न्यायालय में विवादित भूमि का मुकदमा विचाराधीन,भू माफियाओं द्वारा विक्रय की गई जमीन

झांसी के नटराज कंपनी के मालिक ने क्रय की विवादित भूमि

न्यायालय में विवादित भूमि का मुकदमा विचाराधीन,भू माफियाओं द्वारा विक्रय की गई जमीन

उरई । भू माफियाओं के कारनामों की फेरहिस्त लंबी होती चली जा रही है एक ताजा मामला उरई तहसील के ग्राम मिनौरा कालपी का है । जिसमें विक्रेता ने भूमि की बिक्री तो जायज की थी परंतु विक्री के उपरांत जो भुगतान क्रेताओं द्वारा किया गया उसमें बड़ा झोल कर दिया गया । इसके बाद विक्रेता में तीनों क्रेताओं पर सिविल न्यायालय जूनियर डिविजन के यहां बैनामा निरस्तीकरण का मुकदमा पंजीकृत करा दिया इस बीच जिन क्रेताओं के ऊपर मुकदमा न्यायालय में पंजीकृत हुआ था उन्होंने न्यायालय का तथ्य छिपाते हुए झांसी की एक बड़ी फर्म को उक्त विवादित भूमि का बैनामा उसके हक में कर दिया जिस पर झांसी की फर्म जबरन कब्जा करने के लिए निर्माण कार्य शुरू कर दिया । जब इसकी भनक प्रथम विक्रेता जगत विक्रम सिंह पुत्र गोविंद दास निवासी रामनगर रोड चिरगांव ने पुलिस अधीक्षक को दिनांक 22/3/2025 की तो करवाई में विलंब दिखा इसके बाद जगत विक्रम सिंह ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर यह शिकायत दर्ज कराई कि अवर अभियंता संतोष कुमार अग्रवाल पुत्र सतीश चंद्र अग्रवाल निवासी मोहल्ला राम नगर गरौठा,प्रमोद कुमार पुत्र कैलाश नारायण निवासी गांधी नगर उरई व इनके दो साथियों द्वारा जो भूमि विक्री की गई थी उसका भुगतान जो चेक से दिया था वह प्राप्त नहीं हुआ साथ पांच लाख की धनराशि इसी बैनामे में उधार की गई थी उसका भी भुगतान उक्त क्रेताओं द्वारा नहीं किया गया । जगत विक्रम सिंह ने न्यायालय में बाद संख्या 100/2020 में यह कहा है कि उक्त क्रेताओं द्वारा पंद्रह लाख रुपए शेष है वहीं दूसरी और जब यह बात क्रेताओं को मालूम हुई कि मुकदमा न्यायालय में पंजीकृत हो गया है तो उन्होंने आराजी संख्या 206 खसरा संख्या 402 रकवा 1.012 संपूर्ण को क्रय करने के लिए ग्राहकों से संपर्क करना शुरू कर दिया तभी झांसी की एक बड़ी कंपनी के मालिक संजय खन्ना से उक्त संतोष अग्रवाल आदि का मिलन होता है जो उक्त विवादित भूमि की बिक्री की डील की जाती है जब दोनों पक्ष तैयार हो गए तो संतोष अग्रवाल आदि ने उक्त विवादित भूमि की बिक्री संजय खन्ना को कर दी जबकि क्रेताओं द्वारा विक्रेता संजय खन्ना से यह तथ्य छिपाया गया कि आराजी संख्या 206 खसरा संख्या 402 का मुकदमा न्यायालय में विचाराधीन है और न ही इतनी बढ़ी भूमि का सौदा करते समय संजय खन्ना ने यह चेष्टा नहीं की कि यह खोजबीन की जाय कि क्रय की जा रही भूमि में कोई विवाद तो नहीं है ।

जब इस संबंध में जगत विक्रम सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि अवर अभियंता संतोष अग्रवाल के खिलाफ शासन में एक और शिकायत कराई गई है जिसमें जमीन की खरीद व विक्री की अनुमति विधिवत ली गई है या नहीं यह अभियंता करोड़ों की जमीन खरीद फरोख्त करता है ये धनराशि कहां से आती है बमुश्किल 70 हजार की तनख्वाह पाने वाला अभियंता भू माफियागिरी कर करोड़ों की जमीन की खरीद व विक्री कर रहा है और इसके साथ जो भी साझेदार है उनकी भी आर्थिक अपराध अनुसंधान लखनऊ को शिकायती पत्र भेजा जा रहा जिसमें इन सभी की संपति की जांच कराने का प्रार्थना पत्र दिया जाएगा उन्होंने कहा कि यह लड़ाई कानूनी तो लड़ी ही जाएगी साथ ही गलत तरीके से कमाई गई संपति की जांच भी बहुत ही गहनता से कराई जाएगी ।