मध्य प्रदेश में मनुवादी संघी फ़ासीवाद विरोधी जन कन्वेंशन के लिए हुआ आयोजन समिति का गठन
मध्य प्रदेश के भोपाल में 10 अगस्त को ‘मनुवादी संघी फ़ासीवाद विरोधी जन कन्वेंशन’ की तैयारी के लिए जन संगठनों की बैठक हुई। सर्वसम्मति से 11 सदस्यीय आयोजन समिति का गठन किया गया। कन्वेंशन 27 सितंबर 2025 को होगा, जिसमें दलित, आदिवासी, महिला और अल्पसंख्यक समुदाय के संगठनों को बुलाया जाएगा। इसका उद्देश्य फासीवाद विरोधी एक मजबूत जन मोर्चा बनाना है। आयोजन समिति को तैयारियों, जनसंपर्क और संवाद की जिम्मेदारी सौंपी गई। फ़ासीवादी शासनकाल में हुए अत्याचारों पर एक पुस्तिका भी प्रकाशित की जाएगी। यह आयोजन केवल सम्मेलन नहीं, बल्कि आगामी चुनावों में भाजपा-आरएसएस को हराने और व्यापक जन संघर्ष की शुरुआत होगा। सभी लोकतांत्रिक और जनपक्षधर ताक़तों से इसमें सक्रिय भागीदारी की अपील की गई।

मूलचन्द मेंधोनिया पत्रकार भोपाल
___________________________
मध्य प्रदेश में मनुवादी संघी फ़ासीवाद विरोधी जन कन्वेंशन की तैयारी
भोपाल में 11 सदस्यीय आयोजन समिति का गठन
27 सितंबर 2025 को भव्य जन कन्वेंशन का आयोजन
भोपाल। 10 अगस्त को भोपाल के गांधी भवन में जन संगठनों की एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई, जिसमें ‘मनुवादी संघी फ़ासीवाद विरोधी जन अधिवेशन’ की तैयारियों पर चर्चा हुई। बैठक में वंचित - शोषित समाज के विभिन्न संगठनों ने भाग लिया और सर्वसम्मति से 11 सदस्यीय आयोजन समिति का गठन किया गया। बैठक की अध्यक्षता जावेद अख्तर और संचालन विजय कुमार ने किया।
बैठक में निर्णय लिया कि आगामी 27 सितंबर 2025 को भोपाल में ‘मनुवादी संघी फ़ासीवाद विरोधी जन कन्वेंशन’ का भव्य आयोजन किया जाएगा। इस कन्वेंशन में मध्य प्रदेश के सभी संघर्षशील जन संगठन, दलित-उत्पीड़ित, आदिवासी, महिला और अल्पसंख्यक समुदाय के संगठनों को आमंत्रित किया जाएगा, ताकि इस मंच के माध्यम से राज्य में एक लड़ाकू फ़ासीवाद विरोधी मोर्चा का निर्माण किया जा सके।
बैठक में आयोजन समिति को कन्वेंशन की तैयारियों, जनसंपर्क अभियान और विभिन्न समूहों से संवाद की ज़िम्मेदारी सौंपी गई। निर्णय के अनुसार, अधिवेशन से पहले— मसौदा घोषणा पत्र, विभिन्न प्रस्ताव और न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार किए जाएंगे और 27 सितंबर को इन्हें अधिवेशन में पारित किया जाएगा।
साथ ही, फ़ासीवादी शासनकाल में दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों (मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध आदि) पर हुए अत्याचारों को उजागर करते हुए एक पुस्तिका प्रकाशित की जाएगी, जो जनमुद्दों के आधार पर एक निरंतर जन-अभियान की शुरुआत का आधार बनेगी।
बैठक में उपस्थित सभी साथियों ने इस बात पर बल दिया कि यह आयोजन केवल एक ‘जन सम्मेलन’ तक सीमित न रहकर, आगामी चुनावों में आरएसएस-भाजपा को हराने और फ़ासीवाद के खिलाफ व्यापक जन-संघर्ष का प्रारंभिक पड़ाव बने। आयोजन समिति को निर्देश दिया गया है कि वह सभी राजनीतिक दलों, सामाजिक-धार्मिक समूहों और जनपक्षधर संगठनों से मुलाक़ात कर इस कन्वेंशन में साथ आने का आग्रह करे।
सभी प्रतिभागियों ने लोकतांत्रिक, देशभक्त और जनपक्षधर ताक़तों से आह्वान किया कि वे 27 सितंबर के अधिवेशन को ऐतिहासिक रूप से सफल बनाने में सक्रिय भागीदारी दें।