गरीब बच्चों के मध्यान भोजन में : बच्चों को मिल रही जली हुई रोटी और पानी जैसी दाल कोई नहीं देख  रहा है आंगनबाड़ी के हाल

अकोदिया (मध्य प्रदेश) के कई आंगनबाड़ी केंद्रों में मध्यान भोजन व व्यवस्था में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। बच्चों को जली हुई रोटी, पानी जैसी दाल परोसी जा रही है। कई केंद्र तय समय पर बंद मिले, कई जगह बच्चों की संख्या कम, लेकिन रोटियों की संख्या उससे भी कम पाई गई। दर्ज संख्या और वास्तविक उपस्थिति में बड़ा अंतर है, जिससे भोजन सामग्री में गड़बड़ी व संभावित भ्रष्टाचार का अंदेशा है।

गरीब बच्चों के मध्यान भोजन में : बच्चों को मिल रही जली हुई रोटी और पानी जैसी दाल कोई नहीं देख  रहा है आंगनबाड़ी के हाल

अजय राज केवट माही

 प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस भोपाल मध्यप्रदेश 


सुबह का नाश्ता दलिया और रोटी दोनों एक ही समय में दी जा रही है


अकोदिया के आंगनबाड़ी केंद्रों में जली रोटी, पानी जैसी दाल और अव्यवस्था का आलम, बच्चों के पोषण पर संकट गहराया

अकोदिया। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही आंगनबाड़ी योजना के तहत बच्चों को मध्यान भोजन  प्रदान किया जाता है, लेकिन अकोदिया के आंगनबाड़ी केंद्रों में इसकी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। बच्चों को जली हुई रोटी और पानी जैसी दाल दी जा रही है, जिससे उनकी सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति

आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 11-- और 9 में सुबह 10:00 से 11:00 तक , बंद मिला । इसके आसपास झडिया उगाई है, जिससे बच्चों को भी जिन जिनवार का डर रहता है। आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 12  में बच्चे ही नहीं मिले। 27 बच्चों की एंट्री रोजाना होती है, लेकिन जब यहां पर , देखा गया तो  10 रोटी ही आई थी। आंगनवाड़ी क्रमांक 13 जो इतनी गाली के अंदर है किसी को पूछना पड़ता है आंगनवाड़ी कहां है ऐसी गली कूचे में आंगनबाड़ी संचालित हो रही है यहां भी बंद मिली। आंगनवाड़ी क्रमांक 15 जहां पर दो बच्चे ही मिले, जिनक रोटी भी अच्छे से नहीं मिली।

आंगनबाड़ी केंद्रों में मध्यान भोजन की  स्थिति

आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 7 में 20 बच्चे का रिकॉर्ड बताया  लेकिन सोमवार के दिन आठ बच्चे ही मिले, जिनके लिए 14 रोटी ही आई। आंगनवाड़ी क्रमांक 4 संजय कॉलोनी में 38 बच्चों की संख्या है, लेकिन सोमवार के दिन 15 बच्चा है, जिनके लिए 16 रोटी आई। आंगनबाड़ी क्रमांक 8 में 40 बच्चों की संख्या है, लेकिन 10 बच्चा है, जिनके लिए 16 रोटी दी गई।
बताया गया है कि एक बच्चों को दो रोटी दी जाती है उसके जितनी संख्या उतनी रोटी दी जाना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं है गरीब बच्चों का मध्यान भोजन भी नीचे से लेकर ऊपर तक इस नेटवर्क से जुड़े गरीब बच्चों का भजन बगैर बनाए डकार रहे हैं भ्रष्टाचार करने के लिए और भी बहुत सारी ऐसी शासन द्वारा योजनाएं चलाई जा रही है लेकिन भ्रष्टाचार करने वाले लोगों को सिर्फ मध्यान भोजन में ही ज्यादा माल मिल रहा है एक बच्चों को एक भी रोटी व्यवस्थित नहीं मिल रही है तो इस बातों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि महीने भर में कितना गेहूं और चावल खत्म होता होगा और महीने भर में आता कितना है जो आता है उसका रिकॉर्ड दर्शा दिया गया है और जो खत्म हो रहा है इसका अंदाजा आप लगा लो
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की समस्या

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्हें ₹1500 से ₹2500 आंगनबाड़ी के किराए देने पड़ते हैं, लेकिन उन्हें ऊपर से कम पैसे मिलते हैं। 500 ₹800 उन्हें मिलकर मकान मालिक को देने पड़ते हैं। जिसकी जानकारी कई बार वरिष्ठ अधिकारी को भी अवगत कर दी गई है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

 सुबह का दलिया नाश्ता जो सुबह जल्दी आना चाहिए लेकिन वह भी भोजन के समय ही दिया जा रहा है*

हर महीने 5 कुंटल गेहूं एक कुंटल 30 किलो चावल आता है बच्चों को रोटियां कम दी जाती है फिर यह इतना गेहूं चावल कहां जाता है।

ललित राठौर परियोजना अधिकारी पोलाय कला का बयान

ललित राठौर परियोजना अधिकारी पोलाई कला के द्वारा जब इस संबंध में जानकारी लेना चाहिए तो उनके द्वारा कहा गया कि सुधार करवा दिया जाएगा। मेरी अभी भी पोस्टिंग हुई है। जहाजहा पर कमी है आप मुझे बता दीजिए वहां पर सुधार जरूर करवा दिया जाएगा।

अकोदिया में 15 आंगनबाड़ी केंद्र है, गत दिनों पहले अधिकारियों के द्वारा निरीक्षण समय-समय पर किया गया था लेकिन जब भी ईश्वर ध्यान नहीं दिया गया*

इसमें सब छोटे-छोटे बच्चे थे जब भास्कर टीम ने इसे चर्चा की तो कुछ बोल नहीं पाए हालांकि आंगनबाड़ी की कार्यकर्ता सहायिका, इसलिए नहीं बोली क्योंकि अधिकारियों की डांट फटकार लगाती है और डर के कारण मीडिया से नहीं बोली। और बाकी कुछ आंगनबाड़ी की कार्यकर्ता आज से कार्यकर्ता निर्वाचन के कार्य में ड्यूटी लगी हुई है। मौके पर नहीं मिली। जब इस संबंध में परियोजना अधिकारी से फोन पर संपर्क किया तो जांच करने के अवशोषण दिए लेकिन मीडिया के कैमरे से आने से सख्त मना कर दिया।