लक्ष्मण सिंह निकालेंगे समरसता पदयात्रा:बड़े भाई की राह पर छोटे भाई, कांग्रेस से दूरी या नई सियासी बिसात?
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई और कांग्रेस से निष्कासित पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह ने पूरे प्रदेश में यात्रा निकालने का ऐलान किया है। उन्होंने निकाली जाने वाली पद यात्रा सामाजिक सद्भाव यात्रा नाम दिया है।

मध्य प्रदेश की राजनीति में राघोगढ़ परिवार एक बार फिर सुर्खियों में है, क्योंकि कांग्रेस के सीनियर नेता और एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह अब पूरे प्रदेश में यात्रा पर निकलने वाले हैं
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई और पूर्व सांसद लक्ष्मण सिंह ने मध्य प्रदेश में सामाजिक समरसता यात्रा निकालने की घोषणा की है। लक्ष्मण सिंह ने एक वीडियो के माध्यम से प्रदेशवासियों से यात्रा से जुड़ने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि चंद नेताओं ने अपने स्वार्थ के लिए भाई-भाई को अलग कर दिया है।
लक्ष्मण सिंह ने वीडियो में कहा कि वह आरक्षण के विरोधी नहीं हैं, लेकिन अब तक 27% आरक्षण लागू क्यों नहीं हो पाया, यह सवाल सबके मन में है। उन्होंने विधानसभा की प्रत्येक क्षेत्र में एक दिन पदयात्रा और अन्य स्थानों पर वाहन यात्रा करने का प्रस्ताव रखा। यात्रा का उद्देश्य समाज में एकता, समरसता और भाईचारे का संदेश देना है।
एकता पर दिया जोर, भेदभाव दूर करने की अपील पूर्व सांसद ने कहा कि आज सभी देशवासियों को एकजुट रहने की जरूरत है। समाज में ऊंच-नीच, गरीबी-अमीरी के भेदभाव को छोड़कर सबको एक मंच पर लाना है। मध्यप्रदेश को एक रखना है, देश को एक रखना है, ताकि भारत मजबूत बने।
लक्ष्मण सिंह की सियासी पारी
लक्ष्मण सिंह ने साफ कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य समाज में एकता और समरसता का संदेश फैलाना है, 'हम चाहते हैं कि कोई ऊंच-नीच ना रहे, हर समाज साथ चले'. हालांकि उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि यह यात्रा पूरी तरह गैरराजनीतिक नहीं है, लेकिन इसमें किसका साथ मिलेगा और कौन इससे दूरी बनाए रखेगा, यह अभी साफ नहीं है. गौरतलब है कि लक्ष्मण सिंह को कांग्रेस पार्टी पहले निष्कासित कर चुकी है और वे कई बार पार्टी लाइन से हटकर बयानबाज़ी कर चुके हैं. अब उनकी इस यात्रा को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह कदम कांग्रेस के समर्थन में है या फिर कोई नई राजनीतिक राह की ओर संकेत दे रहे हैं ?. यात्रा कब से शुरू होगी, इसकी तारीख अभी तय नहीं हुई है, साथ ही, इस पदयात्रा में कांग्रेस के स्थानीय नेताओं की भूमिका क्या होगी, यह भी अभी रहस्य बना हुआ है.
एमपी की सियासत में हलचल
लक्ष्मण सिंह एमपी की राजनीति में बड़ा चेहरा माने जाते हैं, वह तीन बार विधायक और पांच बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं, खास बात यह है कि वह कांग्रेस के साथ-साथ बीजेपी में भी रह चुके हैं, लेकिन फिलहाल लक्ष्मण सिंह किसी पार्टी में नहीं है, ऐसे में उनकी पदयात्रा के ऐलान ने एमपी का सियासी पारा जरूर गर्मा दिया है. क्योंकि इस यात्रा से क्या निकलने वाला है यह तो वक्त के गर्द में छिपा है, लेकिन लक्ष्मण सिंह की इस घोषणा से सियासी पंडितों के साथ-साथ राजनीतिक दल भी एक्टिव जरूर हो गए होंगे.