कपास आयात शुल्क हटाने के निर्णय का CAIT ने स्वागत किया – MSME और निर्यात को मिलेगी नई ऊर्जा : चम्पालाल बोथरा (CAIT)

कन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की टेक्सटाइल एंड गारमेंट कमेटी ने केंद्र सरकार द्वारा कच्चे कपास पर 11% आयात शुल्क हटाने के फैसले का स्वागत किया है। समिति के राष्ट्रीय चेयरमैन चम्पालाल बोथरा ने कहा कि यह कदम MSME और निर्यातकों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में नई ऊर्जा देगा। शुल्क हटने से सूत और फैब्रिक की कीमतें घटेंगी, उत्पादन लागत में स्थिरता आएगी और त्योहारी सीजन में मांग पूरी करने में मदद मिलेगी। CAIT ने मांग की है कि यह राहत अस्थायी न रहकर दीर्घकालिक नीति बने। सरकार ने 19 अगस्त से 30 सितंबर तक (42 दिनों) के लिए यह शुल्क हटाने की अधिसूचना जारी की है।

कपास आयात शुल्क हटाने के निर्णय का CAIT ने स्वागत किया – MSME और निर्यात को मिलेगी नई ऊर्जा : चम्पालाल बोथरा (CAIT)

CAIT ने सरकार के फैसले को बताया ऐतिहासिक कदम

 कपास सस्ता होने से सूत और फैब्रिक की कीमतों में गिरावट संभव

 MSME और निर्यातकों को मिलेगी प्रतिस्पर्धा में बढ़त

 त्योहारी सीजन की मांग और वैश्विक ऑर्डर को बढ़ावा

कन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की टेक्सटाइल एंड गारमेंट कमेटी ने केंद्र सरकार द्वारा कच्चे कपास पर आयात शुल्क हटाने के ऐतिहासिक निर्णय का स्वागत किया है। यह कदम भारतीय कपड़ा उद्योग, विशेषकर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (MSME) इकाइयों और निर्यातकों के लिए नई ऊर्जा लेकर आएगा।

पिछले एक वर्ष में घरेलू बाजार में कपास की कीमतों में लगभग 40% तक की वृद्धि ने सूत, कपड़ा और गारमेंट की लागत को बहुत अधिक बढ़ा दिया था। इस वजह से भारतीय टेक्सटाइल MSME, वियतनाम, बांग्लादेश और तुर्की जैसे देशों की तुलना में वैश्विक प्रतिस्पर्धा में पिछड़ रहे थे। सरकार के इस निर्णय से निम्नलिखित प्रमुख लाभ होंगे:
•   लागत में कमी – कपास सस्ता होने से सूत की कीमतों में 10-15% और फैब्रिक की कीमतों में 8-10% तक गिरावट संभव।
•   उद्योग को राहत – MSME इकाइयों को उत्पादन लागत में स्थिरता मिलेगी।
•   निर्यात एवं त्योहारी मांग को बढ़ावा – यह कदम त्योहारी सीजन में मांग पूरी करने और वैश्विक ऑर्डर प्राप्त करने में मददगार साबित होगा।

साथ ही, CAIT टेक्सटाइल एंड गारमेंट कमेटी ने सरकार से आग्रह किया है कि यह निर्णय अस्थायी न रहकर दीर्घकालिक नीति बने। इसके लिए:
•   कपास, सूत और कपड़े की कीमतों की निगरानी हेतु स्थायी तंत्र स्थापित किया जाए।
•   टेक्सटाइल MSME को सस्ती वित्तीय सुविधा और कच्चे माल की स्थिर आपूर्ति की गारंटी दी जाए।

CAIT टेक्सटाइल एंड गारमेंट कमेटी के राष्ट्रीय चेयरमैन श्री चम्पालाल बोथरा ने कहा:
“कपास पर शुल्क हटाना हमारे उद्योग के लिए बड़ी राहत है। यह कदम MSME, गारमेंट एक्सपोर्टर और व्यापारियों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा करने की शक्ति देगा। यह निर्णय ‘मेक इन इंडिया’ और ‘एक्सपोर्ट बूस्ट’ दोनों के लिए ऐतिहासिक साबित होगा।”

इस बीच, वित्त मंत्रालय ने सोमवार देर रात जारी अधिसूचना में पुष्टि की कि सरकार ने 19 अगस्त से 30 सितंबर तक (42 दिनों) के लिए कच्चे कपास पर लगने वाले 11% सीमाशुल्क को अस्थायी रूप से हटा दिया है। इसमें Basic Customs Duty और Agriculture Infrastructure and Development Cess (AIDC) दोनों शामिल हैं। यह निर्णय ऐसे समय लिया गया है जब अमेरिका ने भारतीय कपड़े पर 50% तक टैरिफ लगाया है, जिससे घरेलू उद्योग को अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। यह राहत त्योहारी सीजन और निर्यात को बढ़ावा देने की रणनीति के तहत दी गई है।