बेटे, पोते और पत्नी ने मिलकर पिता को मौत के घाट उतारा! दुर्गा पंडाल में बहू को डांस करने से रोका तो मार डाला बुजुर्ग को
एमपी में दुर्गा पूजा के अवसर पर दर्दनाक घटना सामने आई है। यहां के मऊगंज जिले में एक शख्स की उसके ही घरवालों ने हत्या कर दी, क्योंकि शख्स ने अपनी बहू के पंडाल में डांस करने पर आपत्ति जताई थी।

मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले में रिश्तों में हैवानियत का मामला सामने आया है। एक बुजुर्ग को उसी के बेटे, बहू और पोते ने पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया। हत्या के पीछे बात भी बहुत ही मामूली सी थी। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है।
मऊगंज : नवरात्र का पर्व चल रहा था, गांव में दुर्गा पंडाल सजा था, लोग भक्ति और उल्लास में डूबे हुए थे. लेकिन इसी बीच मऊगंज जिले के हनुमाना थाना क्षेत्र से एक ऐसी वारदात सामने आई जिसने पूरे इलाके को दहला दिया. महज़ बहू को दुर्गा पंडाल में नाचने से रोकने की बात पर बेटे, बहू और पोते ने मिलकर अपने ही घर के बुज़ुर्ग की जान ले ली.
जानकारी के मुताबिक, मृतक की पहचान 62 वर्षीय रामरति विश्वकर्मा के रूप में हुई है. घटना मंगलवार देर रात की बताई जा रही है. दरअसल, नवरात्र के मौके पर क्षेत्र में लगे दुर्गा पंडाल में उनकी बहू नृत्य करने गई थी. इस पर रामरति ने उसे रोक दिया और कहा कि यह सही नहीं है. मामूली लगने वाली यह बात धीरे-धीरे इतनी बढ़ गई कि घर में जमकर विवाद हो गया.
गुस्से में पहले पोते सोनू ने हाथ में रखा फावड़ा उठाकर दादा पर वार कर दिया. इसके बाद बेटे वेदप्रकाश और मृतक की पत्नी ने लाठियों से रामरति की बेरहमी से पिटाई कर दी. लगातार वार से गंभीर रूप से घायल हुए रामरति ने मौके पर ही दम तोड़ दिया.
घटना की खबर गांव में आग की तरह फैल गई और देखते ही देखते पंडाल में पूजा–पाठ का माहौल मातम में बदल गया. सूचना मिलते ही हनुमाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए महज़ 24 घंटे के भीतर तीनों आरोपियों बहू, बेटे वेदप्रकाश और पोते सोनू को गिरफ्तार कर लिया
एडिशनल एसपी विक्रम सिंह ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 103 (1) और 3 (5) के तहत मामला दर्ज कर उन्हें न्यायालय में पेश कर दिया गया है. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की गहन जांच कर रही है कि हत्या की असली वजह सिर्फ दुर्गा पंडाल की घटना थी या इसके पीछे लंबे समय से चले आ रहे घरेलू विवाद की भी अहम भूमिका रही.
इस घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि रामरति अपने सख्त स्वभाव के लिए जरूर जाने जाते थे, लेकिन किसी ने यह नहीं सोचा था कि घर के ही सदस्य उनकी जान के दुश्मन बन जाएंगे. यह घटना एक चेतावनी है कि पारिवारिक कलह और घरेलू विवाद किस तरह खतरनाक रूप ले सकते हैं.