टैरिफ की मार झेलो, ट्रंप के खिलाफ मत बोलो
आंकडे बताते है कि इस वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में अमेरिका को भारत का निर्यात 22.8 प्रतिशत बढ़कर 25.51 अरब डॉलर हो गया, जबकि आयात 11.68 प्रतिशत बढ़कर 12.86 अरब डॉलर हो गया.

राकेश अचल
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी जी को कसम है कि जो वे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ एक शब्द भी बोलें. उनके मौन के साथ देश की 140 करोड जनता है जो अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गये 25 फीसदी टैरिफ की मार को झेल सकती है. अमेरिका और भारत के बीच ट्रेड डील को लेकर अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एकतरफा ऐलान कर दिया है.भारत पर अमेरिका ने 25 फीसदी टैरिफ लगाया है. अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद इसका ऐलान किया है. ट्रंप ने बताया कि 1 अगस्त से भारत पर ये लागू होगा.
ट्रंप साहब हमारे साहब मोदी जी के पुराने यार हैं उनकी यारी जंजीर फिल्म के नायक अमिताभ बच्चन और शेरखान प्राण की दोस्ती जैसी है.'यारी है ईमान मेरा, यार मेरी जिंदगी ' जैसी दोस्ती. ये दोस्ती दांत- काटी इसलिए नहीं कह सकता क्योंकि इसकी कोई तस्वीर हमारे पास नहीं है. वैसे भी मोदी जी का दिल दोस्तों के अहसान का मारा दिल है.'अहसान मेरे दिल पे तुम्हारा है दोस्तो, ये दिल तुम्हारे प्यार का मारा है दोस्तो'की तरह का.
आपको पता है कि ट्रेड डील को लेकर भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से बातचीत चल रही थी. ट्रंप साहब डील को लेकर भारत को तारीख पर तारीख दे रहे थे. उन्होने आपरेशन सिंदूर के दौरान भी भारत का गला पकडा था लेकिन मोदी जी लगातार डील से बचते रहे. वे उस कहावत को भूल गये कि -'बकरे की अम्मा चाहे जितना खैर मना ले लेकिन एक न एक दिन बकरा हलाल होता ही है.अब जाकर खुद ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर एकतरफा टैरिफ की जानकारी दे दी है.
माननीय डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि भारत हमारा मित्र है, लेकिन हमने भारत के साथ पिछले कई वर्षों में अपेक्षाकृत कम व्यापार किया है, क्योंकि उनके टैरिफ बहुत अधिक हैं, दुनिया में सबसे अधिक हैं. जो कि अमेरिका को व्यापार बढ़ाने में रोकता है. ट्रंप की मानें तो भारत लगातार सैन्य उपकरण रूस से खरीदते आया है, जो कि सही नहीं है. हर कोई चाहता है कि रूस यूक्रेन पर हमला रोके, लेकिन भारत रूस से लगातार व्यापार को बढ़ा रहा है, जो कि सही कदम नहीं है. इसलिए इन सभी मामलों को देखते हुए अमेरिका ने भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का फैसला किया है, और ये 1 अगस्त से लागू हो जाएगा.
आंकडे बताते है कि इस वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में अमेरिका को भारत का निर्यात 22.8 प्रतिशत बढ़कर 25.51 अरब डॉलर हो गया, जबकि आयात 11.68 प्रतिशत बढ़कर 12.86 अरब डॉलर हो गया.
इस मामले में प्रधानमंत्री श्री मोदीजी या उनकी कैबिनेट के किसी मंत्री ने अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. संसद के मानसून सत्र में भी कोई कुछ बोल दे तो गनीमत समझिये, हालांकि भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा है कि "भारत सरकार निश्चित रूप से इस पर कुछ कदम उठाएगी. भारत सरकार अमेरिकी प्रशासन से भी बातचीत कर सकती है. इस फैसले के बाद, चीजें निश्चित रूप से महंगी हो जाएंगी. हमें यह स्टडी करना होगा कि इसका बाजार पर क्या प्रभाव पड़ेगा.प्रवीण सर की भाजपा में क्या हैसियत है ये हमें नहीं पता लेकिन वे इसे दुर्भाग्यपूर्ण मानते हैं और उन्हे उम्मीद है कि ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन को जल्द ही इसका एहसास होगा और वे इस फैसले को वापस ले लेंगे."
जानकार बताते हैं कि अमेरिका द्वारा थोपे गये टैरिफ और जुर्माने की वजह से भारतीय वस्तुओं एवं सेवाओं का अमेरिका में निर्यात करना महंगा होगा। इससे भारतीय वस्तुओं की अमेरिका के अंदर मांग तेजी से घटेगी। हालांकि, वार्ता की शुरुआत में दोनों देश ने सितंबर-अक्टूबर तक पहले चरण के समझौते को पूरा करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन अब समझौता कई स्तर पर फंसा है। इस समझौते का लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करके 500 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने का है।
आपको याद दिला दूं कि इसी वर्ष फरवरी में अमेरिकी में ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते करने पर सहमति जताई थी।उसके बाद दोनों पक्षों के बीच वार्ता शुरू हुई। अभी तक पांच दौर की वार्ता हो चुकी है। अंतिम दौर की वार्ता वाशिंगटन में हुई लेकिन उसमें कोई नतीजा नहीं निकल सका। अब छठे दौर की वार्ता 25 अगस्त से भारत में होनी है।ये वार्ता परिणाम मूलक होना चाहिए, अन्यथा भारतीय नेतृत्व के लिए शर्म से डूब मरने वाली बात होगी.
वैसे हमारे मोदीजी ने ट्रंप के लिए क्या कुछ नहीं किया?भारत में 140 करोड पलक पांवडे बिछाए, हाउडी खेली, अमेरिका जाकर चुनाव प्रचार किया और बदले में उन्हे मिला क्या टैरिफ, जुर्माना? अब तो वो फिल्मी गीत याद आ रहा है-'अच्छा सिला दिया तू ने मेरे प्यार का, यार ने ही लूट लिया घर यार का '.