विवादित आदेश पर CM का एक्शन: जाति-धर्म के आधार पर कार्रवाई नहीं चलेगी, संयुक्त निदेशक पंचायती राज निलंबित
मुख्यमंत्री ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि इस प्रकार की भाषा और सोच न केवल शासन की नीतियों के विरुद्ध है, बल्कि समाज में विभाजन पैदा करने वाली है, जिसे किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध कब्जों के खिलाफ कार्यवाही पूरी निष्पक्षता, तथ्यों और कानून के अनुसार होनी चाहिए, न कि जाति या धर्म के आधार पर

मुख्यमंत्री योगी की सख्त चेतावनी: "जाति-धर्म के आधार पर कार्रवाई बर्दाश्त नहीं, अवैध कब्जों पर हो निष्पक्ष कार्यवाही"
बलियाः एक तरफ जहां सूबे की सरकार सबका साथ, सबका विकास का मंत्र लेकर शासन को आगे बढ़ा रही है और साथ ही उसे और बेहतर करने की कोशिश कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे अधिकारी हैं, जो सरकार की इन कोशिशों में पलीता लगाने का काम कर रहे हैं. ताजा मामला उत्तर प्रदेश के बलिया जिले का है, जहां के डीपीआरओ अवनीश कुमार ने एक तुगलकी फरमान जारी कर दिया और वो भी कोई ऐसा-वैसा नहीं, सीधा एक धर्म के खिलाफ.
डीपीआरओ का तुगलकी फरमान
डीपीआरओ अवनीश कुमार ने यादव समाज व मुसलमान धर्म के खिलाफ आदेश जारी किया है. ग्राम समाज जमीन, खलिहान, खेल के मैदान ,पंचायत भवन पर अवैध कब्जा के खाली कराने का निर्देश है और इसके लिए उन्होंने जिले के समस्त खंड विकास अधिकारी को पत्र जारी कर दिया. हालांकि जब यह पूरा मामला उजागर हुआ तो सीएम योगी ने सख्त रवैया अपनाते हुए आदेश रद्द करने का निर्देश दिया और यही नहीं पंचायती राज विभाग के संयुक्त निदेशक को निलंबित भी कर दिया.
सीएम योगी का चला डंडा
डीपीआरओ अवनीश कुमार ने आदेश दिया था कि सभी खंड विकास अधिकारी अभियान चलाकर अवैध अतिक्रमण खाली कराएं. जिले के सभी SDM के साथ-साथ कमिश्नर, CDO और जिलाधिकारी को पत्र भी भेज दिया. वहीं जाति-धर्म आधारित कार्रवाई वाले आदेश के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्शन लेते हुए आदेश रद्द कर दिया और पंचायती राज विभाग के संयुक्त निदेशक को निलंबित भी कर दिया.
कहा- जाति धर्म के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं
सीएम योगी ने सख्त लहजे में कहा कि सरकार की नीति पूर्वाग्रह से प्रेरित नहीं हो सकती है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने जातीय-धार्मिक आधार पर कार्रवाई को अस्वीकार्य बताया है. संविधान विरोधी आदेश पर सीएम योगी जीरो टॉलरेंस दिखाते हुए पंचायती राज के संयुक्त निदेशक को निलंबित कर दिया. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई जाति-धर्म के आधार पर कतई नहीं होनी चाहिए.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, यूपी में अवैध कब्जा करने वाले यादव और मुस्लिमों के खिलाफ आदेश दिया गया था. यह आदेश पंचायती राज विभाग की तरफ से सभी बीडीओ को जारी किया गया है. केवल यादव और मुस्लिमों के खिलाफ सरकारी अभियान चलाने का लेटर वायरल होते ही बवाल शुरू हो गया है. कुल दो पत्र वायरल हो रहे हैं. एक पत्र पंचायती राज विभाग के निदेशक की तरफ से सभी जिलाधिकारिों को भेजा गया है. इसपर संयुक्त निदेशक पंचायती राज विभाग के निदेशक की तरफ से सभी डीएम को भेजा गया है. वहीं दूसरा पत्र बलिया के जिला पंचायत राज अधिकारी अवनीश कुमार ने सभी बीडीओ को जारी किया है. लेटर में कहा गया है कि यूपी में 57691 ग्राम पंचायतों में यादव और मुस्लिमों द्वार अवैध कब्जों से ग्राम सभा की जमीनों, पोखरा, खाद गड्ढों, खलिहानों, खेल मौदान, शमशान भूमि एवं ग्राम पंचायत भवन को मुक्त कराने के लिए अभियान चलाया जाए.