कारागार दंड का स्थल नहीं बल्कि सुधार केंद्र है । प्रभारी जिला जज

निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने कारागार परिसर का भ्रमण कर बंदियों को उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं का बारीकी से जायजा लिया। उन्होंने रसोईघर, अस्पताल, वार्ड, परामर्श कक्ष एवं सुरक्षा व्यवस्थाओं को परखा। 

कारागार दंड का स्थल नहीं बल्कि सुधार केंद्र है । प्रभारी जिला जज

कारागार का निरीक्षण: बंदियों के सुधार और पुनर्वास पर जोर, व्यवस्थाएं संतोषजनक पाई गईं

उरई । प्रभारी जिला न्यायाधीश सतीश चन्द्र द्विवेदी, जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय, पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार, अपर जिला जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पारुल पंवार तथा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अभिषेक खरे द्वारा आज जिला कारागार का संयुक्त रूप से निरीक्षण किया गया।

निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने कारागार परिसर का भ्रमण कर बंदियों को उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं का बारीकी से जायजा लिया। उन्होंने रसोईघर, अस्पताल, वार्ड, परामर्श कक्ष एवं सुरक्षा व्यवस्थाओं को परखा। 

जेल प्रशासन को निर्देशित किया कि सभी बंदियों को मानकानुसार पौष्टिक भोजन, शुद्ध पेयजल, नियमित स्वास्थ्य जांच और स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि कारागार केवल दंड का स्थल न होकर सुधार का केंद्र है, इसलिए बंदियों के मानसिक व सामाजिक पुनर्वास हेतु विशेष प्रयास किए जाएं। सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा कर अधिकारियों को सतर्कता और नियमित गश्त बनाए रखने के निर्देश दिए। वहीं, न्यायिक अधिकारियों ने विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित सुविधाओं की जानकारी दी और बंदियों को उनके विधिक अधिकारों के प्रति जागरूक करने पर बल दिया।

निरीक्षण के दौरान सभी व्यवस्थाएं संतोषजनक पाई गईं। अधिकारियों ने जेल अधीक्षक नीरज देव एवं स्टाफ की सराहना करते हुए कहा कि इसी प्रकार मानक व्यवस्था बनाए रखें और समय-समय पर सुधारात्मक पहल करते रहें।

इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी नरेंद्र देव शर्मा, उप कारापाल आदि सहित सम्बंधित अधिकारी मौजूद रहे।