बाड़मेर जैन श्री संघ का सर्वमंगलमय वर्षावास - 2025: खरतरगच्छाचार्य श्री जिनपीयूषसागर सूरीश्वर जी म.सा. की मौन साधना की अनुमोदना

सूरत स्थित कुशल दर्शन दादावाड़ी, पर्वत पाटिया में बाड़मेर जैन श्री संघ के सर्वमंगलमय वर्षावास के तहत खरतरगच्छाचार्य श्री जिनपीयूषसागर सूरीश्वर जी म.सा. की 25 उपवास सह सूरिमंत्र महालक्ष्मी पीठिका मौन साधना की अनुमोदना समारोह भक्ति और उत्साह के साथ संपन्न हुआ

सूरत में बाड़मेर जैन श्री संघ का सर्वमंगलमय वर्षावास —

खरतरगच्छाचार्य श्री जिनपीयूषसागर सूरीश्वर जी म.सा. की 25 उपवास सह मौन साधना की अनुमोदना, भक्ति और साधना से गुंजा कुशल दर्शन दादावाड़ी

सूरत की पावन धरा पर स्थित कुशल दर्शन दादावाड़ी, पर्वत पाटिया में आज का दिन भक्ति, साधना और उत्सव से ओतप्रोत रहा। यह आयोजन खरतरगच्छाचार्य श्री जिनपीयूषसागर सूरीश्वर जी म.सा. की 25 उपवास सह सूरिमंत्र महालक्ष्मी पीठिका मौन साधना की अनुमोदना के निमित्त किया गया।
प्रातःकालीन सत्र का आरंभ स्नात्र पूजा, महा प्रभावी नमिऊन अनुष्ठान की पूजन, तथा धर्म चक्र आराधकों के बहुमान (सम्मान) जैसे पावन कार्यक्रमों से हुआ। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने इस आराधना में भाग लेकर अपने जीवन में आध्यात्मिकता और पुण्य की भावना को पुष्ट किया।
दोपहर बाद, भव्य रत्नत्रयी महोत्सव के अंतर्गत "भव्य गाव सांझी" का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कोमल गोलेच्छा फलौदी द्वारा प्रस्तुत भावपूर्ण संगीतमय सांझी ने वातावरण को भक्ति और आनंद से आलोकित कर दिया। पूरे दिन के आयोजन में गुरु भगवंत की मौन साधना एवं 25 उपवास की आराधना का अनुमोदन श्रद्धाभाव से किया गया। देर शाम प्रभु भक्ति का आयोजन भी संपन्न हुआ।
बाड़मेर जैन श्री संघ के वरिष्ठ सदस्य चंपलाल बोथरा ने इस अवसर पर कहा कि गुरुवर की यह साधना न केवल आत्मशुद्धि का संदेश देती है, बल्कि समाज को संयम, साधना और संस्कारों की दिशा में अग्रसर करती है। उन्होंने कहा, "सूरत की धरती धन्य है कि ऐसे आचार्य भगवंत का वर्षावास यहाँ हो रहा है।" कार्यक्रम के दौरान श्रद्धालुओं ने सामूहिक रूप से 'जय गुरुदेव' का घोष कर गुरु भक्ति का अभूतपूर्व भाव प्रदर्शित किया।

संकलन: चम्पालाल बोथरा, सूरत