महिला अधिकारी का कांग्रेस विधायक पर सनसनीखेज आरोप : बंद कमरे में विधायक ने कहा 2-3 पेटी लाओ! बालाघाट की DFO का लेटर वायरल, पूरे प्रदेश में मचा हड़कंप

एमपी में विधायकों और अधिकारियों के विवाद व टकराव की बढ़ती घटनाओं के बीच ऐसा एक और मामला सामने आया है। एक विधायक पर लाखों रुपए ​की डिमांड करने के सनसनीखेज आरोप लगे हैं। विधायक पर ये आरोप एक महिला अफसर ने लगाए हैं। प्रदेश की बालाघाट वन विभाग की डीएफओ नेहा श्रीवास्तव ने विधायक अनुभा मुंजारे पर 2 से 3 लाख रुपए की डिमांड करने और धमकी देने का संगीन इल्जाम लगाया है। उन्होंने इस संबंध में पीसीसीएफ भोपाल को पत्र लिखा है। डीएफओ नेहा श्रीवास्तव ने अपने पत्र में घटना का पूरा विवरण दिया है। उन्होंने लिखा है कि विधायक की बात मानने से मना करने पर वे धमकाने लगीं। विधायक अनुभा मुंजारे अभद्रता पर उतर आई और परिवार को निशाना बनाने तक की धमकी देने लगीं।

महिला अधिकारी का कांग्रेस विधायक पर सनसनीखेज आरोप : बंद कमरे में विधायक ने कहा 2-3 पेटी लाओ! बालाघाट की DFO का लेटर वायरल, पूरे प्रदेश में मचा हड़कंप

कांग्रेस विधायक पर 3 लाख की मांग का आरोप: DFO की शिकायत पर वन विभाग ने शुरू की जांच, विधायक बोलीं- पति को बचाने के लिए झूठा आरोप लगाया गया

बालाघाट जिले में वन विभाग की डीएफओ (डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर) नेहा श्रीवास्तव ने कांग्रेस विधायक अनुभा मुंजारे पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है। डीएफओ ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक (PCCF) को पत्र लिखकर शिकायत की है। उन्होंने कहा कि विधायक ने उनसे 2 से 3 लाख रुपए की रिश्वत मांगी और धमकाया।

शिकायती पत्र में डीएफओ ने कांग्रेस विधायक पर सरकारी काम में बाधा डालने और जबरदस्ती करने का भी आरोप लगाया। इस मामले में वन विभाग ने जांच के आदेश दे दिए हैं। विधायक ने आरोपों को खारिज करते हुए डीएफओ पर मानहानि का दावा करने की बात कही है।

विश्राम गृह में मिलने बुलाया और रुपए मांगे डीएफओ नेहा श्रीवास्तव के अनुसार, 16 अगस्त को उन्हें वन विश्राम गृह में विधायक से मिलने के लिए बुलाया गया था। डीएफओ ने आरोप लगाया कि विधायक ने इस दौरान उनसे 2-3 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की। मना करने पर उनके और उनके परिवार के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और उन्हें जिले से हटवाने की धमकी भी दी।

डीएफओ ने बताया कि यह घटना वन विश्राम गृह के बरामदे में हुई, जहां अन्य विभागीय कर्मचारी भी मौजूद थे। उन्होंने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि विधायक ने बालाघाट के सभी आईएफएस अधिकारियों के लिए अपमानजनक टिप्पणी की है।

विधायक ने कहा- मानहानि का दावा करूंगी दूसरी ओर विधायक अनुभा मुंजारे ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने डीएफओ के आरोपों को हलकी मानसिकता का बताते हुए मानहानि का दावा करने की बात कही है। विधायक का कहना है कि डीएफओ यह सब अपने पति अधर गुप्ता को बचाने के लिए कर रही हैं, जो दक्षिण सामान्य वन मंडल बालाघाट में पदस्थ हैं।

विधायक ने आरोप लगाया कि लालबर्रा के सोनेवानी में एक मादा बाघ की मौत के मामले में डीएफओ के पति के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए थी। उनका कहना है कि यह पूरा मामला बाघ की मौत के मामले से ध्यान भटकाने की कोशिश है। विधायक ने यह भी कहा कि अगर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई होती है तो वह आमरण अनशन करेंगी।

सरकार ने जांच के लिए बनाई समिति इस विवाद के बाद मध्यप्रदेश शासन के वन विभाग ने घटना की जांच के लिए दो सदस्यीय टीम का गठन किया है। इस टीम में कमलिका मोहन्ता (अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, 1997 बैच) और अंजना सुचिता तिर्की (वन संरक्षक, 2010 बैच) को शामिल किया गया है। टीम को दो सप्ताह के भीतर जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपने का निर्देश दिया गया है।