चुनावों से पहले BJP को लगा झटका , AMMK ने छोड़ा NDA का साथ,दिनाकरन ने BJP पर धोखा देने का लगाया आरोप

दक्षिण के राज्य तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इस दक्षिणी राज्य में कमल खिलाने के लिए पूरा जोर लगा रही है. पार्टी के तमाम बड़े नेता लगातार तमिलनाडु के दौरे कर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिशों में जुटे हैं. चुनावी तैयारियों में जुटे एनडीए को बड़ा झटका लगा है.

चुनावों से  पहले BJP को लगा झटका , AMMK ने छोड़ा NDA का साथ,दिनाकरन ने BJP पर धोखा देने का लगाया आरोप

NDA को तमिलनाडु में बड़ा झटका

दिनाकरन का बीजेपी से नाता तोड़ने का ऐलान

तमिलनाडु की राजनीति में नए समीकरण

तमिलनाडु चुनाव की तैयारियों में जुटे एनडीए को बड़ा झटका लगा है. एएमएमके प्रमुख दिनाकरन ने बीजेपी की अगुवाई वाले गठबंधन से नाता तोड़ने का ऐलान कर दिया है.

नई दिल्ली, 4 सितंबर 2025. उपराष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को करारा झटका लगा है। टीटीवी दिनाकरन की पार्टी अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़गम (AMMK) ने बुधवार को एनडीए से अलग होने की घोषणा कर दी है। दिनाकरन का यह कदम तमिलनाडु की राजनीति में नए समीकरण गढ़ सकता है। यह दूसरी पार्टी है, जिसने हाल के दिनों में एनडीए का साथ छोड़ा है। 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले इस बदलाव ने तमिलनाडु में बीजेपी की रणनीति को बड़ा चुनौतीपूर्ण बना दिया है।

उपराष्ट्रपति चुनाव से ऐन पहले भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को तमिलनाडु से ही बड़ा झटका लगा है। अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़गम (AMMK) ने बुधवार को ऐलान कर दिया कि वह अब एनडीए का हिस्सा नहीं रहेगी। यह महज़ एक दल का अलग होना नहीं है, बल्कि दक्षिण भारत की राजनीति में बदलते समीकरणों का संकेत भी है। अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़गम (एएमएमके) नेता टीटीवी दिनाकरण ने बुधवार (सितंबर 3, 2025) रात को घोषणा की कि उनकी पार्टी तमिलनाडु में एनडीए से बाहर हो रही है।

भाजपा तमिलनाडु में लंबे समय से पैठ बनाने की कोशिश कर रही है। भाजपा ने एआईएडीएमके के साथ गठबंधन को मज़बूती देने के लिए छोटे-छोटे दलों को भी जोड़ा था। लेकिन अब जब AMMK ने साथ छोड़ा है, तो यह विपक्षी ताक़तों—विशेषकर DMK—के लिए राहत की बात बन सकती है।

यह दूसरी पार्टी है जिसने हाल ही में NDA को छोड़ा है, और यह सिलसिला यदि जारी रहा तो भाजपा की सियासी रणनीति दक्षिण भारत में और कमजोर हो सकती है। तमिलनाडु के विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र ही भाजपा ने सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनाया है। लेकिन उपराष्ट्रपति चुनाव से ऐन पहले AMMK का भाजपा का साथ छोड़ने से भाजपा के नैरेटिव को चोट पहुंची है।

सिर्फ़ दो दिन पहले, दिनाकरन ने भाजपा द्वारा अन्नाद्रमुक के साथ अपने चुनावी संबंधों को पुनर्जीवित करने के बाद से अपनी पार्टी की लगातार उपेक्षा पर अपनी निराशा व्यक्त की थी। गौरतलब है कि उनका यह फैसला उस दिन आया जब भाजपा के प्रमुख चुनावी रणनीतिकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पार्टी की एक आंतरिक बैठक में संबंधों को सुधारने की कोशिश की थी।

तमिलनाडु की राजनीति का अहम चेहरा टीटीवी दिनाकरन

61 वर्षीय टीटीवी दिनाकरन का नाम तमिलनाडु की राजनीति में किसी परिचय का मोहताज नहीं। वे कभी एआईएडीएमके के कोषाध्यक्ष रहे और जयललिता के बाद शशिकला गुट के साथ मज़बूती से खड़े हुए।

2017 में AIADMK से निष्कासन के बाद उन्होंने अपनी पार्टी अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़गम (AMMK) की नींव रखी। आर.के. नगर उपचुनाव में बतौर निर्दलीय उनकी जीत ने यह साबित किया कि वे जनाधार वाले नेता हैं। हालांकि बड़े चुनावों में लगातार हार ने उनकी ताक़त को सीमित कर दिया।

टीटीवी दिनाकरन एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं और अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़गम (AMMK) के महासचिव हैं। वे 13 दिसंबर 1963 को थिरुठुरैपूंदी में पैदा हुए थे। अतीत में, वे अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) पार्टी के कोषाध्यक्ष थे और राज्यसभा और लोकसभा के सदस्य के रूप में कार्य कर चुके हैं। अगस्त 2017 में उन्हें AIADMK से निष्कासित कर दिया गया था। वे वी.के. शशिकला के भतीजे हैं।

उन्होंने 1999 में पेरियाकुलम से लोकसभा चुनाव जीता और 2004 में उपविजेता रहे। दिसंबर 2017 में, उन्होंने एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में आर.के. नगर उपचुनाव जीता। 15 मार्च 2018 को, उन्होंने अपनी राजनीतिक पार्टी, अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़गम (AMMK) का गठन किया। वे 2017 से 2021 तक तमिलनाडु विधानसभा में डॉ. राधाकृष्णन नगर का प्रतिनिधित्व करते थे। 2024 के भारतीय आम चुनाव और 2021 के तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने चुनाव लड़ा था। उन पर 6 आपराधिक मामले दर्ज हैं और उन पर 28.3 करोड़ रुपये का दायित्व है। उनकी पत्नी की चल और अचल संपत्ति क्रमशः 7.66 करोड़ रुपये और 2.43 करोड़ रुपये है, जबकि उनका दायित्व 5.82 करोड़ रुपये है। उनकी अचल संपत्ति का मूल्य 57.44 लाख रुपये है। उनके बकाया में केंद्र सरकार को 28 लाख रुपये का जुर्माना भी शामिल है। उनकी शिक्षा अदिचुन्चानागिरी इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से हुई है। उनकी बेटी का नाम जया हरिणी है। AMMK ने बुधवार को भाजपा के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन से बाहर निकलने की घोषणा की।

तमिलनाडु में BJP की जड़ें अभी गहरी नहीं हैं, और ऐसे में कोई छोटा दल भी निर्णायक भूमिका निभा सकता है। AMMK का अलग होना शायद संख्या के लिहाज़ से बड़ा न लगे, लेकिन यह NDA की साख और बीजेपी की व्यापक रणनीति पर गंभीर असर डाल सकता है।

कौन हैं टीटीवी दिनाकरन?

तमिलनाडु की राजनीति में हलचल। उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़गम (AMMK) ने NDA से नाता तोड़ लिया है। टीटीवी दिनाकरन का बड़े फैसले से बीजेपी को झटका। जानिए कौन हैं टीटीवी दिनाकरन...