काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी समारोह: देशभक्ति गीतों की गूंज और फिल्मों की रोशनी से सजी ऐतिहासिक संध्या
लखनऊ में बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय और महुआ डाबर संग्रहालय के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी समारोह के दूसरे दिन देशभक्ति और कला का प्रभावशाली संगम देखने को मिला। अयोध्या फिल्म फेस्टिवल के अंतर्गत देशभक्ति गीतों पर प्रस्तुतियाँ, फिल्म निर्माण कार्यशालाएं और फिल्म प्रदर्शनी ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया।

काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी समारोह का दूसरा दिन – देशभक्ति गीतों, फिल्मों, प्रदर्शनी और कार्यशालाओं के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम के नायकों को दी श्रद्धांजलि
लखनऊ, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग तथा महुआ डाबर संग्रहालय के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे तीन दिवसीय काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी समारोह के दूसरे दिन देशभक्ति और कला का अनुपम संगम देखने को मिला। यह आयोजन विश्वविद्यालय के एस.ई.ई.एस. सभागार में सम्पन्न हुआ, जिसमें विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों, फिल्मों, प्रदर्शनियों और कार्यशालाओं के माध्यम से काकोरी ट्रेन की शौर्यगाथा को जीवंत किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत 19वें अयोध्या फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन की गतिविधियों से हुई, जिसमें डांस प्रस्तुतियाँ, फिल्म मेकिंग कार्यशाला और फिल्म प्रदर्शनी शामिल रहीं। देशभक्ति गीतों पर विभिन्न कॉलेजों के छात्रों ने रंगारंग प्रस्तुतियाँ दीं, जो उपस्थित दर्शकों को काकोरी के वीरों की याद दिला गईं
फिल्म निर्माण कार्यशाला की अध्यक्षता डीन एकैडमिक अफेयर प्रो. एस. विक्टर बाबू ने की। स्वागत भाषण इतिहास विभागाध्यक्ष प्रो. वी.एम. रवि कुमार ने दिया। कार्यशाला के मुख्य वक्ता संजय मिश्रा (राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री, इतिहास संकलन योजना, नई दिल्ली) ने भारतीय फिल्मों के इतिहास और उनके सामाजिक प्रभावों पर विचार प्रस्तुत किए।
फिल्म निर्माण के बजट और संरचना पर फिल्म निर्देशक प्रो. मोहन दास ने विस्तृत जानकारी दी, जबकि प्रसिद्ध छायाकार आशीष अग्रवाल ने फिल्मों के तकनीकी पक्षों जैसे कैमरा, एंगल, प्रकाश व्यवस्था आदि पर रोशनी डाली।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुदर्शन चक्रधारी ने कुशलता से किया और अंत में डॉ. आनंद सिंह ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
विशेष आकर्षण के रूप में काकोरी केस पर आधारित पुस्तकों की एक प्रदर्शनी तथा ऐतिहासिक घटना पर केंद्रित एक विशेष प्रदर्शनी लगाई गई, जिसे समारोह के अंतिम दिन तक देखा जा सकेगा। इस प्रदर्शनी में दुर्लभ दस्तावेज़, चित्र, पोस्टर और पुस्तकें शामिल की गई हैं जो काकोरी क्रांतिकारियों के साहस और बलिदान की कहानी कहती हैं।
इस गौरवपूर्ण आयोजन में इतिहास, पत्रकारिता, कला और संस्कृति से जुड़ी कई प्रतिष्ठित हस्तियों की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिनमें आयाज़ सिद्दकी, डॉ. शाह आलम राणा, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. सिद्धार्थ शंकर राय, अरविंद सिंह राणा और जी.पी. सिंघा प्रमुख हैं।
तीन दिवसीय यह कार्यक्रम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण अध्याय काकोरी ट्रेन एक्शन की स्मृति में आयोजित किया गया है, जो न केवल ऐतिहासिक चेतना को जाग्रत कर रहा है, बल्कि नई पीढ़ी को राष्ट्रप्रेम और बलिदान की प्रेरणा भी दे रहा है। इस अवसर पर फिल्मकारों द्वारा फेस्टिवल बुक भी रिलीज की गयी.