शिवराज सिंह चौहान का काफिला रोका, कांग्रेस ने दिखाए काले झंडे : खाद संकट पर गरमाई सियासत,शिवराज का किसान संवाद कार्यक्रम रद्द
सतना में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के दौरे पर हंगामा हो गया जब कांग्रेस विधायक ने उनका काफिला रोककर खाद संकट का मुद्दा उठाया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाकर विरोध किया और किसानों की समस्या पर सवाल खड़े किए।

हंगामे के चलते शिवराज का किसान संवाद कार्यक्रम रद्द,जनता की आवाज से डरी सरकार कांग्रेस का आरोप
सतना में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने से पहले पुलिस और कांग्रेसियों की झड़प हो गई। कांग्रेस ने खाद संकट को लेकर शिवराज के घेराव और काले झंडे दिखाने का ऐलान किया था। हंगामा बढ़ने की आशंका को देखते हुए केंद्रीय मंत्री का कार्यक्रम रद्द करना पड़ा।
घटना गुरुवार देर शाम की है। शिवराज दोपहर 3 बजे जिले के कुंदहरी में किसान संवाद में शामिल होने वाले थे। ऐनवक्त पर कार्यक्रम कैंसिल होने को लेकर कांग्रेस नेत्री डॉ. रश्मि पटेल ने कहा, सरकार जनता की आवाज से डर गई है, इसलिए मंत्री का कार्यक्रम बदल दिया गया।
कांग्रेस ने किया था घेराव का ऐलान नागौद विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी रहीं डॉ. रश्मि पटेल ने अपने समर्थकों के साथ बिहटा गांव में केंद्रीय मंत्री के विरोध की तैयारी की थी। कांग्रेस का आरोप है कि किसानों को खाद नहीं मिल रही है। सरकार इस गंभीर समस्या पर ध्यान नहीं दे रही है।
उचेहरा थाने और अन्य थानों से पुलिस बल बुलाकर गांव में तैनात कर दिया गया। कांग्रेस कार्यकर्ता हाईवे की तरफ बढ़ने लगे तो पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। कार्यकर्ताओं की पुलिस से बहस हुई। इसके बाद दोनों में झड़प हो गई। कुछ कार्यकर्ता हाईवे पर पहुंच गए और नारेबाजी शुरू कर दी।
कांग्रेस विधायक ने शिवराज का काफिला रोका कांग्रेस जिला अध्यक्ष और विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा पहले ही केंद्रीय मंत्री शिवराज का काफिला रोक चुके थे। उन्होंने शिवराज से खाद की कमी समेत किसानों को हो रही समस्याओं को लेकर बात की। शिवराज ने सभी बातें सुनीं और भरोसा दिलाया कि वे राज्य सरकार से चर्चा करेंगे
ट्रैक्टर लेकर हाईवे जाम करने की थी प्लानिंग नागौद एसडीओपी रघु केसरी ने बताया कि प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर लेकर हाईवे जाम करने की फिराक में थे। सूचना मिलते ही ब्लॉक के सारे थानों की पुलिस के अलावा पुलिस लाइन से भी बल बुलाया गया और प्रदर्शनकारियों को गांव में ही रोकने का प्रयास किया गया। इस दौरान धक्का-मुक्की की जाने लगी। एसडीएम ने भी समझाइश दी, लेकिन कोई नहीं माना। हालांकि हाईवे में पहुंचने के बाद एसडीएम को ज्ञापन सौंप कर प्रदर्शन समाप्त हो गया।