भूपेश बघेल के बेटे की बढ़ीं मुश्किलें, ED ने दायर की 7000 पेज की चार्जशीट: शराब घोटाले में जेल में हैं चैतन्य बघेल
ED के इन आरोपों पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय एजेंसियों पर विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने का आरोप लगाया है। हालांकि उन्होंने न्यायपालिका पर भरोसा जताते हुए जांच में सहयोग करने की बात कही है

ईडी ने रायपुर कोर्ट में चैतन्य बघेल के खिलाफ चालान पेश किया। शराब घोटाले में ईडी की टीम ने 7000 पन्नों का चालान पेश किया है। चैतन्य बघेल 18 जुलाई से जेल में बंद हैं।
रायपुर. छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को बड़ा कदम उठाया है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की कस्टोडियल रिमांड पूरी होने पर उन्हें रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया गया. इस दौरान ED ने चार बंडल में करीब 7000 पन्नों का चालान कोर्ट के सामने रखा. पेशी के दौरान आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने भी कोर्ट में आवेदन दिया. दोनों एजेंसियों ने चैतन्य बघेल की 7 दिन की कस्टोडियल रिमांड मांगी है. एजेंसियों का कहना है कि शराब घोटाले में कई अहम बिंदुओं पर पूछताछ की जानी बाकी है. कोर्ट ने फिलहाल इस पर अपना आदेश सुरक्षित रखा है.
इसी बीच, चैतन्य बघेल के खिलाफ ED की कार्रवाई को बिलासपुर हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है. जस्टिस अरविंद वर्मा की सिंगल बेंच में सोमवार को सुनवाई हुई, लेकिन यह अधूरी रही. अब अगली सुनवाई 19 सितंबर को होगी. याचिका में चैतन्य की हिरासत को अवैध बताते हुए उनकी रिहाई की मांग की गई है. अब सबकी नजरें रायपुर कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं कि क्या EOW-ACB को चैतन्य की 7 दिन की रिमांड मिलेगी या नहीं. वहीं, 19 सितंबर को हाई कोर्ट की सुनवाई भी इस मामले में अहम साबित होगी.
मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए करोड़ों रुपये की हेराफेरी, ED का आरोप
ED का कहना है कि छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाले में चैतन्य बघेल की संलिप्तता है और उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए करोड़ों रुपये की हेराफेरी की. इसी आधार पर उन्हें हिरासत में लिया गया और पूछताछ की जा रही है. इस पूरे घटनाक्रम ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मचा दी है. कांग्रेस इसे राजनीतिक साजिश बता रही है, जबकि भाजपा का कहना है कि शराब घोटाले की जांच में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.
शराब वितरण से जुड़ी अवैध कमाई को वैध दिखाने की कोशिश
माना जा रहा है कि ईओडब्ल्यू इस मामले की स्वतंत्र जांच कर रही है, जिसमें सरकारी राजस्व को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाने की आशंका जताई गई है. ईडी की अब तक की जांच में यह सामने आया है कि शराब वितरण से जुड़ी अवैध कमाई को विभिन्न चैनलों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग कर वैध दिखाने की कोशिश की गई. बघेल पर आरोप है कि वे इस नेटवर्क का अहम हिस्सा थे और आर्थिक लाभ उठाने वालों से उनकी सीधी हिस्सेदारी थी. ईडी की चार्जशीट में कई ऐसे वित्तीय दस्तावेज शामिल हैं जिनमें बघेल के नाम और उनके सहयोगियों का उल्लेख किया गया है.
ईओडब्ल्यू का नए तथ्य जुटाने का दावा
ईओडब्ल्यू ने अब इस मामले को अपने स्तर पर आगे बढ़ाते हुए नए तथ्य जुटाने का दावा किया है. यही कारण है कि प्रोडक्शन वारंट के जरिए उन्हें औपचारिक गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी है. सूत्रों का कहना है कि यदि ईओडब्ल्यू को कोर्ट से अनुमति मिलती है तो बघेल से अलग से पूछताछ की जाएगी और नए साक्ष्य सामने आ सकते हैं.
EOW ने भी मांगी हिरासत
इसी बीच आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने भी प्रोडक्शन वारंट जारी कर पूछताछ के लिए सात दिन की रिमांड मांगी है. विशेष अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है, जिस पर मंगलवार को सुनवाई होगी. ईओडब्ल्यू ने जून में एक पूरक चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें पूर्व आबकारी मंत्री को 60 करोड़ रुपये प्राप्त करने का आरोप लगाया गया था.
19 सितंबर को HC में होगी सुनवाई
इसके अलावा चैतन्य की गिरफ्तारी के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर याचिका की अगली सुनवाई 19 सितंबर को होगी, जहां चैतन्य की कानूनी टीम अपनी दलीलें पेश करेगी, जिसमें गिरफ्तारी को चुनौती दी गई है. ये मामला अभी भी कई कानूनी प्रक्रियाओं से गुजर रहा है.