यमुना खतरे के निशान से 2.6 मीटर अधिक एवं वेतवा चेतावनी स्तर के करीब पहुंची,प्रशासन अलर्ट,आधा सैकड़ा गांवों का आवागमन प्रभावित
यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 2.6 मीटर ऊपर पहुंच गया है, जबकि वेतवा नदी भी चेतावनी स्तर के करीब बह रही है। इस स्थिति से प्रभावित होकर करीब आधा सैकड़ा गांवों का आवागमन बाधित हो गया है। प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी गई है। राहत व बचाव दलों को सक्रिय किया गया है और ग्रामीणों से सतर्क रहने की अपील की गई है। नदी किनारे बसे क्षेत्रों में पानी भरने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा, बाढ़ का खतरा
गहरायावेतवा नदी भी चेतावनी स्तर के करीब, कई गांवों में पानी
घुसा प्रशासन ने जारी किया अलर्ट, राहत और बचाव दल तैनात
उरई । बुंदेलखंड के जालौन जिले की दो प्रमुख नदियों के उफान पर आने से छोटी नदियों ने भी जलवा दिखाना शुरू कर दिया है। जहां यमुना नदी खतरे के निशान से 2.6 मीटर ऊपर बह रही है। वहीं वेतवा नदी चेतावनी स्तर पर पहुंचने वाली है। समाचार लिखे जाने तक नदी का पानी बढ़ते हुए क्रम में है जो गुरुवार तक जारी रहने की संभावना जताई जा रही है । जालौन के आधा सैकड़ा गांवों की आबादी पर बाढ़ का खतरा मडरा रहा है यहां आवागमन के रास्ते बंद कर दिए गए इसके अलावा यमुना की सहायक नदियां सिंध व पहुज ने भी अपना जलवा दिखाना शुरू कर दिया है। इससे करीब दो दर्जन गांवों में बाढ़ का संकट पैदा हो गया है । समाचार लिखे जाने तक वेतवा का चेतावनी स्तर 121.644,मीटर है जो 119.490 पर पहुंच गई है इसी प्रकार यमुना नदी का खतरे का निशान 108 मीटर पर है जबकि वह 110.160 पर पहुंच गई है अभी दोनों नदियों का बढ़ता क्रम जारी है ये क्रम गुरुवार तक जारी रहने का अनुमान प्रशासन लगा रहा है । वहीं जिला प्रशासन की पूरी टीम नदी के किनारे गांवों में कैंप कर रही है । जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय,पुलिस अधीक्षक डॉक्टर दुर्गेश कुमार,अपर जिलाधिकारी संजय कुमार इनके अलावा समस्त उप जिलाधारियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों कर रहे है बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य जारी है गांव बालों को सुरक्षित स्थानों पर प्रशासन द्वारा पहुंचाया जा रहा है