नेपाल में एक बार फिर बवाल, सड़क पर उतरे Gen Z प्रदर्शनकारी, पुलिस से हुई भिड़ंत लगाना पड़ा कर्फ्यू
नेपाल में दोबारा जेन-जेड का प्रोटेस्ट शुरू हो गया है। इसके बाद देश के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इससे पहले सितंबर में शुरू हुए घातक 'जेन Z' विद्रोह ने तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार को उखाड़ फेंका था।
नेपाल में एक बार फिर से हिंसा भड़क गई है। जेन-जी एक बार फिर से नेपाल की सड़कों पर आ गए है। स्थिति बिगड़ने के बाद कुछ इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। फ्लाइट का रद्द कर दिया गया है। 70 दिनों के बाद एक बार फिर नेपाल में अशांति की स्थिति उत्पन्न हो गई है। 8-9 सितंबर को पुलिस फायरिंग में 21 युवाओं की मौत हो गई थी। एक बार फिर से नेपाल की स्थिति बिगड़ती जा रही है।
नेपाल में एक बार फिर Gen Z प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए हैं और इस वजह से कुछ इलाकों में माहौल तनावपूर्ण हो गया है। हालात के खराब होने की वजह से प्रशासन को बारा जिले में कर्फ्यू लगाना पड़ा है।
काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार सुबह करीब 11 बजे प्रदर्शनकारी समारा चौक पर इकट्ठा हुए थे। उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया लेकिन समारा हवाई अड्डे के पास पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई।
इसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और हवाई अड्डे के कामकाज को भी रोकना पड़ा। इस वजह से समारा में कर्फ्यू लगाना पड़ा और यह आज रात 8 बजे तक बारा जिले में कर्फ्यू लागू रहेगा।
एयरपोर्ट पर विरोध और झड़प
झड़प उस समय हुई जब बुद्ध एयर का विमान सीपीएन-यूएमएल नेता महासचिव शंकर पोखरेल और युवा नेता महेश बसनेत को लेकर काठमांडू से सिमारा के लिए उड़ान भरने वाला था. दोनों नेताओं को सरकार विरोधी रैली को संबोधित करना था. सिमारा आने की जानकारी फैलते ही बड़ी संख्या में Gen-Z प्रदर्शनकारी एयरपोर्ट पर विरोध के लिए इकट्ठा हो गए, जहां उनकी सीपीएन-यूएमएल समर्थकों से भिड़ंत हो गई.
उड़ानें रद्द, नेता लौटे वापस
झड़प के बाद बुद्ध एयरलाइंस ने काठमांडू-सिमारा की सभी घरेलू उड़ानें रद्द कर दीं. इसमें वह उड़ान भी शामिल थी जो दोनों सीपीएन-यूएमएल नेताओं को लेकर जानी थी. बढ़ते तनाव के चलते दोनों नेता वापस लौट गए. बता दें कि Gen-Z वे युवा हैं जिनका जन्म 1997 से 2012 के बीच हुआ है. इन्हें 'डिजिटल नेटिव' भी कहा जाता है, क्योंकि वे इंटरनेट और स्मार्टफोन के दौर में बड़े हुए हैं.
यूएमएल क्या है?
यूएमएल यानी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) नेपाल की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में से एक है. यह पार्टी वामपंथी विचारधारा पर आधारित है और लंबे समय तक नेपाल की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही है. पूर्व प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली इसी पार्टी के शीर्ष नेता हैं. यूएमएल खुद को राष्ट्रीयता, स्थिरता और विकास का पक्षधर बताती है, लेकिन हाल के वर्षों में इसकी नीतियों और नेतृत्व को लेकर युवाओं खासकर Gen-Z-के बीच असंतोष बढ़ा है, जिसके चलते कई बार विरोध प्रदर्शन भड़कते रहे हैं.
तनाव बढ़ा, सुरक्षा बल तैनात
इस सप्ताह की शुरुआत से शुरू हुए ये विरोध प्रदर्शन अब और तेज़ हो गए हैं. कई जगह युवा प्रदर्शनकारियों और यूएमएल समर्थकों के बीच गरमागरम बहस और झड़पें हुई हैं. हालात काबू में रखने के लिए बारा जिले के कई प्रमुख स्थानों पर सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं. प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है.
बड़े पैमाने पर हुई थी हिंसा
इस साल सितंबर में Gen Z प्रदर्शनकारियों के जबरदस्त विरोध प्रदर्शन के कारण नेपाल में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी। इस वजह से नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली को इस्तीफा देना पड़ा था। Gen Z प्रदर्शनकारियों ने बड़े पैमाने पर राज्य की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था। इसमें 76 लोग मारे गए थे।
प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस