खाद मांगने पर आदिवासी किसान की पुलिस ने की पिटाई, VIDEO वायरल; पुलिस बोली- नशे में था, नेता प्रतिपक्ष का हमला

रीवा में खाद वितरण केंद्र के बाहर पुलिस ने आदिवासी किसान पर लात घूंसे बरसाए। जिसका वीडियो भी सामने आया है। वहीं पुलिस का कहना है कि वो किसान नशे की हालत में था और हंगामा कर रहा था। हालांकि वीडियो में पुलिसकर्मी लात और हाथ चलाते हुए देखे जा रहे हैं। इस मामले को लेकर उमंग सिंघार ने सरकार पर सवाल उठाए हैं।

आदिवासी किसान प्रभु दयाल को पुलिस ने लात-घूंसों से पीट-पीटकर अधमरा कर दिया.

मध्य प्रदेश के रीवा से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. विकासखंड में खाद लेने पहुंचे आदिवासी किसान प्रभु दयाल को पुलिसकर्मियों द्वारा लात-घूंसों से पीटे जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. किसान का आरोप है कि उसने पांच बोरी यूरिया की मांग की तो पुलिस ने थाने ले जाकर धमकाया. घटना ने प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

वीडियो में साफ दिख रहा है कि किसान के साथ धक्का-मुक्की और मारपीट की जा रही है. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोग पुलिस और प्रशासन पर तरह-तरह के सवाल उठा रहे हैं.

रीवा सहित बिंध्य क्षेत्र में यूरिया खाद की भारी कमी है. किसान रात-रातभर लाइन में लगकर टोकन लेते हैं और सुबह-सुबह केंद्रों पर पहुंचते हैं. बावजूद इसके उन्हें आवश्यक मात्रा में खाद नहीं मिल पा रही. ऐसे हालात में प्रभु दयाल जैसे किसान की पिटाई का वीडियो लोगों के गुस्से को और बढ़ा रहा है.

एमपी के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने एक्स पोस्ट कर लिखा कि रीवा के किसान समृद्धि केन्द्र जवा में आदिवासी किसान का गुनाह सिर्फ इतना था कि उसने नियम के हिसाब से खाद की बोरी मांग ली पर भाजपा राज में उसे खाद नहीं मिली, बल्कि पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा और थाने में भी टॉर्चर करते हुए गालियां दी गई।

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वहीं दूसरी तरफ आदिवासी किसान ने पुलिस के द्वारा लगाए जा रहे नशे में होने और हंगामा करने के सभी आरोपों को निराधार बताया है। साथ ही पुलिस पर बिना वजह पीटने का आरोप भी लगाया है। किसान का आरोप है कि आदिवासी होने की वजह से मेरे साथ इस तरह की बर्बरता की गई।

नियम के हिसाब से खाद मांगा तो की पिटाई दरअसल पूरा मामला किसान समृद्धि केन्द्र जवा महूहाटोला का है। जहां पर किसान खाद लेने गया हुआ था। किसान प्रभु दयाल आदिवासी ने बताया कि जब मैं अपना टोकन लेकर काउंटर पर पहुंचा तो वहां के कर्मचारियों ने मुझे दो बोरी खाद देने के लिए बोला। तब मैंने कहा कि एक टोकन में पांच बोरी खाद देने का नियम आप लोगों ने बनाया है। गांव के सभी प्रतिष्ठित और ऊंचे तबके के लोगों को भी इसी तरह से खाद दी गई है। इसलिए मुझे भी पांच बोरी खाद दी जाए।

किसान बोला- मुझे थाने में भी टॉर्चर किया मेरे विनम्रतापूर्वक इतना निवेदन करते ही उपस्थित पुलिसकर्मी प्रधान आरक्षक अनुराग तिवारी और आरक्षक शिवेंद्र मिश्रा गाली गलौज करने लगे। इसके बाद उन्होंने लात घूंसे से मुझे मारा। साथ ही मुकदमा दर्ज करने की धमकी देते हुए मुझे गाड़ी में बैठाकर जवा थाने भी लाया गया। मुझ पर लगातार एक के बाद एक कई प्रहार किए गए। मैं मारपीट से डर गया और सहम गया।

आखिर खाद मांगकर इतना बड़ा क्या गुनाह कर दिया मुझे यही बात नहीं समझ आ रही थी। फिर थाने ले जाकर भी मुझे टॉर्चर किया। इसके पहले मुझे रास्ते में टॉर्चर किया गया। भला मेरा दोष क्या था। ऊपर से मुझे नशेड़ी सिद्ध करने के लिए आरोप लगाए गए। किसान की पत्नी वैजंती ने कहा कि मेरे पति की कोई गलती नहीं है। पुलिस वाले अचानक उन्हें पीटने लगे। मेरे पति के साथ बिना वजह मारपीट की गई।