सिविल जज भर्ती आरक्षित वर्ग के साथ अन्याय के खिलाफ दलित पिछड़ा समाज संगठन ने नेता प्रतिपक्ष के बंगले का खेराब कर सौपा ज्ञापन

सिविल जज भर्ती में आरक्षित वर्ग के साथ हो रहे कथित अन्याय के विरोध में दलित पिछड़ा समाज संगठन ने नेता प्रतिपक्ष के बंगले का घेराव किया और अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। संगठन ने भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और आरक्षण नियमों के पालन की मांग उठाई।

सिविल जज भर्ती आरक्षित वर्ग के साथ अन्याय के खिलाफ दलित पिछड़ा समाज संगठन ने नेता प्रतिपक्ष के बंगले का खेराब कर सौपा ज्ञापन

मूलचन्द मेधोनिया
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सिविल जज भर्ती में अन्याय के विरोध में दलित पिछड़ा समाज संगठन ने नेता प्रतिपक्ष के निवास का घेराव कर सौंपा ज्ञापन


भोपाल। दलित पिछड़ा समाज संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष दामोदर सिंह यादव एवं वरिष्ठ नेता आजाद समाज पार्टी (भीम आर्मी) के, नेत्तृत्व में विगत दिनों सिविल जज 2022 की परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया। जिसमें अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग सहयोग पिछड़ा वर्ग की पूरी तरह अनदेखी की गई है। कुल 191 पदों में से पद 121 पद जनजाति वर्ग के थे, लेकिन एक भी अभ्यर्थी का चयन नहीं किया गया। 18 पद अनुसूचित जाति वर्ग के थे, जिनमें से केवल 1 अभ्यर्थी का चयन हुआ। पिछड़ा वर्ग के 9 पद थे, जिनमें से 5 अभ्यर्थियों का चयन किया गया, जबकि 43 अनारक्षित पदों में से 41,पद, भर लिए गए। 
इस प्रकार आरक्षित वर्ग के 148 पदों में से केवल 6 पद ही भरे गये। जिससे स्पष्ट होता है कि आरक्षण को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। दामोदर सिंह यादव ने नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार से ज्ञापन के माध्यम से पूछा है कि चूंकि आप भी आरक्षित वर्ग से आते है इसलिए दलित पिछड़ा समाज संगठन ने आपकी जिम्मेदारीयों का स्मरण कराते हुए ज्ञापन सौंपते हुए मांग निम्न प्रकार से की है, (1) 2007 से पूर्व यही परीक्षा एमपी पीएससी द्वारा संचालित की जाती थी और आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का चयन भी होता था। माननीय उच्च न्यायालय की चयन समिति से यह जिम्मेदारी वापस लेकर, अन्य राज्यों की तरह मध्यप्रदेश में भी पुनः एमपी पीएससी को सौंपा जाये। (2), माननीय उच्च न्यायालय की चयन समिति द्वारा लागू किये गए अव्यावहारिक नियमों को बदलते हुए एम पी पीएससी के पुराने अथवा व्यावहारिक नियम लागू कर परिक्षा पुनः कराई जाये। (3) सिविल जज 2022 के परिणामों पर रोक लगाते हुए परीक्षा निरस्त की जाए एवं पुनः केवल एमपी  पीएससी से ही परीक्षा कराई जाए। 
उक्त तीन सूत्र की गंभीर मांग को लेकर दलित पिछड़ा समाज संगठन के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने नेता प्रतिपक्ष से जाना है कि ऐसे गंभीर मामले पर चुप्पी साधना ठीक नहीं है। ज्ञापन सौंपते हुए संगठन द्वारा आग्रह एवं अपेक्षा करते हुए इस प्रकार के मुद्दे को तत्काल प्रभाव से उचित मंच पर उठाने और आरक्षित वर्ग के साथ हो रहे अन्याय को रोकें, अन्यथा संगठन द्वारा एक सप्ताह बाद हजारों कार्यकर्ताओं के साथ पुनः घेराव करने की चेतावनी दी है। दलित पिछड़ा समाज संगठन के प्रमुख दिलीप मस्के, अमित बंसोड़, कमल कुशवाहा, कमल संतोष, मूलचन्द मेधोनिया वरिष्ठ पत्रकार, महंत परमसुख शाक्य, बलवान सिंह कुशवाहा, श्रीमती सुनीता धावरे एवं इनकी सभी महिला टीम, हीरालाल अहिरवार इत्यादि सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन में भाग लिया।