कोलारस के पूर्व विधायक का कांग्रेस से इस्तीफा:वीरेन्द्र रघुवंशी ने स्वास्थ्य का हवाला दिया, बोले- शायद मेरे लायक पार्टियां नहीं बचीं
कोलारस से पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता वीरंद्र रघुवंशी ने सोमवार को अचानक पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।

कोलारस से पूर्व विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया।
इस्तीफे की वजह स्वास्थ्य खराब होना बताया, लेकिन विवाद की चर्चा भी।
इस्तीफा पहले सोशल मीडिया पर डाला, फिर कुछ देर बाद हटा लिया गया।
Former MLA Virendra Raghuvanshi Left Congress : मध्य प्रदेश कांग्रेस में एक बार फिर से हलचल मचा देने वाला घटनाक्रम देखने को मिला है। दरअसल, शिवपुरी जिले की कोलारस विधानसभा से पूर्व विधायक और कद्दावर नेता वीरेंद्र रघुवंशी ने सोमवार को अचानक कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पत्र साझा कर इस्तीफे की जानकारी देते हुए इसका कारण ‘स्वास्थ्य ठीक न होना’ बताया है।
लेकिन, इस्तीफे के साथ वीरेंद्र रघुवंशी द्वारा बताए गए कारण को लेकर सियासी गलियारों में हलचल इसलिए भी मच गई है, क्योंकि महज एक दिन पहले ही रघुवंशी ने एक महत्वपूर्ण पार्टी बैठक की जानकारी सोशल मीडिया द्वारा साझा की थी। ये बैठक 16 जून को कोलारस के होटल फुलराज में आयोजित होने वाली है। यह बैठक कांग्रेस संगठन सृजन अभियान के अंतर्गत शिवपुरी जिले के नए जिला अध्यक्ष के चयन को लेकर बुलाई गई है, जिसमें केंद्रीय और प्रदेश पर्यवेक्षक समेत कांग्रेस के दिग्गज नेता आमंत्रित हैं।
ऐसे में रघुवंशी का ठीक इसी बीच पार्टी से इस्तीफा देना कई सवाल खड़े कर रहा है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि, क्या ये वाकई सिर्फ स्वास्थ्य का मामला है या फिर कांग्रेस के अंदरूनी संघर्ष और गुटबाज़ी से उपजी नाराज़गी की एक कड़ी?
राजनीतिक गलियारों में कई अटकलें
स्थानीय राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि रघुवंशी लंबे समय से संगठन में उपेक्षा का सामना कर रहे थे। सूत्रों का यहां तक दावा है कि, पार्टी में उनके सुझावों की अनदेखी और नए नेतृत्व के साथ टकराव ने उन्हें हाशिए पर ला दिया था। ऐसे में अटकलें ये भी लगाई जा रही हैं कि, अब रघुवंशी किसी अन्य राजनीतिक दल की ओर रुख कर सकते हैं, हालांकि इस पर अभी तक उन्होंने कोई स्पष्ट बयान सामने नहीं आया है।
गौरतलब है कि, वीरेंद्र रघुवंशी कोलारस क्षेत्र में प्रभावशाली नेता माने जाते हैं और उनका कांग्रेस से यूं अचानक अलग होना पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। अब देखना यह है कि कांग्रेस इस घटनाक्रम पर क्या प्रतिक्रिया देती है और रघुवंशी का अगला कदम क्या होता है?