राजनीति छोड़ रही और परिवार से भी नाता तोड़ रही; तेजप्रताप के बाद रोहिणी ने लालू परिवार से किया किनारा:3 महीने से फैमिली में संजय यादव की वजह से कलह; बिखर जाएगा लालू का कुनबा?

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में RJD की करारी हार (सिर्फ 25 सीटें) के बाद लालू प्रसाद यादव के परिवार में आंतरिक कलह खुलकर सामने आ गई है। तेजस्वी यादव की बहन और लालू की बेटी रोहिणी आचार्य ने एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट करके राजनीति और परिवार दोनों से नाता तोड़ने का ऐलान किया है। उन्होंने अपने इस फैसले के लिए राज्यसभा सांसद संजय यादव और रमीज का नाम लिया है।

राजनीति छोड़ रही और परिवार से भी नाता तोड़ रही; तेजप्रताप के बाद रोहिणी ने लालू परिवार से किया किनारा:3 महीने से फैमिली में संजय यादव की वजह से कलह; बिखर जाएगा लालू का कुनबा?

लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने राजनीति के साथ-साथ परिवार भी छोड़ने की बात कही है।

बिहार चुनाव में तेजस्वी यादव की राष्ट्रीय जनता दल को करारी हार का सामना करना पड़ा है. इस बीच हार के बाद लालू परिवार में महाभारत शुरू हो गई है. चुनाव के नतीजे आने के बाद लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने परिवार से नाता तोड़ने ऐलान किया है. उन्होंने तेजस्वी यादव के राइट हैंड और सलाहकार कहे जाने वाले संजय यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं. 

बीते कुछ समय से राज्यसभा सांसद संजय यादव को लेकर लालू परिवार में दरार देखने को मिल रही है. तेज प्रताप यादव ने परिवार से अलग होने के बाद उन पर आरोप लगाए थे. वह भी संजय यादव को लगातार शिकायत करते हुए नजर आते हैं. तेज प्रताप यादव कई मौकों पर संजय यादव को जयचंद के नाम से संबोधित करते हुए भी दिखाई दिए हैं. अब एक बार फिर संजय यादव को लेकर विवाद होता दिख रहा है. 

रोहिणी आचार्य ने संजय पर लगाए गंभीर आरोप

रोहिणी आचार्य ने राजनीति छोड़ने वाले ट्वीट में संजय यादव को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. रोहिणी ने कहा कि मैं राजनीति छोड़ रही हूं और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूं. उन्होंने आगे आरोप लगाते हुए कहा कि मुझसे ऐसा करने के लिए संजय यादव और रमीज ने कहा. 

रोहिणी आचार्य के इन आरोपों के बाद बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया है. उनके इस ट्वीट के बाद अब संजय यादव को लेकर सवाल उठना शुरू हो गए हैं. संजय यादव को लेकर लालू परिवार में दरार काफी समय से चल रही है. इसके बावजूद संजय यादव पर कोई भी एक्शन नहीं हो रहा?

एक और विवाद तब हुआ जब तेजस्वी यादव एक यात्रा में निकले थे. ऐसे में एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था जिसमें संजय यादव तेजस्वी यादव की जगह फ्रंट सीट पर बैठे हुए दिखाई दिए थे. संजय यादव को फ्रंट सीट पर देखकर रोहिणी आचार्य ने अपनी नाराजगी जाहिर की थी.

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा था कि फ्रंट सीट हमेशा ही बड़े नेता के लिए होती है, बड़े नेता की गैर मौजूदगी में उस पर कोई नहीं बैठना चाहिए. उन्होंने आगे कहा था कि अगर ऐसे में कोई और खुद को बड़ा नेता समझ रहा है तो वह अलग बात है.

आखिर क्यों संजय यादव को दूर नहीं कर पा रहे तेजस्वी?

संजय यादव को लेकर लग रहे आरोपों और लालू यादव की बेटी रोहिणी के ताजा आरोप के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं. सवाल यह है कि लालू परिवार में दरार की वजह संजय यादव को बताया जा रहा है. इन सब आरोपों के बाद आखिर ऐसा क्या है कि वह संजय यादव पर लग रहे आरोपों के बाद भी कुछ एक्शन नहीं ले पा रहे हैं. इस सवाल के जवाब का सभी को इंतजार है.

दावा किया जाता है कि संजय यादव, राजद के रणनीतियों और पारिवारिक नीतियों में खासा दखल रखते हैं. देखना यह होगा कि रोहिणी आचार्य के ताजा आरोपों के बाद संजय यादव पर क्या फैसला होता है?

पारिवारिक तनाव से पार्टी पर भी असर

रोहिणी ने सार्वजनिक तौर पर आरोप लगाया कि संजय यादव और रमीज के दबाव में उन्हें यह निर्णय लेना पड़ा. यह बयान जितना भावनात्मक था उतना ही आरजेडी के भविष्य की दिशा को लेकर सवाल भी खड़ा करता है. इस चुनाव में आरजेडी पहले से ही कठिन परिस्थितियों में थी. 25 सीटों पर सिमट जाना सिर्फ राजनीतिक असफलता नहीं बल्कि संगठनात्मक कमजोरी, नेतृत्व की अस्पष्टता और परिवारिक खींचतान का नतीजा भी माना जा रहा है. तेजस्वी यादव पूरे चुनाव पचार के दौरान चेहरा तो थे लेकिन नतीजों ने साफ कर दिया कि उनकी अपील सीमित हो गई है. दूसरी ओर लालू परिवार के भीतर चल रहे तनाव ने पार्टी की एकजुटता को कमजोर किया. कभी टिकट बंटवारे को लेकर तो कभी राजनीतिक रणनीति को लेकर यह विवाद नजर आया. रोहिणी आचार्य का तल्ख बयान इसी टूटन की परत खोल देता है.