लापता अर्चना तिवारी भारत-नेपाल बॉर्डर पर मिली, GRP को 13 दिन बाद सफलता लगी हाथ

12 दिनों से अधिक समय तक चले सर्च ऑपरेशन के बाद, जीआरपी को सूचना मिली कि अर्चना तिवारी उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में नेपाल बॉर्डर के पास हो सकती हैं। इस जानकारी के आधार पर पुलिस ने उसे बरामद कर लिया है।

लापता अर्चना तिवारी भारत-नेपाल बॉर्डर पर मिली, GRP को 13 दिन बाद सफलता लगी हाथ

GRP भोपाल की टीम ने अर्चना तिवारी को नेपाल बॉर्डर के लखीमपुर से बरामद किया

7 अगस्त से लापता थीं

नर्मदा एक्सप्रेस में सफर करते वक्त गायब हुई थीं

Archana Tiwari Case : लंबे समय से चर्चा में रहे अर्चना तिवारी लापता मामले में GRP को बड़ी सफलता मिली है। इंदौर से कटनी जाते समय नर्मदा एक्सप्रेस ट्रेन से रहस्यमयी तरीके से गायब हुई सिविल जज की तैयारी कर रही अर्चना तिवारी को आखिरकार उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के नेपाल बॉर्डर के पास से बरामद कर लिया गया है। मध्य प्रदेश पुलिस को यह सफलता 12 दिन बाद मिली है।

GRP रानी कमलापति थाने की टीम ने इस मामले में दिन-रात एक करदी थी। भोपाल रेलवे एसपी राहुल लोढ़ा ने इस सफलता की जानकारी साझा करते हुए ट्वीट किया, "थाना जीआरपी रानी कमलापति की गुमशुदा मामले में जीआरपी पुलिस को मिली बड़ी सफलता, अर्चना तिवारी को नेपाल बॉर्डर के पास लख्मीपुर खीरी से किया बरामद।"

रेलवे एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने इसकी पुष्टि की. जानकारी के मुताबिक, अर्चना नेपाल बॉर्डर के नजदीक मिली है. उसे लेकर पुलिस टीम भोपाल लौट रही है. भोपाल पहुंचने पर अर्चना से पूछताछ होगी. माना जा रहा है कि उसके बयान से पूरे मामले में बड़ा खुलासा हो सकता है. अर्चना इंदौर में रहकर सिविल जज की तैयारी कर रही थी. रक्षाबंधन पर वह घर लौटने निकली थी, लेकिन रहस्यमय ढंग से ट्रेन से गायब हो गई थी. उसका आखिरी लोकेशन भोपाल में मिला था. खास बात यह है कि अर्चना का टिकट ग्वालियर पुलिस के सिपाही राम तोमर ने कराया था. जीआरपी ने सिपाही को हिरासत में लिया है. पुलिस अब इस पूरे मामले की गुत्थी सुलझाने में जुटी है.

कॉन्स्टेबल से अर्चना का क्या है रिश्ता?

सिविल जज की तैयारी कर रही अर्चना तिवारी इंदौर से कटनी के लिए ट्रेन से रवाना हुई थी, रहस्यमयी ढंग से लापता हो गई. उसकी तलाशी के दौरान ही उसका ग्वालियर कनेक्शन सामने आया है. साथ ही अहम सुराग भी हाथ लगे हैं. अर्चना ग्वालियर में तैनात एक कॉन्स्टेबल राम तोमर के संपर्क में थी, जिसके बाद 19 अगस्त को जीआरपी की टीम ने उससे पूछताछ की. हालांकि दोनों का क्या रिश्ता है, इसका अभी पता नहीं चला है. अब पूछताछ के बाद ही पूरी जानकारी सामने आएगी.

ट्रेन में मिला था अर्चना का सामान

अर्चना 7 अगस्त को हॉस्टल से घर के लिए कटनी जिले को निकली थी. उसने इंदौर-बिलासपुर-नर्मदापुरम ट्रेन ली और डी-3 कोच में बैठी. ट्रेन 8 अगस्त को तो सुबह कटनी पहुंच गई, लेकिन अर्चना कहीं गायब हो गई थी. इसके बाद परिवारवालों ने अर्चना की खोजबीन शुरू की. इस दौरान अर्चना का बैग ट्रेन की बर्थ पर मिला. फिर परिजनों ने रानी कमलापति GRP थाने में मामला दर्ज करवाया.