उमा भारती का बड़ा बयान: दिग्विजय ने गढ़ी 'भगवा आतंकवाद' की थ्योरी, साध्वी प्रज्ञा को मिली राहत
उमा भारती ने प्रज्ञा ठाकुर को बरी किए जाने पर खुशी जताते हुए कहा कि इस मामले के जरिए 'भगवा आतंकवाद' जैसी संकल्पना गढ़ी गई थी, जिसके सूत्रधार दिग्विजय सिंह रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह सब राहुल गांधी के इशारे पर किया गया था।

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के बरी होने पर उमा भारती भावुक हुईं
दिग्विजय सिंह सहित अन्य नेताओं से सार्वजनिक माफी की मांग
आतंकवाद शब्द को कांग्रेस की साजिश
मालेगांव ब्लास्ट केस में 17 साल बाद एनआईए कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, कर्नल श्रीकांत पुरोहित सहित सभी आरोपियों को बरी कर दिया. कोर्ट के इस फैसले के बाद राजनीतिक हलकों में भूचाल आ गया है
भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने भी इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा. उन्होंने कहा कि आतंकवाद का कोई रंग नहीं होता, लेकिन राजनीतिक फायदे के लिए कांग्रेस नेताओं ने भगवा को आतंकवाद से जोड़ने की शर्मनाक कोशिश की.
उन्होंने कहा कि यह रंग हमारे बलिदानी वीरों की पहचान है. साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित जैसे लोगों को झूठे केस में फंसाकर न केवल अन्याय किया गया, बल्कि राष्ट्रवाद और आस्था के प्रतीकों को भी कलंकित किया गया.
उमा भारती ने बताया कि वह खुद नासिक जेल में साध्वी प्रज्ञा से मिली थीं और उनकी आपबीती सुनी थी. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने यह झूठा नैरेटिव गढ़ा, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.
उमा भारती ने 2008 में उभरे “भगवा आतंकवाद” के नैरेटिव को कांग्रेस की एक "राजनीतिक साजिश" बताया है. उनके अनुसार, इस कथित सिद्धांत की शुरुआत कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने, राहुल गांधी के इशारे पर की थी. इसका उद्देश्य इस्लामी आतंकवाद के विमर्श को कमजोर करना और हिंदुत्व को उसके बराबर खड़ा कर विश्व मंच पर भारत की छवि खराब करना था.
इस राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कई निर्दोषों को बलि का बकरा बनाया गया, जिनमें प्रमुख रूप से साध्वी प्रज्ञा, कर्नल पुरोहित जैसे नाम सामने आए. उमा भारती ने आरोप लगाया कि यह केवल राजनीतिक प्रतिशोध नहीं था, बल्कि राष्ट्रवाद के प्रतीकों को कलंकित करने की कोशिश थी.
भगवा आतंकवाद' शब्द गढ़ने वालों को माफ़ी मांगनी चाहिए
उमा भारती ने सीधे तौर पर राहुल गांधी, दिग्विजय सिंह और उन तमाम नेताओं पर हमला बोला जिन्होंने 'भगवा आतंकवाद' का झूठा नैरेटिव गढ़ा। इन नेताओं ने इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के बजाय अपने वोट बैंक के लिए हिन्दुओं को ही आतंकवादी बना दिया। आज जब कोर्ट ने उन्हें निर्दोष कहा है, तब इन सभी को देश के सामने हाथ जोड़कर, कान पकड़कर माफ़ी मांगनी चाहिए।
राजनीतिक षड्यंत्र की परतें खुलीं
उमा भारती का आरोप स्पष्ट है इस्लामिक आतंकवाद से बने वोट बैंक को खुश रखने के लिए कांग्रेस ने ‘हिन्दू आतंकवाद’ शब्द का आविष्कार किया। ये वो साजिश थी जो नेहरू युग से शुरू हुई ताले राम जन्मभूमि पर और माफ़ी मुस्लिम नाराज़गी से डरकर। यही नीति साध्वी प्रज्ञा पर अत्याचार में बदल गई।
अगर नाम ले लेतीं तो... उमा भारती की गर्जना
उमा भारती ने वो सच्चाई भी खोली जो आज तक अंधेरे में थी। अगर साध्वी या कर्नल पुरोहित यातना के आगे हार मान जाते और कुछ नाम उगल देते, तो आज BJP के कई शीर्ष नेता और दूसरे राष्ट्रवादी संगठन जेलों में बंद होते। साध्वी ने अपना जीवन लुटा दिया लेकिन सत्य और राष्ट्रवाद को गिरने नहीं दिया। कोर्ट ने आज सुनाया फैसला और इतिहास ने गवाही दी कि भगवा को बदनाम करने की हर कोशिश आज शर्मसार हुई।