बाड़मेर जैन श्री संघ में आचार्य श्री का वर्षावास और सूरिमंत्र साधना:- बाड़मेर जैन श्री संघ, सर्वमंगलमय वर्षावास कुशल दर्शन दादावाड़ी सूरत में
बाड़मेर जैन श्री संघ द्वारा आचार्य श्री का वर्षावास और सूरिमंत्र साधना आयोजित की गई। यह वर्षावास कुशल दर्शन दादावाड़ी, सूरत में सर्वमंगलमय वातावरण के साथ संपन्न हो रहा है।
बाड़मेर जैन श्री संघ का वर्षावास एवं सूरिमंत्र साधना सूरत स्थित कुशल दर्शन दादावाड़ी में प्रारंभ
Surat प.पू.खरतरगच्छाचार्य सरलमना संयम सारथी सम्मेतशिखर सांवलिया पार्श्वनाथ तीर्थोद्वारक, जोगीपहाड़ी तीर्थोद्वारक, नमिऊणतीर्थ, लब्धिनिधान पार्श्वनाथ मणिधारी तीर्थ,खरतरवसहि,अजमेर दादावाङी जिनोद्वारक श्री जिनपियूषसागर सूरीश्वरजी म.सा. का वर्षावास चल रहा है। इस दौरान आचार्य श्री ने अपनी 12वीं सूरिमंत्र साधना पीठिका का शुभारंभ किया है। आचार्य श्री ने वर्ष 2015 में आचार्य पद ग्रहण करने के बाद से हर साल तप, जप और आराधना के साथ सूरिमंत्र साधना पीठिका का अनुष्ठान किया है। यह उनकी 12वीं पीठिका है, जिसका शुभारंभ 17 सितंबर को हुआ। यह साधना विशेष रूप से महालक्ष्मी देवी सूरिमंत्र की 25 दिवसीय अनुष्ठान साधना है, जो 11 अक्टूबर को पूरी होगी।
शुभारंभ का विधिविधान
इस साधना के शुभारंभ पर श्रीसंघ ने सामूहिक रूप से स्नात्र पूजा, कलश पूरन, अखंड दीपक प्रज्वलन, गुरु पादुका स्थापना, क्षेत्रपाल पूजन और महालक्ष्मीजी की प्रतिमा और सूरिमंत्र पट्ट की स्थापना की। गुरुभक्त परिवारों ने नवरत्न और सोने की माला अर्पित कर पुण्यलाभ कमाया। इसके बाद आचार्य भगवंत ने मंगल प्रवचन और वासक्षेप का आशीर्वाद दिया।
यह साधना 11 अक्टूबर को पूरी होगी। इसके बाद, 12 अक्टूबर (रविवार) को एक भव्य महामांगलिक महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इस मौके पर आचार्य भगवंत अपने हाथों से श्रीसंघ और सभी भक्तों को अभिमंत्रित सूरिमंत्र वासक्षेप देंगे। बाड़मेर संघ के वरिष्ठ सदस्य
चम्पालाल बोथरा ने इस अवसर पर कहा, "आचार्य भगवंत की यह दिव्य साधना हम सबके जीवन में आध्यात्मिक शक्ति और कल्याण लाएगी। हमें महामांगलिक महोत्सव में ज़्यादा से ज़्यादा संख्या में भाग लेकर गुरुदेव का आशीर्वाद पाना चाहिए, यही हम सबका सौभाग्य है।"
यह एक आमंत्रण भी है कि सभी धर्मप्रेमी इस साधना में जप और तप के साथ सहभागी बनें और 12 अक्टूबर को होने वाले महामांगलिक महोत्सव में सपरिवार आकर गुरुदेव के आशीर्वाद से लाभ उठाएँ।
संकलन :-
चम्पालाल बोथरा सूरत