भगवा आतंकवाद' पर दिग्विजय सिंह की सफाई: मैंने कभी ऐसा बयान नहीं दिया, बेवजह न घसीटा जाए

मालेगांव ब्लास्ट मामले में सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया गया है. कोर्ट के फैसले के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. इस बीच दिग्विजय सिंह ने कहा, मैंने जीवन में कभी हिंदू या भगवा आतंकवाद का नाम लेकर बयान नहीं दिया. मुझे बेवजह बदनाम न किया जाए. हम हर तरह के आतंकवाद और कट्टरपंथ के खिलाफ थे, हैं और रहेंगे

भगवा आतंकवाद' पर दिग्विजय सिंह की सफाई: मैंने कभी ऐसा बयान नहीं दिया, बेवजह न घसीटा जाए

भगवा आतंकवाद' पर दिग्विजय सिंह का पलटवार: मैंने ऐसा कभी नहीं कहा, झूठा प्रचार बंद हो

भोपाल। मालेगांव बम धमाके में फैसले के बाद सबसे चौंकाने वाला बयान वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का आया है। उन्होंने हिंदू आतंकवाद या भगवा आतंक जैसे शब्दों के उपयोग से साफ इनकार कर दिया। उनका कहना है कि उन्होंने ऐसा कोई शब्द कभी उपयोग नहीं किया और न ही इस शब्द को कांग्रेस ने गढ़ा है।

दिग्विजय सिंह ने कहा, मुझे बेवजह बदनाम न किया जाए. मैंने संघी आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल किया क्योंकि एमपी का सीएम रहते मेरे पास उनसे जुड़े अभिनव भारत, बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद के लोगों के इसमें संलिप्त होने के सुबूत के साथ पुख्ता इनपुट थे. मैंने सीएम रहते सिमी को बैन किया. कांग्रेस और मेरे मुताबिक, आतंक का कोई धर्म या जाति नहीं होती है.

आतंक का दंश तो हमने झेला है

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि आतंक का दंश तो हमने झेला है. महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, बेअंत सिंह इसके शिकार हुए. हम हर तरह के आतंकवाद और कट्टरपंथ के खिलाफ थे, हैं और रहेंगे.उधर, कोर्ट का फैसला आने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और पार्टी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने कहा कि कांग्रेस नेताओं खासकर दिग्विजय सिंह को हिंदू आतंकवाद का विमर्श गढ़ने के लिए माफी मांगनी चाहिए.

क्या बोले मुख्यमंत्री मोहन यादव

मुख्यमंत्री यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, सत्यमेव जयते...मालेगांव विस्फोट प्रकरण में सभी आरोपियों का निर्दोष सिद्ध होना कांग्रेस की संकुचित मानसिकता पर करारा प्रहार है। उन्होंने कहा कि ‘हिन्दू आतंकवाद’ जैसे विमर्श गढ़ने वाली कांग्रेस को सदैव याद रखना चाहिए कि हिन्दू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता। यह निर्णय सनातन धर्म, साधु-संतों एवं भगवा को अपमानित करने वाले लोगों को करारा जवाब है। कांग्रेस को सभी सनातनियों से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।

दरअसल, उत्तरी महाराष्ट्र के मालेगांव शहर में हुए विस्फोट में छह लोगों की जान जाने के लगभग 17 साल बाद मुंबई की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को पूर्व बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया. अदालत ने कहा कि उनके खिलाफ कोई विश्वसनीय और ठोस सबूत नहीं हैं. आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, अदालत ने कहा कि वह केवल धारणा के आधार पर किसी को दोषी नहीं ठहरा सकती.

बता दें कि मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर मालेगांव शहर में एक मस्जिद के पास 29 सितंबर 2008 को एक मोटरसाइकिल पर बंधे विस्फोटक उपकरण में विस्फोट हो गया, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई और 101 अन्य घायल हो गए थे.