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गुजरात
सम्यग्दृष्टि ही धर्म की वास्तविक नींव है" - मुनिश्री समर्पित सागर जी म.सा.

सम्यग्दृष्टि ही धर्म की वास्तविक नींव है" - मुनिश्री समर्पित...

धर्म में केवल क्रियाएं नहीं, बल्कि शुद्ध भावना का होना अनिवार्य है।

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