छिंदवाड़ा में 6 से 9 हुई मौतों की संख्या,कफ सिरप बना काल : अब तक इन्फेक्शन के कारणों का पता नहीं
बच्चों को अक्सर खांसी-जुकाम होने पर कफ सिरप दिया जाता है. क्या आप जानते हैं यह दवाई आपके बच्चे के लिए जानलेवा भी हो सकती है. हाल ही में राजस्थान और मध्य प्रदेश में जेनेरिक कफ सिरप का पीने से 11 बच्चों की मौत हो गई है.

छिंदवाड़ा जिले के परासिया में किडनी फेल इन्फेक्शन से 9 बच्चों की मौत से गांवों में दहशत. प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को किया अलर्ट.
मध्य प्रदेश और राजस्थान में हाल ही में हुई बच्चों की मौतों को एक कफ सिरप से जोड़ा गया है. मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में मरने वालों की संख्या बढ़कर 9 हो गई, जबकि राजस्थान में 2 बच्चों की मौत दर्ज की गई. कुल 11 मौतों के बाद सरकार की नोडल एजेंसी राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) ने जांच तेज कर दी है.
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का सवाल
इस मामले की पृष्ठभूमि में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का सवाल उठा है. प्रभावित बच्चों को दो मुख्य कफ सिरप दिए गए थे – कोल्ड्रिफ (चेन्नई में बना) और नेक्सट्रो-डीएस (हिमाचल प्रदेश में बना). ये सिरप निजी डॉक्टरों और कुछ सरकारी डॉक्टरों के पर्चे पर उपलब्ध हुए. जांच में पता चला कि इन सिरप में डायथाइलीन ग्लाइकॉल (DEG) नामक जहरीला रसायन मिला हो सकता है, जो औद्योगिक सॉल्वेंट है और किडनी को नुकसान पहुंचाता है. यह रसायन खाने लायक नहीं होता और इससे किडनी इंजरी होती है. किडनी बायोप्सी रिपोर्ट्स में टॉक्सिन से जुड़ी क्षति की पुष्टि हुई. सरकार ने इन सिरप के पूरे बैच पर रोक लगा दी और मेडिकल स्टोर्स पर जांच अभियान चलाया. दिल्ली के सीडीएससीओ, पुणे के वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट और मध्य प्रदेश सरकार ने सैंपल जांच शुरू की. राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) भी पानी, दवा और अन्य सैंपल इकट्ठा कर जांच कर रहा है. अभी 3 सैंपल की रिपोर्ट आई है, जिसमें टॉक्सिसिटी दिखी, लेकिन बाकी 9 सैंपल की जांच जारी है.
क्या है पूरा मामला
छिंदवाड़ा के परासिया विकासखंड में अज्ञात बीमारी ने कहर बरपाया. इस बीमारी से बच्चों की किडनी फेल हो रही हैं, जिससे उनकी मौत हो जा रही है. यह सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. शनिवार 27 सितंबर को परासिया के दीघावानी में रहने वाले 4 साल के विकास यदुवंशी की नागपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई. किडनी फेल होने की वजह से अब तक इस इलाके के कुल 9 बच्चे अपनी जान गंवा चुके हैं. इस बीमारी से स्थानीय लोग डरे-सहमे हुए हैं. अब तक इन्फेक्शन के कारणों का पता नहीं चल पाया है. फिलहाल, कलेक्टर ने इस मामले में 2 निजी कंपनी के सिरप पर बैन लगा दिया है.
इलाके में भय का माहौल, अभिभावक चिंतित
लगातार हो रही मौतों के बाद स्थानीय लोगों में डर का माहौल है। अभिभावक बच्चों की सेहत को लेकर बेहद चिंतित हैं। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर बच्चों को तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं। विभाग का कहना है कि जल्द ही बीमारी के असली कारण का पता लगाकर स्थिति पर नियंत्रण पा लिया जाएगा।
30 दिनों में इन बच्चों की गई जान
शिवम राठौड़ (4) – सालनिवासी बाग बर्गिया, परासिया
अदनान खान (5) – न्यूटन चिकली, परासिया
उसेद खान (4) – निवासी परासिया
ऋषिका पिपरे (5) – ग्राम सेठिया, परासिया
हितांश सोनी (4) – ग्राम उमरेड, परासिया
श्रेया यादव (2) – नगर परासिया
विकास यदुवंशी – ग्राम दीघावानी, परासिया
विधि – निवासी परासिया
संध्या (1) – खजरी अंतू उमरेड, परासिया