अजमेर दादाबाड़ी जीर्णोद्धार: देशभर में गूंज रही श्रद्धा की भक्ति, सम्यकरत्न सागर
अजमेर संघ, जीर्णोद्धार समिति, देशभर के सभी संघ, समाज के आगेवान ऊर्जा, श्रद्धा, भक्ति भावना से कलश को सभी साधु-साध्वी भगवंतों एवं गुरुभक्तों तक पहुँचा रहे हैं।

Surat,अजमेर दादाबाड़ी के 872 वर्ष पुराने ऐतिहासिक जीर्णोद्धार के शिलान्यास के लिए एक अभिमंत्रित रजत कलश यात्रा देशभर में निकाली जा रही है, जो भक्तों में असीम उत्साह भर रही है। यह यात्रा पूज्य खरतरगच्छाचार्य श्री जिन पीयूषसागर सूरीश्वर जी म.सा.के आशीर्वाद और आह्वान से, पूज्य मुनिवर श्री सम्यक् रत्न सागर जी म.सा. और पूज्या शासन ज्योति शतावधानी श्री मनोहर श्रीजी म.सा. के पावन सानिध्य में आगे बढ़ रही है।
कलश का महत्व
यह रजत कलश वासक्षेप, रत्न-जवाहरात और भक्तों की असीम श्रद्धा से परिपूर्ण है। इसे अजमेर दादाबाड़ी के शिलान्यास के समय गहन शिलाओं में स्थापित किया जाएगा। यह कलश न केवल इस ऐतिहासिक क्षण का प्रतीक है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को गुरुभक्ति और आस्था की प्रेरणा भी देगा। यह दादाबाड़ी खरतरगच्छ के इतिहास की पहली दादाबाड़ी है, जो अपनी चमत्कारी महिमा और मनोकामना पूर्ण करने के लिए जानी जाती है।
यात्रा का सफर
यह पावन यात्रा खरतरगच्छाचार्य श्री जिन पीयूष सागर सूरीश्वर जी म.सा. के सूरत चातुर्मास में आशीर्वाद लेकर शुरू हुई थी। अभी तक यह यात्रा महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, गुजरात और राजस्थान के विभिन्न शहरों और गांवों में ढोल धमाके के साथ भव्य स्वागत पाती हुई आगे बढ़ रही है।
महाराष्ट्र: सूरत के तीनों श्रीसंघों से शुभारंभ के बाद यह मुंबई, भायंदर- खरतरगच्छाचार्य श्री जिन मनोज्ञसागर सूरीश्वर जी म .सा .के आशीर्वाद और वाक्षसेप लेने के बाद पायधुनी, भीवंडी, मालेगांव, धुलिया, अमलनेर, डोंडायचा, अक्कलकुआ, वाण्याविहिर, नागपुर, चंद्रपुर, यवतमाल, तलेगाँव, हिंगणघाट, वरोरा और गोंदिया जैसी दादावाड़ियों में मंगल प्रवेश कर चुकी है।
छत्तीसगढ़: रायपुर, बालाघाट, धमतरी, राजनांदगाँव, दुर्ग, महासमुंद, बेरला, वैशाली नगर, कैवल्यधाम, कवर्धा, सहसपुर लोहारा, अहिवारा, मुरमउंडा, डोंडी लोहारा, बालोद, दल्लीराजहरा, भानूप्रतापपुर, कांकेर, केसकाल, कोंडागाव, जगदलपुर, नयापरा राज़िम, फ़िंगेश्वर, गरियाबंद, बागबहरा, कोमाखान, खरियार रोड, नगरी, बीरगुड़ी और सिहावा जैसे कई शहरों और गांवों में इस यात्रा का भव्य स्वागत हुआ है।
गुजरात और राजस्थान: सूरत ,अहमदाबाद, बड़ौदा , नवसारी ,प्रतापगढ़, चौहटन (बाड़मेर), गुडा मालानी, के बाद सांचौर और धोरीमना में भी मंगल कलश के कार्यक्रम हो रहे है।
मध्य प्रदेश (महाकौशल): वरासेओनी, लालबर्रा, सिवनी, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, जबलपुर, कटनी, सतना, उज्जैन, इंदौर, जावरा और मंदसौर जैसे क्षेत्रों में भी कलश यात्रा ले जाने का आग्रह किया गया है।
अजमेर संघ, जीर्णोद्धार समिति, देशभर के सभी संघ, समाज के आगेवान ऊर्जा, श्रद्धा, भक्ति भावना से कलश को सभी साधु-साध्वी भगवंतों एवं गुरुभक्तों तक पहुँचा रहे हैं।
आगामी ऐतिहासिक क्षण
विश्व की प्रथम दादावाड़ी प्रथम युगप्रधान दादागुरुदेव की 871 वर्ष बाद हो रहे जीनोद्वार के तहत भूमि शुद्धिकरण का कार्य मुनि श्री सम्यकरत्न सागर जी म.सा. एव दादावाड़ी जीनोद्वार प्रेरिका साध्वी श्री मनोहरश्री जी म.सा. के सानिध्य में खाचरोद निवासी पंकज भाई विधिकारक के निर्देशन में संपन्न होने के बाद अब भूमिखनन 30 तारीक को होगा और *4 सितंबर, 2025को अजमेर में दादाबाड़ी जीर्णोद्धार का शिलान्यास महामहोत्सव आयोजित होगा*, जिसमें इस पवित्र कलश को विधिवत रूप से शिलाओं में प्रतिष्ठित किया जाएगा।
जागृति का आह्वान
यह यात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि संगठित श्रावक-श्राविकाओं की गुरुभक्ति और आस्था की अद्वितीय अभिव्यक्ति है। सभी संघों से इस महापर्व में तन-मन-धन से सहभागी होने का आग्रह किया गया है।
निर्माण कार्य में सहयोग के लिए एक ईंट का लाभ 9,999/- रुपये रखा गया है। 11 ईंटों का लाभ लेने वाले परिवारों का नाम जीर्णोद्धार के बाद उचित पट्ट पर अंकित किया जाएगा*