा के राजनीति से सन्यास लेने पर कहा कि अवध ओझा को पहले ही सोचना चाहिए था। आम आदमी पार्टी ने उन्हें इस भरोसे पर टिकट दिया था कि चुनाव में चाहे जो हो, लेकिन ओझा पार्टी के साथ हमेशा बने रहेंगे।

सोमनाथ भारती का अवध ओझा पर फूटा गुस्सा

सोमनाथ भारती ने अपने सोशल मीडिया ‘X’ अकाउंट पर अवध ओझा को टैग करते हुए लिखा “मैं व्यक्तिगत रूप से आपका सम्मान करता हूं, लेकिन राजनीति कोई अल्पकालिक परियोजना नहीं है और आपके जैसे परिपक्व और प्रतिष्ठित व्यक्ति को आम आदमी पार्टी के साथ राजनीति में कदम रखने से पहले विकल्पों पर विचार करना चाहिए था। शुरुआत से ही कड़ी मेहनत करने वाले कई लोगों को पटपड़गंज से टिकट दिया जा सकता था, लेकिन पार्टी ने आपको यह मौका इस विश्वास के साथ दिया कि आप चुनावी नतीजों की परवाह किए बिना हमारे साथ काम करेंगे।”

पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी के संस्‍थापक सदस्यों में से एक सोमनाथ भारती ने आगे लिखा “AAP भारत का भविष्य है और हमें इसे सभी राज्यों में सफल बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। कौन सी पार्टी आम लोगों की शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और अन्य बुनियादी जरूरतों में सुधार की बात करती है, जो भारत की 90% से ज्यादा आबादी का हिस्सा हैं? कृपया भाजपा और कांग्रेस नेताओं के भाषण सुनें। कोई भी आम लोगों की बुनियादी चिंताओं की बात नहीं करता।”

अवध ओझा ने क्यों लिया राजनीति से सन्यास?

हाल ही में एक मीडिया हाउस के साथ पॉडकास्ट के दौरान अवध ओझा ने अपने भविष्य को लेकर कुछ इशारे किए, जिससे यह साफ हो जाता है कि उनकी प्रायोरिटीज बदल गई हैं। ओझा ने बताया कि हाल ही में उनकी मुलाकात समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से हुई। उनका कहना है कि उनकी यह मुलाकात राजनीति पर नहीं, बल्कि शिक्षा पर केन्द्रित रही। हालांकि इस मुलाकात में क्या बातें हुईं, इसपर उन्होंने ज्यादा कुछ नहीं बताया, लेकिन इतना जरूर कहा कि उन्होंने अखिलेश यादव को एक पत्र दिया है। उसमें उन्होंने अपने लिए कहा है कि राजनीति में उनका उद्देश्य कोई भी पद पाना नहीं, बल्कि शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव लाना था।

अवध ओझा की अखिलेश यादव से लंबी बातचीत

पॉडकास्ट में बातचीत के दौरान अवध ओझा ने बताया कि हाल ही में उनकी मुलाकात समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से हुई थी। यह मुलाकात काफी लंबी चली और लगभग तीन घंटे तक दोनों एक साथ बैठे। ओझा के अनुसार, पूरी चर्चा सिर्फ शिक्षा व्यवस्था और उसके सुधार पर हुई। इस मुलाकात के बाद उन्होंने अखिलेश यादव को एक नोट भी लिखकर दिया। इस नोट में उन्होंने लिखा, "भैया न तो हमें एमपी बनना है, न विधायक बनना है और न ही मंत्री।” उनके अनुसार, यह नोट विजय चौहान ने अखिलेश यादव को पढ़कर सुनाया था।

कुर्सी से दूर, लेकिन प्रभाव बनाए रखने की तैयारी

मुलाकात के बारे में आगे बात करते हुए अवध ओझा ने बताया कि उन्होंने अखिलेश यादव के सामने अपनी पूरी बात खुलकर रखी। उन्होंने कहा कि उनका मोटिव किसी पद या पहचान पाना नहीं है। वह चाहते हैं कि सत्ता में कोई उनका आदमी हो, जो शिक्षा को प्राथमिकता दें और वह जो बदलाव चाहते हैं, वह सब हो पाएं। उनके अनुसार, बहुत समय बाद अखिलेश यादव को कोई ऐसा व्यक्ति मिला, जिसके साथ वह खुलकर शिक्षा, इतिहास, राजनीति विज्ञान और भूगोल जैसे विषयों पर बात कर पाए।

पटपड़गंज विधानसभा सीट से लड़ा था चुनाव

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में अवध ओझा पटपड़गंज सीट से चुनाव में खड़े हुए थे। लेकिन हार जाने के बाद धीरे-धीरे यह संकेत मिलने लगे थे कि वह अब राजनीति में सक्रिय नहीं रहेंगे। हाल ही में उन्होंने राजनीति से संन्यास ऑफिशियली डिक्लेयर कर दिया है। अवध ओझा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कार्यकर्ताओं और पार्टी के नेताओं का धन्यवाद किया। अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा, "अरविंद जी ,मनीष जी, संजय जी,सभी आप के पदाधिकारी,कार्यकर्ता, नेता etc आप सभी का दिल बहुत बहुत धन्यवाद। जो प्रेम और सम्मान अपने दिया उसका ऋणी रहूंगा। राजनीति से संन्यास मेरा व्यक्तिगत निर्णय है। अरविंद जी आप एक बहुत महान नेता है। जय हिन्द"

अवध ओझा की राजनीतिक जर्नी

फेमस UPSC टीचर और मोटिवेशनल स्पीकर अवध ओझा की राजनीतिक जर्नी बहुत छोटी रही औरल हाल ही में यह जर्नी खत्म हुई है। दिसंबर 2024 में वह आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे। उस समय उन्होंने कहा था कि वह शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करना चाहते हैं और देश के एज्यूकेशन सिस्टम में बदलाव लाने का प्रयास करेंगे। वह फरवरी 2025 में दिल्ली विधानसभा के चुनाव में पहली बार चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। चुनाव में हार के कुछ समय बाद ही उन्होेंने आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया और राजनीति से संन्यास लेने की भी घोषणा कर दी। इस्तीफा देने का कारण उन्होंने यह बताया कि वह राजनीति में रहकर खुलकर कुछ बोल नहीं पा रहे थे।