किराए के डॉक्टरों पर चल रहा है शुजालपुर का आरोग्य हॉस्पिटल! लोगों की जान के साथ हो रहा खिलवाड़
शुजालपुर का आरोग्य हॉस्पिटल गंभीर सवालों के घेरे में है। आरोप है कि यहां योग्य डॉक्टरों और स्थाई सर्जन की कमी है। ऑपरेशन के लिए बाहर से किराए के डॉक्टर बुलाए जाते हैं और मरीज की हालत बिगड़ने पर उन्हें भोपाल या शाजापुर रेफर कर दिया जाता है।

अजय राज केवट माही
प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस भोपाल मध्य प्रदेश
शुजालपुर का आरोग्य हॉस्पिटल इन दिनों लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहा है। बताया जा रहा है कि इस हॉस्पिटल में न तो कोई योग्य डॉक्टर मौजूद है और न ही स्थाई सर्जन!
मरीजों के ऑपरेशन के नाम पर बाहर से किराए पर बुलाए गए डॉक्टरों से इलाज कराया जा रहा है। जब मरीज की हालत बिगड़ती है तो उन्हें शाजापुर या भोपाल रेफर कर दिया जाता है। सवाल यह उठता है कि आखिर यह खेल कब तक चलेगा और कब तक भोले-भाले मरीज मौत के मुंह में धकेले जाते रहेंगे जानकारी के अनुसार, हॉस्पिटल में ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर किराए पर आते हैं और ऑपरेशन करने के दौरान फैल होते ही बहाने बनाकर चलते बनते हैं। डॉ. नरेंद्र राजपूत पर भी गंभीर आरोप लग रहे हैं कि वे इलाज से ज्यादा बहानेबाज़ी में माहिर हैं।स्थानीय लोग पूछ रहे
क्या मरीजों की ज़िंदगी अब सिर्फ पैसों के सौदे तक सिमट गई है
क्या बिना योग्य सर्जन के इस तरह का हॉस्पिटल चलाना कानूनन सही हैप्रशासन कब करेगा कार्रवाई
आरोग्य हॉस्पिटल में गायनिक मरीजों की ज़िंदगी दांव पर – बिना गायनिक मेडम के चल रहा “धोखे का खेल
शुजालपुर का आरोग्य हॉस्पिटल सवालों के घेरे में है। जानकारी के अनुसार, यहां पर गायनोलॉजिस्ट डॉक्टर की अनुपस्थिति में डायटिशियन मरीजों का इलाज कर रही है! यह गंभीर लापरवाही मरीजों की जान से खुला खिलवाड़ है। बताया जा रहा है कि हॉस्पिटल से डॉ. ओस कोठारी (गायनोलॉजिस्ट) के जाने के बाद यहां कोई योग्य गायनिक मेडम मौजूद नहीं है। इसके बावजूद हॉस्पिटल प्रबंधन ने इलाज की जिम्मेदारी डायटिशियन दिव्या परमार पर सौंप रखी
दिनभर का हाल यह है कि
सुबह 2 घंटे के लिए डॉ. प्रेमलता सोनी आती हैं और थोड़ी देर बैठकर चली जाती हैं।इसके बाद पूरे दिन दिव्या परमार का ही राज चलता है, जो खुद गायनिक विशेषज्ञ नहीं हैं।
इसके बावजूद वे गर्भवती महिलाओं और अन्य संवेदनशील मरीजों को देख रही हैं।अब सवाल उठता है
क्या मरीजों की जिंदगी मज़ाक है?
क्या डायटिशियन को गायनिक विशेषज्ञ की कुर्सी पर बैठाना नियमों के खिलाफ नहीं है?
क्या प्रशासन आंखें मूंदकर इस खेल को जारी रखेगा?
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सब पैसे के खेल में हो रहा है और भोली-भाली महिलाओं की जिंदगी के साथ जानलेवा खिलवाड़ किया जा रहा है।बहुत जल्द हमारे अगले अंक में खुलासा करेंगे कि आखिर कैसे आरोग्य हॉस्पिटल में योग्य डॉक्टरों की जगह किराए और “जुगाड़” वाले लोग बैठाकर मरीजों को मौत की राह पर धकेला जा रहा है। शेष खबर अगले अंक लगातार,,,,,