जेल में बंद अनंत सिंह कैसे लेंगे विधायक पद की शपथ? दुलारचंद हत्याकांड में झटका, सिविल कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

मोकामा के नव निर्वाचित विधायक और बाहुबली नेता अनंत सिंह फिलहाल जेल में बंद है। अनंत सिंह की जमानत याचिका भी खारिज हो चुकी है, ऐसे में अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिरी जेल में बंद अनंत सिंह शपथ कैसे लेंगे?

जेल में बंद अनंत सिंह कैसे लेंगे विधायक पद की शपथ? दुलारचंद हत्याकांड में झटका, सिविल कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

बिहार की नई विधानसभा शपथ के लिए तैयार है, लेकिन मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह के सामने यह समारोह किसी अग्निपथ से कम नहीं. हत्या मामले में बेऊर जेल में बंद अनंत सिंह की जीत ने भले ही सियासी हलचल तेज कर दी हो, पर अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर वे शपथ कैसे लेंगे- पैरोल पर बाहर आकर या जेल के भीतर ही अधिकृत अधिकारी के सामने? अदालत से लेकर विधानसभा तक, सबकी नजर इसी बात पर टिकी है कि अनंत सिंह अपनी शपथ का अग्निपथ कैसे पार करेंगे!.

पटना. बिहार में नई सरकार का गठन पूरी तरह पूरा हो चुका है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 10वीं बार शपथ ली है और 26 मंत्रियों ने भी पद एवं गोपनीयता की शपथ ग्रहण की है. विभागों का बंटवारा हो चुका है और 25 नवंबर को नई कैबिनेट की पहली बैठक होने जा रही है. अब विधानसभा के विशेष सत्र की तैयारी है, जिसमें सभी नवनिर्वाचित 243 विधायक शपथ लेंगे. लेकिन, इसी बीच सबसे बड़ा सवाल मोकामा से जीतकर आए जेडीयू विधायक और बाहुबली नेता अनंत सिंह की शपथ को लेकर खड़ा हो गया है. जेल में बंद अनंत सिंह आखिर सदन तक कैसे पहुंचेंगे?

अग्निपथ पर चलकर शपथ लेंगे अनंत सिंह”… दरअसल, बिहार की राजनीति में यही लाइन इन दिनों सबसे ज्यादा गूंज रही है. नई सरकार बनने के बाद जब सभी निर्वाचित विधायक शपथ की तैयारी में जुटे हैं, तब मोकामा से जीते जेडीयू विधायक और बाहुबली नेता अनंत सिंह के सामने यह रास्ता किसी वास्तविक अग्निपरीक्षा से कम नहीं. हत्या मामले में बेऊर जेल में बंद अनंत सिंह की जमानत याचिका खारिज हो चुकी है, और अब सबकी नजर इसी पर अटकी है कि वे शपथ के लिए पैरोल लेंगे या सदन तक पहुंचने के लिए सरकार और विधानसभा को कोई विशेष रास्ता तलाशना पड़ेगा

हत्या मामले में जेल, जमानत खारिज

बता दें कि अनंत सिंह इस समय दुलारचंद यादव हत्याकांड में बेऊर जेल में न्यायिक हिरासत में हैं. हाल ही में उन्होंने पटना सिविल कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया. जमानत रद्द होने के बाद यह चर्चा और तेज हो गई है कि उनकी शपथ का रास्ता क्या होगा. क्या वे पैरोल पर बाहर आएंगे? क्या कोई अधिकारी जेल जाकर शपथ दिला सकता है? या फिर विधानसभा प्रक्रिया में कोई विशेष व्यवस्था की जाएगी?

पहले भी मिला था पैरोल, इस बार भी उम्मीद

यह पहला मौका नहीं है जब वे जेल में रहते हुए चुनाव जीते हों. 2020 में भी वे इसी तरह जीते थे और तब अदालत ने उन्हें पैरोल देकर शपथ लेने की अनुमति दी थी. इसलिए माना जा रहा है कि इस बार भी वे अदालत में पैरोल याचिका दायर करेंगे. उनके समर्थक तो पहले ही ‘जेल के ताले टूटेंगे, अनंत भाई छूटेंगे’ जैसे पोस्टर लगा चुके हैं.

संविधान क्या कहता है?

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 188 कहता है कि विधायक को शपथ राज्यपाल या उनके द्वारा अधिकृत अधिकारी के सामने लेनी होती है. सामान्य प्रक्रिया यह है कि जेल में बंद विधायक अस्थायी जमानत या पैरोल पर विधानसभा पहुंचते हैं और शपथ के तुरंत बाद वापस जेल लौटते हैं. कुछ विशेष मामलों में अधिकारी जेल जाकर भी शपथ दिला सकता है, लेकिन ऐसा तभी होता है जब अदालत किसी भी प्रकार की रिहाई देने से साफ तौर पर मना कर दे.

सदस्यता बचाने के लिए छह महीने में शपथ जरूरी

विधानसभा के नियम बताते हैं कि शपथ के लिए कठोर समय-सीमा तो नहीं है, लेकिन छह महीने तक शपथ न लेने पर विधायकी खत्म हो सकती है. इसके अतिरिक्त कोई विधायक 59 दिनों से अधिक लगातार बिना अनुमति अनुपस्थित नहीं रह सकता. अनंत सिंह को इसलिए भी राहत है कि वे अभी सजायाफ्ता नहीं, बल्कि न्यायिक हिरासत में हैं. चार्जशीट दाखिल होने और आरोप तय होने के बाद स्थिति बदल सकती है.

अब नजर अदालत के आदेश पर

राजनीतिक गलियारों में माना जा रहा है कि अनंत सिंह जल्द ही पैरोल के लिए आवेदन देंगे. यदि पैरोल मिल गया तो वे विधानसभा जाकर शपथ ले लेंगे, और अगर पैरोल नहीं मिला तो जेल में शपथ दिलाए जाने पर विचार हो सकता है.हालांकि यह सरकार, विधानसभा सचिवालय और अदालत तीनों की सहमति पर निर्भर करेगा. ऐसे में अगले कुछ दिनों में यह साफ होगा कि मोकामा के बाहुबली विधायक सदन में प्रवेश कर पाएंगे या नहीं. लेकिन इतना तय है कि अनंत सिंह की शपथ बिहार की राजनीति में एक बार फिर बड़ा विवाद और बहस का मुद्दा बन चुकी है. ऐसे में शपथ की प्रक्रिया अब एक कानूनी पेंच का रोमांच बन चुकी है-जिसे पूरा करने के लिए उन्हें सचमुच अग्निपथ से गुजरना होगा.