उमर अंसारी की गिरफ्तारी से हड़कंप, मुख्तार अंसारी के परिवार पर फिर शिकंजा

गाजीपुर पुलिस ने माफिया मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी को लखनऊ के दारुलशफ़ा इलाके से हिरासत में लिया। वह अपने भाई और सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी के आवास पर मौजूद थे तभी पुलिस ने उन्हें पकड़ा। गाजीपुर पुलिस उमर अंसारी को पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई

उमर अंसारी की गिरफ्तारी से हड़कंप, मुख्तार अंसारी के परिवार पर फिर शिकंजा

मुख्तार अंसारी का बड़ा बेटा अब्बास अंसारी पहले से ही कई मामलों को लेकर अभियुक्त है. अब छोटे बेटे की गिरफ्तारी भी माफिया के परिवार के खिलाफ काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है.

गाजीपुर पुलिस ने शनिवार देर रात एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी दारुलशफा स्थित विधायक निवास से की गई, जहां से पुलिस टीम उन्हें सीधे गाजीपुर ले गई।

क्या है मामला?

गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र में उमर अंसारी के खिलाफ फर्जी दस्तावेज तैयार करने और धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज है। पुलिस के अनुसार, उमर ने अपने पिता मुख्तार अंसारी की जब्त संपत्ति को छुड़वाने के लिए अदालत में एक याचिका दायर की थी। यह संपत्ति उत्तर प्रदेश गैंगस्टर एक्ट की धारा 14(1) के तहत जब्त की गई थी।

फर्जी हस्ताक्षर का आरोप

इस याचिका में उमर अंसारी ने अपनी मां अफशा अंसारी के फर्जी हस्ताक्षर वाले दस्तावेज कोर्ट में जमा किए। जांच में स्पष्ट हो गया कि दस्तावेज़ में किए गए हस्ताक्षर अफशा अंसारी के नहीं थे। पुलिस ने इसे एक "सोची-समझी रणनीति" का हिस्सा बताया, जिसके तहत न्यायिक प्रक्रिया को गुमराह कर अवैध लाभ लेने की कोशिश की गई। 

वकील भी नामजद

इस मामले में सिर्फ उमर अंसारी ही नहीं, बल्कि उनके वकील लियाकत अली को भी नामजद किया गया है। पुलिस का मानना है कि दोनों ने मिलकर इस साजिश को अंजाम दिया।

किन धाराओं में दर्ज हुआ केस?

मामले में अपराध संख्या 245/2025 के तहत निम्न BNS धाराओं में केस दर्ज किया गया है:

धारा 319(2) - न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास

धारा 318(4) - दस्तावेजों की जालसाजी

धारा 338 - धोखाधड़ी

धारा 336(3) - षड्यंत्र

धारा 340(2) - न्यायालय को झूठे दस्तावेज़ प्रस्तुत करना

अब्बास अंसारी का बयान

उमर की गिरफ्तारी के बाद उनके भाई और सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा,"रात्रि 10:40 पर हमारे छोटे भाई उमर अंसारी को दारुल शिफ़ा स्थित आवास से कुछ पुलिसकर्मी अपने साथ ले गये हैं।"

क्या बोले अधिकारी?

गाजीपुर पुलिस ने कहा है कि इस मामले में जांच जारी है और आधिकारिक जानकारी जल्द साझा की जाएगी। उमर अंसारी की गिरफ्तारी ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है और इस पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।

क्या है पूरा मामला

न्यायालय में यूपी गैंगस्टर अधिनियम की धारा 14(1) के तहत संपत्ति जब्तीकरण की कार्यवाही की गयी थी. उक्त संपत्ति को अवमुक्त कराने हेतु माननीय न्यायालय में याचिका दायर की गयी थी. उक्त जब्त संपत्ति IS 191 के पूर्व सरगना मुख्तार अंसारी (मृत) से संबंधित थी. उक्त दायर याचिका में मुख्तार अंसारी (मृत)के बेटे उमर अंसारी द्वारा अवैधानिक लाभ लेने के उद्देश्य से सोची समझी रणनीति के तहत फर्जी दस्तावेज तैयार करते हुए अपनी मां 50000 हजार की इनामिया अफ़सा अंसारी का फर्जी हस्ताक्षर कर माननीय न्यायालय में दाखिल किया गया है. ये चीज संज्ञान में आने पर थाना मुहम्मदाबाद जनपद गाजीपुर में अपराध संख्या 245/2025 अंतर्गत धारा 319(2), 318(4),338,336(3),340(2) BNS पंजीकृत किया गया. 

दरअसल, मुख्तार अंसारी का नाम उत्तर प्रदेश की आपराधिक राजनीति में पिछले कई दशकों से चलता आ रहा है. मुख्तार अंसारी का बड़ा बेटा अब्बास अंसारी पहले से ही कई मामलों को लेकर अभियुक्त है. अब छोटे बेटे की गिरफ्तारी भी माफिया के परिवार के खिलाफ काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है.

बता दें कि उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद परिजनों ने जेल प्रशासन पर 'धीमा जहर' देने का गंभीर आरोप लगाया था. हालांकि, तब भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हार्ट अटैक से मौत की पुष्टि हुई थी, मुख्तार अंसारी के भाई और गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी ने जहर देने का दावा किया था. मौत से पहले मुख्तार अंसारी ने भी बाराबंकी कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि जेल में परोसे जा रहे खाने में जहरीला पदार्थ मिलाकर दिया जा रहा है.