अन्ना हजारे ने किया बड़ा ऐलान,30 जनवरी 2026 से अंतिम सांस तक अनशन; अन्ना एक बार फिर करने जा रहे आंदोलन

अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र में लोकायुक्त कानून लागू न होने पर नाराजगी जताते हुए 30 जनवरी से रालेगणसिद्धी में आमरण अनशन का ऐलान किया है. 2022 में किए गए वादों के बावजूद कानून अब तक लागू नहीं हुआ. हजारे ने बताया कि उन्होंने सात बार देवेंद्र फडणवीस को खत लिखा, पर कोई जवाब नहीं मिला, इसलिए अब निर्णायक लड़ाई शुरू करेंगे.

अन्ना हजारे ने किया बड़ा ऐलान,30 जनवरी 2026 से अंतिम सांस तक अनशन; अन्ना  एक बार फिर करने जा रहे आंदोलन

अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर साफ कहा है कि अगर लोकायुक्त कानून तुरंत लागू नहीं किया गया तो वे 30 जनवरी 2026 से अपने गांव रालेगण सिद्धि में आमरण अनशन शुरू कर देंगे।

30 जनवरी 2026 से समाजसेवी अन्ना हजारे ने भूख हड़ताल शुरू करने का ऐलान किया है. महाराष्ट्र में लोकायुक्त कानून को लागू करने की उन्होंने मांग की है. रालेगन सिद्धि में भूख हड़ताल शुरू करेंगे. एबीपी माझा के मुताबिक, अन्ना हजारे ने राज्य के सीएम देंवेद्र फडणवीस को चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में उन्होंने भूख हड़ताल शुरू करने की बात कही है. महाराष्ट्र सरकार ने 28 दिसंबर 2022 को विधानसभा और 15 दिसंबर 2023 को विधान परिषद से लोकायुक्त बिल पास किया था. लेकिन अभी तक इसे लागू नहीं किया गया जिसकी वजह से अब अन्ना ने अनशन शुरू करने का फैसला लिया है.

सरकार के साथ कई मीटिंग हुई- अन्ना हजारे

अन्ना हजारे ने कहा, "ये देश कानून के आधार पर चला है. लोकसभा और विधानसभा में मुख्य काम कानून बनाना है. मैंने आज तक 10 कानून बनाए...अभी राज्य में सशक्त लोकायुक्त कानून होना जरूरी है. इसके लिए सरकार और हमारे बीच काफी मीटिंग हो गई. सरकार ने आश्वासन भी दिया. लेकिन अभी तक लोकायुक्त कानून नहीं आया. इसलिए मैं अब इस इरादे पर आ गया कि सशक्त लोकायुक्त कानून अगर नहीं आया तो हमें जीने की कोई इच्छा नहीं."

जब तक शरीर में प्राण, समाज की भलाई करेंगे- अन्ना

अन्ना हजारे ने आगे कहा, "पूरा जीवन देश की भलाई के लिए हैं. सोने का बिस्तर और खाने के प्लेट के अलावा कुछ नहीं है. खुद के लिए कुछ नहीं, समाज की भलाई, जब तक शरीर में प्राण है तब तक करेंगे. 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि है. उनका आदर्श हमारे सामने है. मृत्यु भी उधर ही होगा, जब तक ये लागू नहीं होता तब तक अनशन चलेगा."

बता दें कि अन्ना हजारे ने 2011 में भ्रष्टाचार के खिलाफ ऐतिहासिक आंदोलन छेड़ा था, जिसने जन लोकपाल बिल की मांग को राष्ट्रीय स्तर पर उजागर किया. उनके नेतृत्व में लाखों लोग सड़कों पर उतरे थे, और 'अन्ना, जागो' का नारा उस समय के आंदोलन का प्रतीक बन गया था. दिल्ली के रामलीला मैदान में कई दिनो तक अन्ना का आंदोलन चला था.