पुलिस पर हिरासत में बर्बरता का आरोप, पीड़ितों की हालत देख कोर्ट ने मेडिकल रिपोर्ट को नकारा, पैनल जांच के आदेश
मध्य प्रदेश के भिंड जिले में पुलिस कस्टडी में बेरहमी से पिटाई के गंभीर आरोप लगे हैं। शनिवार को जब पुलिस पांच आरोपियों को कोर्ट में पेश करने लाई, तो उनकी हालत देखकर जज ने मेडिकल रिपोर्ट को ही खारिज कर दिया। अदालत ने तत्काल सभी को जमानत देते हुए पैनल बोर्ड से दोबारा मेडिकल जांच कराने का आदेश दिया है।
भिंड में पुलिस हिरासत में मारपीट के आरोपों ने तूल पकड़ लिया है। पांच आरोपियों की खराब हालत देखकर कोर्ट ने मेडिकल रिपोर्ट को खारिज कर दिया और पैनल बोर्ड से दोबारा जांच के निर्देश दिए। पुलिस ने इन सभी आरोपों को 'नाटक' बताया है।
भिंड: मध्य प्रदेश के भिंड जिले में पुलिस कस्टडी में बेरहमी से पिटाई के गंभीर आरोप लगे हैं। शनिवार को जब पुलिस पांच आरोपियों को कोर्ट में पेश करने लाई, तो उनकी हालत देखकर जज ने मेडिकल रिपोर्ट को ही खारिज कर दिया। अदालत ने तत्काल सभी को जमानत देते हुए पैनल बोर्ड से दोबारा मेडिकल जांच कराने का आदेश दिया है।
मामला फूप थाना क्षेत्र का है। शनिवार को पेशी के दौरान आरोपियों की हालत इतनी खराब थी कि उनमें से दो ठीक से चल भी नहीं पा रहे थे। कोर्ट परिसर से बाहर निकलते ही एक आरोपी प्रमोद शर्मा सड़क पर गिर पड़ा, जिसे परिवार वालों ने संभाला।
सड़क पर मामूली टक्कर से शुरू हुआ विवाद
यह पूरा घटनाक्रम शुक्रवार शाम सैनिक कॉलोनी में एक मामूली विवाद से शुरू हुआ। विवेक शर्मा सब्जी खरीद रहे थे, तभी उनकी छोटू जाटव की बाइक से टक्कर हो गई। देखते ही देखते बात बढ़ गई और मारपीट होने लगी, जिससे सड़क पर जाम लग गया
सूचना मिलने पर सादी वर्दी में पुलिसकर्मी राहुल राजावत मौके पर पहुंचे। आरोप है कि बीच-बचाव के दौरान उनकी भी विवेक पक्ष से कहासुनी हो गई। इसी बीच, दीपक परमार घटना का वीडियो बना रहे थे, जिनका मोबाइल छीन लिया गया।
परिजनों का आरोप- रातभर थाने में पीटा
आरोपियों के परिवार के मुताबिक, रात में पुलिस विवेक शर्मा के घर पहुंची और परिवार के कई सदस्यों को जबरन थाने ले आई। बाद में महिलाओं और बच्चों को तो छोड़ दिया गया, लेकिन विवेक शर्मा, प्रमोद शर्मा, अभिषेक शर्मा, दीपक शर्मा और सुरेश शर्मा को हवालात में बंद कर दिया गया।
परिजनों ने आरोप लगाया कि रातभर पांचों को लाठी-डंडों से पीटा गया। प्रमोद और दीपक को गंभीर चोटें आईं। प्रमोद ने कोर्ट को बताया कि उसकी बुरी तरह पिटाई की गई है और मेडिकल रिपोर्ट में भी 11 गंभीर चोटों का जिक्र है। परिवार ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने बिना महिला पुलिसकर्मी के महिलाओं के साथ भी धक्का-मुक्की और बदसलूकी की।
पुलिस ने आरोपों को बताया ‘नाटक’
वहीं, फूप थाना प्रभारी सत्येंद्र राजपूत ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह एक साधारण एक्सीडेंट का मामला था और आरोपी ‘नाटक’ कर रहे हैं।
“पुलिस ने किसी के साथ कोई मारपीट नहीं की है। यह सिर्फ एक साधारण विवाद था, जिसे बेवजह तूल दिया जा रहा है।” — सत्येंद्र राजपूत, थाना प्रभारी, फूप
इस मामले पर एसडीओपी रविंद्र वास्कले ने कहा कि न्यायालय के आदेश का पालन किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि पैनल बोर्ड से निष्पक्ष जांच कराई जाएगी और रिपोर्ट सीधे अदालत के सामने पेश की जाएगी। रविवार होने के कारण मेडिकल परीक्षण नहीं हो सका है। अब पैनल बोर्ड की जांच रिपोर्ट से ही मामले की सच्चाई सामने आएगी।
प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस