अबभी बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा सामूहिक बलात्कार और शरीर से सिर गायब का सिलसिला जारी
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा लगातार अत्याचार। अगस्त 2024 से जुलाई 2025 तक 2,500 घटनाएँ, 179 मंदिरों में तोड़फोड़।

रिपोर्ट: सुनील त्रिपाठी
लोग बोलें - ज़बतक पाकिस्तान के आतंकियों क़ी तरह इन बंगलादेश के अत्याचारी इस्लामिक कट्टरपंथियों क़ी अच्छी तरह से सबक नहीं सिखायेंगे तबतक ये मानेगे नहीं
नई दिल्ली। अबभी बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर अत्याचारी इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा सामूहिक बलात्कार और शरीर से गर्दन काटने क़ी हिंसा का एक खतरनाक दौर जारी है। गत वर्ष 4 अगस्त से इस वर्ष जुलाई 2025 के बीच साम्प्रदायिक हिंसा की 2500 घटनाएं हो चुकी हैं, तथा इस्लामिक कट्टरवादियों ने एक वर्ष के दौरान कम से कम 179 मंदिरों में तोड़-फोड़ की और हिन्दू पुजारी-पंडितों को चुन चुन के निशाना बनाया जा रहा हैं। आतंकी बंगलादेश में विशेष रूप से हिंदू, ईसाई, बौद्ध और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की हिन्दू महिलाओं और बच्ची एवं बच्चों पर दिल दहला देने वाले अत्याचार खुलेआम किये जा रहा है, जो इस्लामिक कट्टरपंथी मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार में महामारी जैसी भयावह स्थिति में पहुंच गए है।
बांग्लादेश अल्पसंख्यकों के लिए मानवाधिकार कांग्रेस ने हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट में बेहद शर्मसार करने वाली जानकारी साझा की है। ढाका स्थित मानवाधिकार संगठन ऐन ओ सलीश सेंटर (एएससीई) की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 की पहली तिमाही के दौरान तीन महीने से भी कम समय में आधिकारिक तौर पर हिन्दू लड़कियों से बलात्कार के हजारों मामले दर्ज किए गए। इन मामलों में से 87 प्रतिशत में पीड़ित 18 साल से कम उम्र की हिन्दू लड़कियाँ थीं। इनमें से सैकड़ों हिन्दू पीड़ित किशोर बारह से लेकर छह वर्ष की आयु के बीच के बच्चे भी थे, जबकि सामूहिक बलात्कार की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हो रही है।
एचडीएफसीसीबीएम द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, "सैकड़ों मामलों में, पुरे बंगलादेश में अल्पसंख्यक हिन्दू महिलाएं और लड़कियों एवं बच्चियों के बुरी हालत में गिद्धधों द्वारा नौचे गए शव मिले हैं - जिनके सिर तक गायब हैं और उनकी पहचान असंभव हो गई है। इस्लामिक कट्टरपंथी यूनुस शासन के तहत बांग्लादेश में हिंदूओं पर हुए हमलों के बारे में, मानवाधिकार संस्था ने कहा कि एक निराधार आंदोलन और बढ़ते जनाक्रोश के बावजूद, एक प्रमुख हिंदू नेता को आतंकवादी करार दे कर सनातनी चिन्मय कृष्ण दास नवंबर से जेल में बंद हैं। 5 अगस्त, 2024 को बंगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से बंगलादेश में राजनीतिक अराजकता और अस्थिरता व्याप्त है। वहां हिंदुओं, बौद्धों, ईसाइयों पर हमले बढ़ गए हैं।
बंगलादेश की मानवाधिकार कांग्रेस' के अनुसार बंगलादेश की अंतरिम सरकार का कानून-व्यवस्था पर कोई नियंत्रण नहीं हैं, अराजक तत्व हावी हैं। देश में हिन्दू अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हिंसा की बहुत ही खतरनाक लहर चल रही है। बंगलादेश के मानवाधिकार संगठन की रिपोर्टों के हवाले से 'अल्पसंख्यक मानवाधिकार कांग्रेस' ने बताया है बंगलादेश में अब दिव्यांग हिन्दू लड़कियां भी सुरक्षित नहीं हैं। इसी वर्ष जून में 17 दिव्यांग हिन्दू लड़कियों से बलात्कार किया गया और महिलाओं व लड़कियों के सिर विहीन शव पाए गए।
सबसे बुरी बात यह है कि अब बंगलादेश की अदालतों में रेप के मामले धार्मिक पूर्वाग्रह आधार पर तय किए जा रहे हैं, जिस कारण इस्लामिक कट्टरपंथी और अत्याचारी दोषियों के विरुद्ध केस दर्ज नहीं होते और पीड़ितों को न्याय ही नहीं मिलता।बंगलादेश में वर्ष 2024 और मई 2025 के बीच राजनीतिक वर्करों तथा छोटे कारोबारियों व अन्य लोगों सहित भीड़ द्वारा की गई हिंसा में 1174 से अधिक लोग मारे गए हैं व 1000 से अधिक फैक्टरियां बंद हो जाने से 1 वर्ष में 1.20 लाख लोग बेरोजगार हो चुके हैं।
इतना ही नहीं गत मास एक 'झूठे फेसबुक अकाऊंट' से की गई टिप्पणियों के आधार पर 'पंडित रंजन' नामक एक निर्दोष हिंदू छात्र की गिरफ्तारी के बाद इस्लामिक कट्टरवादियों द्वारा 'अलदादपुर' गांव में स्थित उसके घर सहित 130 से अधिक पुजारी हिंदुओं के मकानों पर हमला करके लूट लिया गया। कट्टरपंथी हिन्दू पुजारी अल्पसंख्यकों को धर्म परिवर्तन करने या देश छोड़ने तथा सरकारी नौकरियों से त्यागपत्र देने के लिए विवश करने के अलावा देश के मंदिरों के प्रबंधकों को पत्र भेजकर उनसे इस्लाम अपनाने या जल्द से जल्द बंगलादेश छोड़ने का बिलकुल कश्मीरी पंडितों जैसा पैटर्न अपनाते हुए भयानक दबाव बना रहे हैं।
भारत सरकार द्वारा समय-समय पर यूनुस सरकार का ध्यान हिन्दू अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की ओर दिलाने के बावजूद हालात ज्यों के त्यों हैं, कोई सुधार नहीं हैं। बंगलादेश की सरकार ने भारत के साथ अपने रिश्ते काफी बिगाड़ लिए हैं। एक ओर चुन चुन के हिंदुओं पर हो रहे हमलों ने भारत और बंगलादेश के संबंधों में तनाव बढ़ाया है तथा दूसरी ओर मोहम्मद यूनुस सरकार की पाकिस्तान के आतंकियों और इस्लामिक कट्टरपंथी संगठनों के साथ बढ़ती नजदीकियों ने बंगलादेश में हिन्दुओं का जीना दुशवार कर दिए हैं।
बंगलादेश में हिन्दुओं पर हो रहें अमानवीय अत्याचारों का कड़ा विरोध करते हुए लोगों ने बताया कि अब बंगलादेश भी आतंकी पाकिस्तान की तरह इस्लामिक कट्टरवाद की ओर बढ़ रहा है। बांग्लादेश की सरकार इस्लामिक कट्टरपंथियों के दबाव में अपने ही अतीत और इतिहास को मिटाने पर अमादा है। जो वहां बंगलादेश के जन्मदाता 'शेख मुजीबुर्रहमान', 'गुरुदेव पंडित रवींद्र नाथ टैगोर' और फिल्मकार 'सत्यजीत रे' जैसी महान हस्तियों के मकानों को नष्ट करने तथा उनकी पुस्तकों जलाने से चारो ओर भय और असुरक्षा की भावना बन गयी है। अब बंगलादेश क़ी यूनुस सरकार इस्लामिक चरमपंथियों और आतंकियों के सामने घुटने टेकती है। और वो झुण्ड में मिलकर हिन्दुओं को टारगेट करते हैं, ज़बतक पाकिस्तान के आतंकियों क़ी तरह इन बंगलादेश के अत्याचारी इस्लामिक कट्टरपंथियों और आतंकियों क़ी अच्छी तरह से ठुकाई नहीं होंगी तबतक ये मानेगे नहीं।